गैंगस्टर रणदीप राणा समेत पांच को दो साल की अंडरगोन सजा
अदालत परिसर में बंदी कक्ष के सामने रंजिश के चलते दूसरे बंदियों पर हमला करने के मामले में अदालत ने रणदीप राणा समेत पांच दोषियों को दो साल की अंडरगोन सजा सुनाई है। मामला अदालत में पिछले करीबन साढ़े तीन साल से विचाराधीन था।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: अदालत परिसर में बंदी कक्ष के सामने रंजिश के चलते दूसरे बंदियों पर हमला करने के मामले में अदालत ने रणदीप राणा समेत पांच दोषियों को दो साल की अंडरगोन सजा सुनाई है। मामला अदालत में पिछले करीबन साढ़े तीन साल से विचाराधीन था।
मिट्ठापुर के संदीप उर्फ सनी ने पुलिस को 9 मार्च 2016 को बताया कि वह कई केस में केंद्रीय कारागार अंबाला में पिछले करीब एक साल से बंद था। 9 मार्च को उसकी और उसके साथी नीरज निवासी धनौरा की एक केस के चलते अदालत में पेशी थी। अमित निवासी मरवमुलपुर (यूपी) की भी अपने साथियों के साथ अदालत में पेशी थी जिसके साथी पंकज, गौरव भी साथ थे। सुबह करीब सवा 10 बजे एस्कोर्ट गार्द के कर्मचारी दूसरे बंदियों के साथ उन्हें भी अंबाला जेल से लेकर अदालत परिसर में बनी जुडिशियल हवालात में बंद करने के लिए ला रहे थे। वहीं रणदीप राणा और उसके साथी जुडिशियल हवालात के एक कमरे में भेजे जा रहे थे। उसके साथ नीरज और अमित को दूसरे कमरे में बंद करने के लिये भेज रहे थे। जैसे ही हवालात के गेट के सामने पहुंचा तो देखा कि अमित पर रणदीप राणा और उसके साथी भिंडी, रज्जी, काली और मोहित जानलेवा हमला कर रहे थे। रणदीप, रज्जी और काली के हाथों में पत्ती नुमा ब्लैड थे। कर्मचारी बीच बचाव कर रहे थे। उसने भी अमित को बचाने की कोशिश की तो काली ने उस पर ही हमला कर दिया। इसके बाद रणदीप ने भी ब्लैड से हमला किया। अमित को गर्दन और सिर में काफी चोटें लगी। मौके पर ही खून बिखर गया। भिंडी, मोहित ने भी थप्पड़ मुक्के से मारा। उन्होंने बताया कि रणदीप राणा ने अपने साथियों रज्जी, काली, भिंडी और मोहित के साथ मिलकर रंजिश के चलते उन पर सर्जिकल ब्लैडों से जानलेवा हमला किया।
बचाव करते पुलिस कर्मी भी हुए थे घायल
बंदियों के बीच रंजिश के चलते मारपीट हो गई थी। इसी दौरान दोनों के बीच बचाव में कर्मचारी जूट गए थे। मारपीट के दौरान दो कर्मचारियों युसफदीन और हवलदार राजेश को चोटें आयी थी। इसके बाद गार्द के कर्मचारियों ने बड़ी मुश्किल से कर्मियों और सभी घायलों को बचाकर सिविल अस्पताल अंबाला शहर पहुंचाया था।