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कांट्रेक्ट खत्म, बिना लारी कैसे स्कूलों की जांच करें अधिकारी

खंड शिक्षा अधिकारियों को अनुबंध आधार पर जो गाड़ियां मिली थी उनकी समय सीमा 31 मार्च को खत्म हो गया। अब किसी भी बीईओ के पास स्कूलों व अन्य विभागीय कार्यो को पूरा करने में दिक्कत आ रही है। यहां तक की अधिकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण तक नहीं कर पा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 08:24 AM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 06:26 AM (IST)
कांट्रेक्ट खत्म, बिना लारी कैसे स्कूलों की जांच करें अधिकारी
कांट्रेक्ट खत्म, बिना लारी कैसे स्कूलों की जांच करें अधिकारी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : खंड शिक्षा अधिकारियों को अनुबंध आधार पर जो गाड़ियां मिली थी उनकी समय सीमा 31 मार्च को खत्म हो गया। अब किसी भी बीईओ के पास स्कूलों व अन्य विभागीय कार्यो को पूरा करने में दिक्कत आ रही है। यहां तक की अधिकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण तक नहीं कर पा रहे हैं। कहीं से बुलावा आता है तो जाने का साधन नहीं होने के कारण जवाब दे देते हैं। कहीं ज्यादा जरूरी हो तो वहां अपनी बाइक पर जाना पड़ रहा है।

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निरीक्षण के साथ मीटिंग भी

बीईओ को स्कूलों का निरीक्षण करने के साथ-साथ अधिकारियों की मीटिग में भी जाना होता है, परंतु सरकारी गाड़ी न होने के कारण ये कार्य प्रभावित हो रहा था। इस पर शिक्षा विभाग ने सभी छह बीईओ को अनुबंध आधार पर गाड़ियां उपलब्ध करवाई थी। गाड़ियां मिलते ही बीईओ का कार्य काफी आसान हो गया था। क्योंकि कई बीईओ के पास तो अपनी कार भी नहीं है, इसलिए उन्हें बाइक पर जाना पड़ता था। विभाग ने जो गाड़ियां उपलब्ध करवाई थी उनका अनुबंध 31 मार्च को पूरा हो चुका है। ठेकेदार ने गाड़ियों को वापस मंगवा लिया। अब बीईओ के समक्ष एक बार फिर पहले जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। कहीं जाने के लिए स्टॉफ के अन्य सदस्यों की कार ले जानी पड़ रही है।

हर रोज आ रहे नए आदेश, करनी पड़ रही भागदौड़

इन दिनों प्राइवेट व राजकीय स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया जोरों पर चल रही है। 31 अप्रैल तक स्कूलों में विद्यार्थियों का लक्ष्य पूरा करना है। इसके लिए बीईओ हर रोज किसी न किसी स्कूल में जांच करने के लिए जाना पड़ रहा है। दूसरा निदेशालय व सरकार की तरफ से भी रोजाना नए आदेश आ रहे हैं। जिसके लिए बीईओ कभी स्कूल, कलस्टर तो कभी डीईओ कार्यालय में जाना पड़ रहा है। रही सही कसर चुनाव ड्यूटी ने पूरी कर दी है। हर रोज सचिवालय में मीटिग हो रही है। जिसमें जाना अनिवार्य है। डीईओ की अनुपस्थिति में भी बीईओ को ही विभागीय कार्य निपटाने होते हैं।

एक अप्रैल से गाड़ी नहीं है : बीईओ

बीईओ जगाधरी जय सिंह जुल्का ने बताया कि यह सही है कि इस वक्त किसी भी बीईओ के पास सरकारी गाड़ी नहीं है। विभाग ने पहले अनुबंध आधार पर गाड़ी उपलब्ध करवाई थी। उनका समय 31 मार्च को समाप्त हो गया। गाड़ी न होने से विभागीय कार्य पूरे करने में दिक्कत आ रही है। गाड़ियां आचार संहिता के कारण नहीं मिली या फिर अन्य कारण है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।


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