गोवर्धन पूजन: कान्हा की सुंदर-सुंदर उकेरी आकृतियां, जोहटों को लड़वाया
अन्नकूट और गोवर्धन पूजा पर्व सोमवार को आस्था और उत्साह से मनाया गया। ठाकुर जी को छप्पन भोग अर्पित किया गया। कढ़ी और चावल का प्रसाद लेने के लिए मंदिरों में लंबी कतार लगी। शाम को जगह-जगह गोवर्धन की सुंदर आकृतियां उकेरी गई और विधि-विधान से श्रद्धालुओं ने पूजन किया।
जागरण संवाददाता, अंबाला: अन्नकूट और गोवर्धन पूजा पर्व सोमवार को आस्था और उत्साह से मनाया गया। ठाकुर जी को छप्पन भोग अर्पित किया गया। कढ़ी और चावल का प्रसाद लेने के लिए मंदिरों में लंबी कतार लगी। शाम को जगह-जगह गोवर्धन की सुंदर आकृतियां उकेरी गई और विधि-विधान से श्रद्धालुओं ने पूजन किया। दोपहर के समय जहां छावनी के गांधी ग्राउंड में अच्छाई की प्रतीक गाय व बुराई के प्रतीक सुअर के बीच युद्ध करवाया गया। जिसमें गाय ने सुअर को पैरों से कुचला। हालांकि इस दौरान एक व्यक्ति भी गाय का सिग लगने पर घायल हो गया, वहीं दशहरा मैदान में पुरानी परपरा के मुताबिक ग्वालमंडी के लोगों ने सजे-धजे जोहटों को आपस में लड़वाया। जिस की गाय व जोहटे ने बेहतरीन प्रदर्शन किया उसके मालिक को पुरस्कार देकर भी सम्मानित किया गया। ग्वालमंडी में ग्वालों ने लोगों को दूध प्रसाद के रूप में बिल्कुल निशुल्क दिया। सुबह से शाम मंदिरों में भक्त उमड़े। समाजसेवी संस्थाओं व भक्तों ने जगह-जगह स्टाल लगाकर कढ़ी चावल का प्रसाद बांटा। महिलाओं ने गोवर्द्धन पर्वत और उसे उठाने वाले प्रभु श्री कृष्ण को समर्पित पंक्तियां गाते हुए भक्तों ने सात बार गोवर्द्धन पर्वत के प्रतीक की परिक्रमा की और सुख समृद्धि की याचना करते हुए भगवान गोवर्धन से मन की इच्छा पूरी होने की मन्नत मांगी। पशुओं को पूजन से पहले सजाया गया। नहलाने के बाद परंपरा के तहत पशुओं के सींगों में तेल लगाकर उनके गले में घंटी बांधी।