Move to Jagran APP

आयुर्वेदिक विभाग में 90 तरह की दवाइयों का टोटा, डिमांड के बाद भी नहीं हुई खरीद

-आयुर्वेदिक ओपीडी में मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते बढ़ी डिमांड, मरीजों को विकल्प के

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 01:13 AM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 01:13 AM (IST)
आयुर्वेदिक विभाग में 90 तरह की दवाइयों का टोटा, डिमांड के बाद भी नहीं हुई खरीद
आयुर्वेदिक विभाग में 90 तरह की दवाइयों का टोटा, डिमांड के बाद भी नहीं हुई खरीद

-आयुर्वेदिक ओपीडी में मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते बढ़ी डिमांड, मरीजों को विकल्प के तौर पर दे रहे दवा

loksabha election banner

जागरण संवाददाता, अंबाला: जिला नागरिक अस्पताल की आयुर्वेदिक ओपीडी ¨वग में दवाओं का टोटा बरकरार है। ओपीडी में मरीजों की जरुरत को देखते हुए करीब 90 तरह की दवाइयों का डिमांड करे करीब एक माह का समय बीत चुका है। बावजूद अभी तक दवाओं की खेप ही नहीं पहुंच पाई है। केवल विभाग पुराने ढर्रे पर जो 60 तरह ही सामान्य दवाइयां है वो ही उपलब्ध करवाई जा रही। इसलिए आयुर्वेदिक ¨वग में जिस औसत से मरीजों की संख्या बढ़नी चाहिए थी। वो नहीं बढ़ पा रही। जहां अस्पताल में करीब 1800 तक ओपीडी पहुंच जाती है वहीं आयुर्वेदिक ¨वग में यह आंकड़ा महज 70 तक ही सिमट रहा है। जिसमें सबसे बड़ा कारण है ज्यादातर दवाओं का न मिल पाना। यहीं कारण है कि मरीजों को ज्यादातर विकल्प को तौर पर दवाइयां दी जा रही या फिर उन्हें बाहर से खरीदनी पड़ रही।

-----

अगस्त माह की शुरूआत में की जा चुकी डिमांड आयुर्वेदिक ओपीडी के अंदर से करीब 90 तरह की जो दवाइयों की डिमांड कर रखी है वो ओपीडी में दवाओं की कमी को पूरा कर देगी। ओपीडी में चाहे किसी भी बीमारी का मरीज आए तो उसके मर्ज के अनुसार ही दवा दी जाएगी। यह दवाइयां काफी महंगी होने के कारण विभाग अभी तक इनकी खरीद नहीं कर सका। यहीं कारण है कि अगस्त माह की शुरूआत में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी को यह डिमांड भेजी जा चुकी है अभी तक उन्हें मंगवाया नहीं गया।

----- यह दवाएं है लिस्ट में शामिल

आयुर्वेदिक ओपीडी छावनी से भेजी गई दवाओं में कैशोर गुग्गुल, गंधकवटी, आरोग्यवर्धनी वटी, टंकण भस्म, खदिरारिष्ठ, महामंजिष्ठरिष्ट, पंचनिम्ब चूर्ण, हरिप्राखण्ड, चंद्रप्रभा वटी, सर्पगंधा वटी, ब्राह्मी वटी, रसांजन वटी, चित्रकादि वटी, खदिरादि वटी, कांचनार गुग्गुल, योगराज, शंखवटी, रास्नादि लेप, कल्याणन गुड, अर्क यवानी, अर्क पुदीना, उशीरासव, चंदनासव, कनकासव, कुमार्यासव, दशमूलारिष्ठ, त्रिफला धूव, बला वैल आदि शामिल है। जिनका इस्तेमाल गठिया, चमड़ी रोग, नाखून खराब होना, स्त्री रोग, पीलिया, सफेद दाग, खून में खराबी आदि बीमारियों के लिए फायदेमंद है।

------ आयुर्वेदिक ओपीडी में अधिकतर दवाइयां उपलब्ध है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नई दवाओं की लिस्ट पहुंची है उसे हेडआफिस में भेज दिया गया है। उन्हें लोकल स्तर पर खरीद की अनुमति नहीं है। मी¨टग में दवाइयों की रखी डिमांड को उठाया जाएगा। ताकि मरीजों को अस्पताल से हर दवा मिल सके।

डॉ. सतपाल, जिला आयुर्वेदिक आफिसर, अंबाला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.