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हेलो.. नागरिक अस्पताल में इलाज के दौरान कोई दिक्कत तो नहीं

नागरिक अस्पताल की असुविधाओं से जूझ रहे मरीजों से अब फीडबैक ली जा रही है। फोन कर पूछा जा रहा है कि आपका इलाज नागरिक अस्पताल में हुआ है। इसमें कोई दिक्कत तो नहीं आई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 07:17 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 07:17 AM (IST)
हेलो.. नागरिक अस्पताल में इलाज के दौरान कोई दिक्कत तो नहीं
हेलो.. नागरिक अस्पताल में इलाज के दौरान कोई दिक्कत तो नहीं

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : नागरिक अस्पताल की असुविधाओं से जूझ रहे मरीजों से अब फीडबैक ली जा रही है। फोन कर पूछा जा रहा है कि आपका इलाज नागरिक अस्पताल में हुआ है। इसमें कोई दिक्कत तो नहीं आई। इसी को लेकर मरीजों से फोन कर जानकारी ली जा रही है ताकि फीडबैक पर अस्पताल की सुविधाओं को और दुरुस्त किया जाए।

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मरीजों के लिए यह पहला मौका है, जब कोई फोन कर उनके हालचाल को तो पूछ रहा है। लोगों ने भी इस कदम का स्वागत किया जा रहा है। पंचकूला से सीधे मरीज से फोन के जरिए संपर्क कर इलाज से जुड़ी जानकारी ली जाती है। वहीं, इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही होने पर अस्पताल प्रशासन को दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। शहर अस्पताल में 1600 मरीज करवाते हैं पंजीकरण

नागरिक अस्पताल में रोजाना करीब 1600 मरीज इलाज के लिए पंजीकरण करवाते हैं। इस दौरान काउंटर पर मरीज का फोन नंबर भी रजिस्टर किया जाता है। यहां से मरीज सीधे ओपीडी में इलाज के लिए जाते हैं। इसमें मरीज एक्स-रे, सीटी स्कैन और प्रसूति विभाग में इलाज कराते हैं। इसके बाद मरीज दवा लेकर घर चला जाता है।

मुख्यालय के सख्त निर्देश है कि मरीजों को इलाज में बेहतर सुविधा मिले। यहां तक ओपीडी में आने वाले मरीजों से अच्छा व्यवहार किया जाए। इस पर निगरानी रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पंचकूला में कंट्रोल रूम बना रखा है। यदि फीडबैक में लगातार लापरवाही की शिकायतें मिलती है, तो अधिकारियों से जवाब-तलब भी किया जाता है।

इस संबंध में चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल ने बताया कि मरीज के पंजीकरण के साथ ही नंबर लिया जाता है। वहीं अस्पताल से घर जाने के बाद मरीज पर पंचकूला से सीधे फोन आता है। इसमें मरीज के इलाज का फीडबैक लिया जाता है। ओपीडी ऑनलाइन करने का मामला अटका

नागरिक अस्पताल में ओपीडी में आनलाइन मरीजों को देखने की व्यवस्था परवान नहीं चढ़ सकी। अस्पताल प्रशासन ने ओपीडी में मरीजों को ऑनलाइन परामर्श लिखने का मंथन किया था। इससे मरीज सीधे दवा काउंटर जाएगा। इसके बाद मरीज को सीधे दवा मिल जाएगी। लेकिन ये ऑनलाइन व्यवस्थाएं तभी संभव हैं, जब ओपीडी में 30 से 40 मरीज आते हैं। लेकिन अस्पताल की ओपीडी में 200 से ज्यादा मरीज आते हैं। इतने मरीज को ऑनलाइन ओपीडी में परामर्श लिखना संभव नहीं है।


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