मालिक्यूलर लैब में हेपेटाइटिस मरीजों की होगी निश्शुल्क जांच
मालिक्यूलर लैब में मरीजों के लिए हेपेटाइटिस- बी व सी जांच शुरू हो गई है। यहां पर मरीजों को निश्शुल्क जांच की सुविधा मिलेगी। हालांकि अभी मरीजों को हेपेटाइटिस-बी व सी की जांच के लिए काफी परेशानी होती थी। अब ओपीडी में रैपिड किट में पाजिटिव मिलने पर सीधे मरीज की जांच के लिए वायरल लोड लैब में भेज दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: मालिक्यूलर लैब में मरीजों के लिए हेपेटाइटिस- बी व सी जांच शुरू हो गई है। यहां पर मरीजों को निश्शुल्क जांच की सुविधा मिलेगी। हालांकि अभी मरीजों को हेपेटाइटिस-बी व सी की जांच के लिए काफी परेशानी होती थी। अब ओपीडी में रैपिड किट में पाजिटिव मिलने पर सीधे मरीज की जांच के लिए वायरल लोड लैब में भेज दिया जाएगा।
मालूम हो कि नागरिक अस्पताल में इलाज के लिए रोजाना करीब 1300 मरीज पहुंचते हैं। यहां पर मरीज सर्जरी, मेडिसिन, गायनी, दंत विभाग समेत अन्य ओपीडी में दिखाते हैं। चिकित्सक मरीजों को एक्सरे, रक्त की जांच, हेपेटाइटिस आदि की जांच लिखते हैं। मेडिसिन की ओपीडी में हेपेटाइटिस-बी व सी के दो से तीन मरीज रोज आते हैं। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो निजी लैब में हेपेटाइटिस-बी व सी की जांच करीब छह से सात हजार रुपये में होती है। इस संबंध में मेडिकल आफिसर डा. हर्ष कुशवाह ने बताया कि ओपीडी में आने वाले मरीजों की पहले रैपड किट से जांच की जाती है।
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जांच में मरीजों को मिली राहत
पहले मरीजों की रैपिड किट से हेपेटाइटिस-बी व सी की जांच होती थी। इसमें पाजिटिव मिलने पर मरीज का वायरल लोड की जांच के लिए कूपन मिलता था। इस कूपन से निजी लैब में जांच करने में परेशानी होती थी, हालांकि कूपन से जांच भी फ्री होती थी। अब ओपीडी के मरीजों की सीधे ही लैब में जांच आसानी से होगी।
------------- संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थापना दिवस पर लगाया शिविर
अंबाला, विज्ञप्ति : लीगल एड पैनल अधिवक्ता संजीव जौली ने गांव पंजलासा में अतिरक्त सिवल जज सीनियर डिविजन कम चेयरपर्सन सब डीविजनल लीगल सर्विस कमेटी, नारायणगढ़ के निर्देशानुसार संयुक्त राष्ट्र दिवस व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के ²ष्टिगत एक कानूनी जागरूकता शिविर लगाया गया।इस अवसर पर लीगल ऐड पेनल अधिवक्ता संजीव जौली ने गांव पंजलासा में उपस्थित लोगो को बताया की दुसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया को तीसरे महायुद्ध से बचाने के लिए एक संगठन की स्थापना का विचार रखा गया। इस दिशा में किए गए प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र की स्थापना का विचार मूर्त रूप ले पाया और उसके बाद संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र तैयार किया गया और इसे 24 अक्टूबर 1945 को लागू किया गया।