रागी जत्थों के गुरु शब्दों से संगत निहाल
लुधियाना से आए रागी जत्थे ने गुरु का कीर्तन किया, समाप्ति पर बरताया।
फोटो- 2, 3 लुधियाना से आए रागी जत्थे ने गुरु का कीर्तन किया, समाप्ति पर बरताया लंगर जागरण संवाददाता, अंबाला: गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में छावनी के पंजाबी गुरुद्वारा में आयोजित कीर्तन दरबार में संगतों का हुजूम उमड़ा। लुधियाना से पहुंचे रागी स¨तद्र पाल ¨सह मुख्य रूप से शामिल रहे। जिन्होंने गुरुशब्द विचारों के माध्यम से संगतों को गुरु चरणों से जोड़ा। जबकि पंजाबी गुरुद्वारा से परमजीत ¨सह ने गुरु शब्दों से संगत को निहाल कर गुरु के दिखाए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया दूर-दूर से आई संगत ने गुरूबाणी का आनंद लिया। देरशाम को शुरू हुए कीर्तन दरबार में बच्चों को गुरु शिक्षा ग्रहण करने व उन्हें गुरुओं के बारे में बताया। उन्हें समझाया कि गुरु ग्रंथ साहिब जी का जीवन में क्या महत्व है। गुरुओं ने हमेशा ही जरुरतमंदों की मदद व बड़ों के सम्मान करना सिखाया। गुरुद्वारा प्रधान बीएस ¨बद्रा ने रागी जत्थों को सिरोपा देकर सम्मानित किया। समाप्ति पर गुरुद्वारा साहिब में अटूट लंगर लगाकर संगत में प्रसाद वितरित किया। इस मौके पर कुलवंत ¨सह, सरबजीत लाहोरी, रा¨जद्र ¨सह राजा, त¨वद्र ¨सह साहनी, ब्रह्मजीत ¨सह खालसा, हर¨वद्र ¨सह नीटू, मनमोहन ¨सह, परमजीत ¨सह, मुखतियार ¨सह, गुरमीत ¨सह कालड़ा, अमनप्रीत राजू आदि मौजूद रहे।