पांव पसार रहे कोरोना वायरस के प्रकोप को कम करने में जुटा स्वास्थ्य मकहमा
अब तब जितने भी कोरोना संक्रमण के मामले आए उसमें से अधिकतर ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला : कोरोना वायरस के संक्रमण स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों के आगे नतमस्तक हो रहा है। संक्रमित में एक की मौत पीजीआई में हो चुकी, जबकि दूसरे का इलाज चंडीगढ़ में चल रहा है। इस तरह 14 मरीजों में कोरोना के संक्रम की पुष्टि स्वास्थ्य महकमा कर चुका है। कैंसर, टीबी, ट्यूमर से लेकर पेट खराब होने का शिकार होने वालों की कमजोरी का फायदा कोरोना को मिल रहा है। हाल कि दिनों में चिकित्सकों के सामने ऐसे केस आए हैं जिससे वह अचंभे में पड़ गए। आइसीएमआर की गाइड लाइन के मुताबिक सर्दी, खांसी, बुखार के अलावा सिरदर्द अथवा सांस लेने की दिक्कत झेल रहे लोग कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हो सकते हैं, लेकिन ट्यूमर, पेट में खराबी, किडनी, टीबी आदि से ग्रसित लोगों में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। प्रशासन ने छावनी की टिबर मार्केट, राम किशन कालोनी और ठरवा को सील कर रखा है, यहां से किसी को बाहर आने जाने की अनुमति नहीं है। साथ ही लोगों को जागरुक करने का काम हो रहा कि बच्चे और बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखा जाए। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल मोबाइल टीम गांव गांव पहुंचकर लोगों की जांच करके आवश्यक दवाओं के साथ सुझाव देने का काम कर रही है। पहला केस :
छावनी के टिबर मार्केट में रहने वाले एक बुजुर्ग को नागरिक अस्पताल छावनी लेकर परिजन पहुंचे थे। यहां से उसकी नाजुक हालत को देखते हुए पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया था। जहां उसकी मौत हो गई और मौत के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई। दूसरा केस :
छावनी के राम किशन कॉलोनी के एक मस्जिद में जमातियों में कोरोना के संक्रमण के लक्षण पाए गए थे। एक साथ कई जमातियों में कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने उन्हें अलग अलग सेंटरों में रखकर इलाज किया, इसके बाद उनकी जांच रिपोर्ट संतोषजनक मिलने पर घर के लिए रवाना कर दिया। तीसरा केस :
ठरवा के एक 42 वर्षीय व्यक्ति को डायलसिस करने के लिए 21 अप्रैल को परिजन नागरिक अस्पताल लेकर पहुंचे। इसके अगले दिन सांस लेने में परेशानी को देखते हुए चिकित्सकों ने पीजीआइ रेफर कर दिया, जहां जांच में उसे कोरोना पॉजिटव मिला। इसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं है।
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दो केस में गंभीर बीमारी से ग्रासित रहे हैं मरीज
टिबर मार्केट निवासी की पीजीआइ में इलाज के दौरान हुई मौत पर जब स्वास्थ्य विभाग ने उसकी केस हिस्ट्री को चेक किया तो पता चला कि यह हार्ट का मरीज था और पहले स्वाइन फ्लू का इलाज चल चुका है। साथ ही अन्य कई गंभीर बीमारियों का इलाज चल रहा था। इसी तरह जब डायलसिस कराने के लिए नागरिक अस्पताल पहुंचे मरीज की केस पर चिकित्सकों ने मंथन किया तो पता चला कि उसकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं और इलाज पिछले बीस वर्ष से चल रहा है।
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कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियों के मुताबिक लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का काम कर रही है। अब तब जितने भी कोरोना संक्रमण के मामले आए, उसमें से अधिकतर ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। जो भी एक दो बचे हैं, वह पहले से तरह तरह की बीमारियों से ग्रस्त थे, ऐसे में कमजोर लोगों को खास सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
डॅा मुकेश, आरएमओ छावनी।