एक साल में छावनी के 30 पार्को के रखरखाव के लिए जारी नहीं एक रुपये का भी बजट
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के 30 पार्क उजाड़ बन गए हैं। फूल-पौधों की जगह पार्क में घ्
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के 30 पार्क उजाड़ बन गए हैं। फूल-पौधों की जगह पार्क में घास ही घास उगी है। सैर करने वाले ट्रैक टूट चुके हैं और बच्चों के लिए मनोरंजन के लिए लगाए गए झूले टूट चुके हैं। इसका जिम्मेदार नगर निगम प्रशासन है। जहां से बीते एक साल में इन पार्क के विकास और रखरखाव के लिए एक रुपये का बजट भी जारी नहीं हुआ है। इसीलिए आम जनता जनता सुबह-शाम मजबूरी में पार्क की बजाए सड़क पर सैर करती है। बजट के साथ-साथ इन पार्कों में पीडब्लयूडी बीएंडआर के नियमों के मुताबिक निगम पर्याप्त माली तक नहीं रख पाया है। इसीलिए पार्क आज दयनीय हालत में पहुंच चुके हैं।
छावनी की बात करें तो यहां पर इंदिरा पार्क, सुभाष पार्क और भारत माता चौक राम बाग रोड पर विकसित किया गया नया पार्क बड़े पार्कों में आते हैं। इन चार पार्कों के अलावा छावनी की विभिन्न कॉलोनियों में 26 छोटे-छोटे पार्क बने हुए हैं। पीडब्ल्यूडी के नियमों के मुताबिक एक एकड़ के पार्क में एक माली होना चाहिए और वर्तमान में करीब 6 माली नगर निगम के पास हैं जो इंदिरा पार्क की देखरेख के लिए ही पर्याप्त नहीं है। यहीं वजह है कि छावनी के पार्क उजाड़ बन चुके हैं। जहां पर फूल-पौधे देखने को नहीं मिलते हैं। इस मामले में नगर निगम आयुक्त जयबीर ¨सह से बातचीत की गई लेकिन उन्होंने इस मामले में बाद में बात करने का जवाब दिया।
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हरियाली वन विभाग की मेहरबानी से
पार्कों में फूल-पौधों के लिए बजट दूर की बात है निगम ने तो हरियाली के पेड़ लगाने के लिए कोई बजट नहीं दिया है। यदि कुछ पेड़-पौधे पार्कों में दिख रहे हैं तो वह भी वन विभाग अंबाला की मेहरबानी है जो मानसून सीजन में पार्क में अपना वन महोत्सव अभियान पौधे रोप कर पूरा कर रहे हैं। इसीलिए उजाड़ पार्क के अंदर महज साधारण पौधे ही दिखाई देते हैं और बढि़या किस्म को पेड़-पौधा देखने को नहीं मिलता।
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12 माली चौकीदार से चल रहा है काम
नगर निगम सदर जोन के पास वर्तमान में महज 12 माली और चौकीदार हैं जिनके हवाले 30 पार्कों की जिम्मेदारी है। यह माली छावनी के इंद्रा पार्क को ही संभाल नहीं पा रहे हैं बाकी दूसरे पार्कों में जाने का तो समय ही नहीं होता है। निगम आयुक्त से इन पार्कों के देखरेख के लिए 10 माली और 5 चौकीदार की मांग बीते एक साल से की जा रही है जिसे आज तक पपूरा नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं आयुक्त के लिए कोई बजट भी अलॉट नहीं किया गया है।