कट का खेल : नमी के नाम पर काटी जा रही तय से अधिक राशि
अनाज मंडी में कट के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है। धान में निर्धारित मात्रा से एक प्वाइंट अधिक नमी होने पर 20 रुपये का कट लगाया जा रहा है। जबकि ऐसा नहीं किया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : अनाज मंडी में कट के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है। धान में निर्धारित मात्रा से एक प्वाइंट अधिक नमी होने पर 20 रुपये का कट लगाया जा रहा है। जबकि ऐसा नहीं किया जा सकता है। नियमों के मुताबिक धान में एक फीसद अधिक नमी पाए जाने पर प्रति क्विंटल एक किलो अतिरिक्त धान देने का प्रावधान किया गया है। यदि उसकी जगह राशि भी काटी जाए तो 18.88 रुपये काटे जा सकते हैं। ऐसे में किसानों को 1.12 रुपये का कट लगाकर बेवकूफ बनाया जा रहा है।
बता दें कि अनाज मंडी अंबाला शहर में लाखों क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। यहां काफी हद तक नमी वाला धान भी पहुंचा है और इन पर कट भी लग रहे हैं। अनाज मंडी में प्रति क्विंटल 1888 रुपये का दाम है और किसानों को पूरा दाम उस स्थिति में मिलता है जब धान में नमी 17 फीसद तक ही हो। अगर नमी की मात्रा 18 फीसद है या फिर 19 फीसद पाई जाती है तो उस पर किसानों को प्रति प्वाइंट बढ़ने पर प्रति क्विटल पर एक किलो अधिक धान देना होगा।
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-दोनों एजेंसियां इतनी कर चुकी हैं खरीद
हैफेड रविवार तक 1 लाख 45 हजार 293 मीट्रिक टन धान की खरीद कर चुका है और 1 लाख 12 हजार क्विंटल का उठान हो चुका है।
डीएसएससी की ओर से लगभग 3 लाख क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। लगभग ढाई लाख का उठान हो चुका है।
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धान में नमी के नाम पर कट लगाया जा रहा है। एक प्वाइंट अधिक होने पर 20 रुपये और दो प्वाइंट अधिक नमी होने पर 40 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से कट लगाए जा रहे हैं।
उदय सिंह, किसान, मटेड़ी जट्टां निवासी
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अनाज मंडी में आने वाले धान में यदि 17 फीसद तक नमी है तो पूरा दाम मिलता है, लेकिन 18 फीसद नमी पर प्रति क्विंटल पर एक किलो की बजाए 20 रुपये काटे जा रहे हैं।
गुरमीत सिंह, किसान, मरदो साहिब निवासी धान कटाई के बाद उसे बेचने मंडी आया था। धान पूरी तरह से सूख चुका है। बावजूद भी 21 फीसद नमी बताई जा रही है और प्रति प्वाइंट 20 रुपये कट लगाया जा रहा है।
उजागर सिंह, किसान, बलाना निवासी ज्यादातर किसान अनाज मंडी में धान सूखाकर बेच रहे हैं। अगर किसी के धान में नमी होती है तो वह दूसरे दिन तक सूखा लेते हैं। पंखा लगाने पर नमी कम हो जाती है। किसी किसान को कट के लिए बाध्य नहीं किया जा रहा। अगर मंडी में कोई कट लगा रहा है तो इसका पता किया जाएगा।
कृपाल दास, डीएम, हैफेड