भरत मिलाप का मार्मिक वर्णन देख नम हुई श्रद्धालुओं की आंखें
जागरण संवाददाता, अंबाला : कथावाचक श्री राधा निकुंज परिवार ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी राम दासजी महाराज यमुनानगर, बरसाने वाले ने बताया कि भगवान राम को बनवास का आदेश देकर महाराज दशरथ अंदर ही अंदर दुखी रहने लगे। श्री राम की याद में ही उनका स्वर्गवास हो गया। तेजा सैनी परिवार के सौजन्य से आयोजित पोप ¨सह मंदिर सभा कच्चा बाजार में चल रही श्री राम कथा में बुधवार को महाराज ने कहा कि महाराज दशरथ की मृत्यु के बाद राज ¨सहासन पर भरत को बैठने के लिए कहा गया तो भरत ने राज ¨सहासन पर बैठने से मना कर दिया। इसके बाद भरत ने भगवान राम से मिलने का मन बनाया और वह भी राम से मिलने वनों की ओर चल दिए। महाराज ने इसके बाद राम व भरत मिलाप का मार्मिक वर्णन किया। अंत में भरत
जागरण संवाददाता, अंबाला : कथावाचक श्री राधा निकुंज परिवार ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी राम दासजी महाराज यमुनानगर, बरसाने वाले ने बताया कि भगवान राम को बनवास का आदेश देकर महाराज दशरथ अंदर ही अंदर दुखी रहने लगे। श्री राम की याद में ही उनका स्वर्गवास हो गया।
तेजा सैनी परिवार के सौजन्य से आयोजित पोप ¨सह मंदिर सभा कच्चा बाजार में चल रही श्री राम कथा में बुधवार को महाराज ने कहा कि महाराज दशरथ की मृत्यु के बाद राज ¨सहासन पर भरत को बैठने के लिए कहा गया तो भरत ने राज ¨सहासन पर बैठने से मना कर दिया। इसके बाद भरत ने भगवान राम से मिलने का मन बनाया और वह भी राम से मिलने वनों की ओर चल दिए। महाराज ने इसके बाद राम व भरत मिलाप का मार्मिक वर्णन किया। अंत में भरत ने राम से उनकी खड़ाऊ मांगी और उनको लेकर ¨सहासन पर रख दिया व खुद जमीन पर बैठ गए। कथा में सुंदर झांकियां भी निकाली गई। इस मौके पर तेजा सैनी, सौरभ सैनी, नीरज, सर्पित, जो¨गद्र, ममता, निशा, समर्थ, मक्कड़, शिवानी ठुकराल, गीतू, रक्षा शर्मा, किरण, संतोष, रश्मि, अशोक कपूर, पंडित सुरेश शांडिल्य, अशोक राणा, मंदिर सभा से मयंक गुप्ता, सिम्पी नंदा आदि मौजूद रहे।