अमेरिका की जगह जर्मनी के रिफ्यूजी कैंप में फंसा रहा पीड़ित, 75 लाख भी गंवाए
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : दो ठग बाप बेटे ने मिलकर अंबाला के दो दोस्तों को 75 लाख रुपय
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : दो ठग बाप बेटे ने मिलकर अंबाला के दो दोस्तों को 75 लाख रुपये की चपत लगा दी। ठगी करने वालों में आरोपित विक्रम अंबाला ¨सचाई विभाग में बतौर ड्राइवर कार्यरत है। ठग पिता-पुत्र ने दोनों दोस्तों में से शहर के नाहन हाउस बाल्मीकि नगर निवासी विजय कुमार को 9 दिन के टूरिस्ट वीजा पर जर्मनी भेज दिया और वहां पर उसे आगे भेजने का लारा लगाए रखा। झांसे में फंसा विजय 14 माह जर्मनी में ही फंसा रहा। दूसरी ओर अंबाला छावनी निवासी विशाल इस आश्वासन पर टिका रहा कि उसे भी आजकल में अमेरिका भेज दिया जाएगा लेकिन न तो उसे अमेरिका भेजा गया न ही उसे रुपये लौटाए गए। बलदेव नगर थाना पुलिस ने दोनों आरोपित पिता-पुत्र दुराना निवासी विक्रम और उसके बेटे जितेंद्र उर्फ ¨रकू के खिलाफ अमानत में खयानत, ठगी व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।
एसपी को दी शिकायत में अंबाला शहर निवासी विजय कुमार ने बताया कि वर्ष 2015 में उसके दोस्त छावनी निवासी विशाल जोकि शर्मा पेट्रोल पंप के मालिक का बेटा है ने उसे बराड़ा के दुराना निवासी विक्रम और उसके बेटे जितेंद्र ने मिलवाया। विक्रम ने उन्हें बताया कि वह और उसका बेटा जितेंद्र टूरिस्ट वीजा व अन्य वीजा लगवाकर विदेश भेजने का काम करते हैं। दोनों ने कई नाम भी गिनवाए। विशाल और विजय दोनों पिता-पुत्र के झांसे में आए गए। दोनों दोस्तों को अमेरिका भेजने के नाम पर 75 लाख रुपये में सौदा फिक्स हो गया।
केवल विजय के पास था पासपोर्ट, विशाल से कहा तेरा पासपोर्ट भी हम ही बनवाएंगे
ठगे गए दोनों दोस्तों में से केवल विजय के पास ही पासपोर्ट था। इस पर आरोपितों ने विशाल से कहा कि उसका चंडीगढ़ से पासपोर्ट भी वही खुद बनवा देंगे। पूरी तरह झांसे में फंसे विशाल ने आरोपितों को 45 और विजय ने 30 लाख उन्हें थमा दिए। वर्ष 2016 में विजय को आरोपितों ने 9 दिन का इटली का टूरिस्ट वीजा लगवा दिया। उसे कहा कि इटली में आगे उनके जानकार मिलेंगे जोकि उन्हें आगे ले जाएंगे। इटली एयरपोर्ट पर पहुंचकर करीब 3-4 घंटे इंतजार के बाद भी जब विजय को कोई लेने नहीं आया तो विजय ने इंडिया में अपने दोस्त विजय को फोन मिलाया और सारी बात बताई। विशाल ने आरोपितों से इस बारे में पूछताछ की। आरोपितों ने विशाल को बताया कि विजय को जर्मनी जाने के लिए कह दे। वहीं पर उनके जान-पहचान वाले मिल जाएंगे जोकि उसे अमेरिका भेजने में मदद करेंगे। विशाल ने यही बात विजय से कह दी और विजय अगले दिन जर्मनी पहुंच गया। लेकिन वहां भी कोई नहीं मिला। जर्मनी में काफी देर भटकने के बाद विजय को एक पंजाबी इंडियन मिला। विजय ने सारी बात उसे बताई। इस पर वह पंजाबी विजय को रिफ्यूजी कैंप में छोड़कर आया। रिफ्यूजी कैंप में करीब 14 माह तक चली जांच पड़ताल के बाद अफसरों ने विजय का वीजा अपने खर्च पर लगवाया और टिकट भी दिलाई इसके बाद वह जैसे-तैसे दोबारा भारत लौटा। बताया यह भी जा रहा है कि आरोपितों के खिलाफ बराड़ा थाने में पहले भी कई केस दर्ज हैं।
वर्जन
दो युवकों को विदेश भेजने के नाम पर 75 लाख ठगे गए हैं। केस की तफ्तीश जारी है। आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सुरेश दलाल, एएसआइ।