HCS: हरियाणा सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम पर हाई कोर्ट की रोक, याची ने परीक्षा रद करने रखी थी मांग
HCS हरियाणा सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। दायर याचिका का हाई कोर्ट ने निपटारा कर परीक्षा का परिणाम जारी करने पर फिलहाल रोक लगा दी है। प्रारंभिक परीक्षा में 32 सवाल पिछली परीक्षा के आने के खिलाफ याचिका दायर की थी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: हरियाणा सिविल सर्विस (एचसीएस) की कार्यकारी शाखा और संबद्ध सेवाओं के 100 पदों के लिए 21 मई को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में 32 सवाल पिछली परीक्षा के आने के खिलाफ दायर याचिका का हाई कोर्ट ने निपटारा कर दिया है। हाई कोर्ट इस परीक्षा का परिणाम जारी करने पर फिलहाल रोक लगा दी है।
बहस के दौरान याची पक्ष के वकील रविंद्र सिंह ढुल ने कोर्ट को बताया कि केवल आठ महीने पहले हुई परीक्षा के प्रश्न इस परीक्षा में कापी करना बड़ा हास्यास्पद है। इससे पहले भी एक परीक्षा में हरियाणा लोक सेवा आयोग ने मध्यप्रदेश की एक परीक्षा के लगभग एक तिहाई सवाल कापी किए थे।
रविंद्र ढुल ने कहा कि इस तरह की परीक्षा योग्य उम्मीदवारों के साथ एक मजाक है। बेंच ने यह दलील सुनने के बाद कहा कि इस तरह की गलती कभी स्वीकार नहीं की जा सकती। इस पर सरकार की तरफ से पेश एडवोकेट जनरल ने बेंच को आश्वासन दिया कि सरकार याची पक्ष की सभी मांग पर उचित निर्णय लेगी और अगर कोई कमी है तो उनको दूर करेगी।
इस पर कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आपको कितना समय चाहिए। सरकार की तरफ से शिकायतों के निपटारे के लिए एक महीने के समय की मांग की गई, जबकि याची पक्ष ने कहा कि वह 10 दिन के भीतर अपना प्रस्तुतिकरण आयोग के सामने पेश कर देगा।
प्रस्तुतिकरण पर निर्णय लेने तक परिणाम पर रोक
हाई कोर्ट के जस्टिस सुवीर सहगल ने याचिका का निपटारा करते हुए आयोग को आदेश दिया कि इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए प्रस्तुतिकरण पर निर्णय लेकर उचित आदेश जारी करें। कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि जब तक प्रस्तुतिकरण पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक आयोग हरियाणा सिविल सर्विस (एचसीएस) की कार्यकारी शाखा प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी नहीं करेगा।
परीक्षा रद करने की मांग
इस मामले में जींद निवासी अंकुर कुमार व अन्य ने सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट में पिछले साल की परीक्षा के लगभग एक तिहाई प्रश्न कापी करने का आरोप लगाते हुए यह परीक्षा रद करने की मांग की थी।
विज्ञापन को लेकर भी सवाल खड़े किए गए
याचिका में हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा एचसीएस की भर्ती के लिए फरवरी में जारी विज्ञापन में विरोधाभासी निर्देशों को लेकर भी सवाल खड़े किए गए हैं।