फाना और पराली प्रबंधन के लिए सरकार ने शुरू की योजना : डीसी
डीसी अशोक कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में प्रदेश सरकार ने छोटे व सीमांत किसानों को पराली न जलाने पर गैर-बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है।
जागरण संवाददाता, अंबाला : डीसी अशोक कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में प्रदेश सरकार ने छोटे व सीमांत किसानों को पराली न जलाने पर गैर-बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है। यही नहीं गैर-बासमती धान के फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए कस्टम हाइरिग सेंटर व स्ट्रॉ-बेलर यूनिट संचालकों को परिचालन लागत के रूप में 1000 रुपये प्रति एकड़ का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने उद्योग, नवीकरणीय ऊर्जा और परिवहन विभागों को हिदायतें दी हैं, कि पराली का उद्योगों में उपयोग और प्रयोग करने के लिए लिक स्थापित करें ताकि पराली का सदुपयोग किया जा सके। सहायक कृषि अभियंता विनीत मरवाहा ने बताया कि फसल अवशेषों के उचित निपटान और एक्स-सीटू व इन-सीटू प्रबंधन के उचित क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। हर जिले में कंट्रोल रूप भी बनाया जा रहा है। उन्होंने बताय कि एनवायरमेंट कंपनसेशन के तहत तहत मुलाना में 2, धनौरा में 3, सरदेहड़ी में 2 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि टगैंल, डुलयानी, सहेला, कालपी और नन्हेड़ी में 1-1 मामला दर्ज किया गया हैं। प्रति मामले में 2500-2500 सौ रुपये जुर्माना करके राशि वसूली गई है।