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निगम चुनाव की सुबसुबाहट से बेखबर 17 हजार वोटर, निकासी और सफाई व्यवस्था बनेगी मुद्दा

----------------- - वार्ड में निकासी की समस्या से परेशान जनता, सड़कों से लेकर सीवरेज तक स

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 01:22 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 01:22 AM (IST)
निगम चुनाव की सुबसुबाहट से बेखबर 17 हजार वोटर, निकासी और सफाई व्यवस्था बनेगी मुद्दा
निगम चुनाव की सुबसुबाहट से बेखबर 17 हजार वोटर, निकासी और सफाई व्यवस्था बनेगी मुद्दा

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- वार्ड में निकासी की समस्या से परेशान जनता, सड़कों से लेकर सीवरेज तक सभी में डला

- विकास की दौड़ अछूते रह गए इस वार्ड में शामिल हुए गांव, भाजपा बनाम कांग्रेस में उलझी तरक्की

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर

बेशक प्रदेश में निगम चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं लेकिन अंबाला की जनता अभी निगम चुनाव की सुबसुबाहट से बेखबर है। अभी तक निगम चुनाव को लेकर ट्विन सिटी में जहां असमंजस की स्थिति बनी हुई है वहीं अभी तक ट्विन सिटी में वार्डबंदी ही नहीं हो सकी है। क्योंकि यही तय नहीं है कि यहां नगर निगम के चुनाव होंगे या नगर परिषद के। अलबत्ता अभी उम्मीदवार भी शांत बैठे हैं। टीम जागरण ने इन्हीं शांत उम्मीदवारों की नब्ज टटोलने के लिए अंबाला शहर स्थित वार्ड नंबर एक में पहुंचकर उनसे बातचीत की तो उनका दर्द फूट पड़ा। यहां की जनता निकासी की समस्या से सबसे ज्यादा परेशान है।

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जाने वार्ड नंबर एक का एरिया

करीब 16500 वोटर वर्ष 2011 में इस वार्ड में थे। कुल जनसंख्या 21106 थी। परिषद से निगम बनने के कारण वार्ड नंबर एक में काकरू, मंडौर, व सद्दोपुर तीन गांव भी शामिल हुए थे। पंचायतें खत्म कर दी गई थी। बलदेव नगर, जग्गी गार्डन, चंडीगढ़ रोड, राज विहार कालोनी, आशा ¨सह गार्डन, टैगोर गार्डन, सेठी एंक्लेव, शर्मा एंक्लेव, सुंदर नगर, उत्तम नगर, गुरुनानक नगर, नारायणगढ़ रोड़, जड़ौत रोड, सूर्या कालोनी, दशमेश नगर इसी वार्ड में आते हैं। वर्तमान में यहां 25 हजार से ज्यादा आबादी है जबकि वोटर 17 हजार से ज्यादा हैं।

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निवर्तमान पार्षद सोनिया का कार्यकाल

निवर्तमान पार्षद सोनिया नगर निगम की हर बैठक में निगम आयुक्तों को आड़े हाथ लिया। सबसे ज्यादा मुद्दे उठाए। चाहे रेहड़ी- फड़ी का मामला रहा हो या निगम में होने वाले स्ट्रीट लाइट और डस्टबिन घोटाले। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन घोटाला जोकि एक अरब का है वह भी सोनिया ने ही उजागर किया था। इससे पहले विनीता शर्मा के परिवार का इस वार्ड पर वर्चस्व कायम था। वर्ष 2005 में विनीता शर्मा और उससे पहले डॉ. सुशील पार्षद बने थे।

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यह काम जो रहेंगे याद

वार्ड नंबर एक में गांव काकरू पूरे प्रदेश का पहला गांव बना जहां पार्षद सोनिया ने एमसी फंड से एलइडी लाइट लगवाई। मंडौर में पानी का बुस्टर,बलदेव नगर में आदर्श पीएचसी बनी जोकि इन्हीं के कार्यकाल की देन रही। पीएचसी का उद्घाटन विधायक असीम गोयल ने किया था।

