चौकी के कंडम घोषित कमरे में सुनी जा रही फरियाद, सालों से खड़े वाहन कंडम
जागरण संवाददाता, अंबाला: हाऊ¨सग बोर्ड पुलिस चौकी छावनी। कोई फरियादी अपना दुखड़ा लेकर पहुंचता है तो उसे चौकी की दो तस्वीरें दिखाई देगी। एक तरफ तो दो नए कमरे दिखाई देंगे तो दूसरी तरफ खस्ताहाल बि¨ल्डग। तो लाजमी है कि नई बि¨ल्डग का ही इस्तेमाल हो रहा होगा। लेकिन कमरों की कमी झेल रही पुलिस मुलाजिम मजबूरी में ही कंडम घोषित बि¨ल्डग के एक कमरे का इस्तेमाल कर रहे हैं। जहां अधिकारी खुद व दुखड़ा लेकर पहुंचने वालों की फरियाद सुनते हैं। कमरे के अंदर का लिंटर भी जगह-जगह से झड़ चुका है। यही नजारा बृहस्पतिवार को चौकी का जायजा लेनी पहुंची दैनिक जागरण की टीम ने देखा। कमरे के अंदर के हालात तो खराब थे ही वहीं नए कमरे भी सीलन भरे थे। चौकी इंचार्ज के कमरे में दीवार के अंदर सीलन तो अंदर बनी रसोई के बाहर ही दीवार में दरार तक पड़ी हुई थी। ठीक चौकी के बाहर ही बिजली के खंभे पर तारों का जंजाल बना
जागरण संवाददाता, अंबाला: हाऊ¨सग बोर्ड पुलिस चौकी छावनी। कोई फरियादी अपना दुखड़ा लेकर पहुंचता है तो उसे चौकी की दो तस्वीरें दिखाई देगी। एक तरफ तो दो नए कमरे दिखाई देंगे तो दूसरी तरफ खस्ताहाल बि¨ल्डग। तो लाजमी है कि नई बि¨ल्डग का ही इस्तेमाल हो रहा होगा। लेकिन कमरों की कमी झेल रही पुलिस मुलाजिम मजबूरी में ही कंडम घोषित बि¨ल्डग के एक कमरे का इस्तेमाल कर रहे हैं। जहां अधिकारी खुद व दुखड़ा लेकर पहुंचने वालों की फरियाद सुनते हैं। कमरे के अंदर का लिंटर भी जगह-जगह से झड़ चुका है। यही नजारा बृहस्पतिवार को चौकी का जायजा लेनी पहुंची दैनिक जागरण की टीम ने देखा। कमरे के अंदर के हालात तो खराब थे ही वहीं नए कमरे भी सीलन भरे थे। चौकी इंचार्ज के कमरे में दीवार के अंदर सीलन तो अंदर बनी रसोई के बाहर ही दीवार में दरार तक पड़ी हुई थी। ठीक चौकी के बाहर ही बिजली के खंभे पर तारों का जंजाल बना हुआ है। बावजूद उसे तक ठीक करवाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। चौकी में कई सालों से चलती आ रही कमरों की कमी को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे।
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गंदगी और खुले आसमान के बीच कबाड़ हो रहे वाहन
चौकी के अंदर सालों से चलते आ रहे मुकदमों में पकड़े गए वाहनों को रखने के लिए भी उचित व्यवस्था नहीं है। कंडम घोषित बि¨ल्डग के अंदर ही पीछे खाली जगह पर गंदगी के बीच वाहनों को खड़ा किया गया है। जो बरसात व एक के ऊपर एक गिरने के कारण भी कबाड़ में तब्दील होते जा रहे हैं। बावजूद इन्हें संभालकर रखने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाए जा रहे।
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कई बार उठा चुका है बि¨ल्डग का मामला
हाउ¨सग बोर्ड चौकी की खस्ता हालत का मामला कई बार उठाया जा चुका है। यहां तक कि पुलिस निगम की मी¨टग में मुद्दा उठाया जा चुका है। अभी तक विभाग द्वारा नई बि¨ल्डग बनवाकर उसमें कमरों की व्यवस्था के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। आसपास की दर्जनों कॉलोनियों की सुरक्षा का जिम्मा चौकी के मुलाजिमों पर होने के कारण यहां कमरों की कमी खलती है।