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फोटो: 10

निवर्तमान पार्षद के दावे:-

हाउ¨सग बोर्ड जोकि 25 साल में बनी है उसमें आजतक पार्क भी नहीं बने थे। मैंने न केवल पार्क बनवाए बल्कि इस कालोनी का कायाकल्प कर दिया। जब से अंबाला बसा था तब से अब तक नारायणगढ़ रोड पर कोई लाइट नहीं थी। इस पर सोडियम लाइटें लगवाई गई। जड़ौत रोड, दशमेश नगर, सूर्या कालोनी कोई सड़कें बनवाई, सीवरेज डलवाया,

बलदेव नगर की कोई भी सड़क ऐसी नहीं जो नहीं बनवाई। वार्ड नंबर दो व छह तक के लोगों के बतौर एमसी मैंने कार्य कराए यहां तक की फार्म भी उन्हें मैं ही उपलब्ध कराती रही।

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जागरण ग्राउंड रिपोर्ट:-

निगम में शामिल हुए गांव में जड़ौत में जब दैनिक जागरण टीम पहुंची तो गांव में घुसते ही पुराना पंचायत भवन है। इस पर आज भी पंचायत घर लिखा हुआ है जबकि पंचायत खत्म हुए 7 साल बीत चुके हैं। पंचायत घर में इस समय डाकघर, दो आंगनबाड़ी केंद्र, एक उप स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है। लेकिन यह भवन कभी भी धाराशाही हो सकता है। पूरा भवन जर्जर हो चुका है। करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन में सिवाए जंगली घास और गंदगी के कुछ नजर नहीं आता। भवन की छत पर फर्श की जगह घास ही दिखाई देता है। ग्रामीणों ने बताया कि निगम में शामिल होने से उन्हें फायदा नहीं बल्कि नुकसान हुआ। क्योंकि न तो यहां कोई भाजपा वाला आया न ही पार्षद। लोगों की सबसे बड़ी समस्या निकासी की है। नाले साफ नहीं होते। काकरू व सद्दोपुर गांव में हालत भी ऐसी ही हैं।

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यूं बोली जनता

फोटो: 11

जड़ौत में करीब 8 साल से पशु अस्पताल ही नहीं बन पाया जो पहले था वह अब हाथ लगाने से भी गिर सकता है। उसके बाद दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। उसकी हालत भी दयनीय है। स्वास्थ्य मंत्री से इसे ठीक कराने की गुहार लगाई थी लेकिन अभी तक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

- शंकर लाल शर्मा।

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फोटो: 12

पुराने पंचायत घर में दो आंगनवाड़ी केंद्र, डाकघर व उपस्वास्थ्य केंद्र चल रहे हैं लेकिन यह पंचायत घर कंडम हो चुका है। इसकी छतें टपकती हैं। पूरे साढ़े तीन एकड़ परिसर में गंदगी ही गंदगी है। गांव में एक भी स्ट्रीट लाइट काम नहीं करती। भाजपा हो या कांग्रेस किसी ने यहां कोई काम नहीं कराया।

निर्मल ¨सह।

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फोटो: 13

भावी उम्मीदवारों के तर्क

जनता आज भी मेरे समय में हुए कार्यों को याद करती है। इसीलिए यदि जनता ने चाहा तो वह इस बार चुनाव जरूर लडूंगी। हमारे समय में एमसी के पास बेशक शक्ति कम थी फिर भी हमने इतने काम करवाए जितने आजतक नहीं हुए। अंबाला ड्रेन हमारे ही समय की देन है। जोकि 90 लाख की लागत से बनाया गया था।

विनीता शर्मा, पूर्व एमसी व भावी उम्मीदवार

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फोटो: 14

पार्टी ने विश्वास दिखाया तो चुनाव जरूर लड़ा जाएगा। मैंने विकास में कभी यह नहीं देखा कि यह कौन सा एरिया है बल्कि पूरे अंबाला का विकास अपने कार्यकाल में करवाया। निकासी की समस्या यहां सबसे बड़ी समस्या है। मैंने अपने कार्यकाल में स्कूल अपग्रेड करवाया, अंबाला ड्रेन मेरे समय की ही देन है जिससे हमने पक्का करवाया। सीवरेज व गलियां पूरे एरिया में मैंने ही बनवाई थी।

हरीश शासन, पूर्व एमसी व भावी उम्मीदवार।


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