इंटरलॉ¨कग टाइलों से बने रास्ते पर भविष्य की तैयारी, टीचर न पर्याप्त बेंच
जागरण संवाददाता, अंबाला: शहीद गुरसेवक ¨सह सीनियर सेकेंडरी स्कूल गरनाला। जिसमें इंटरलॉ¨कग टाइलों से बने रास्ते पर बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है यहां न पर्याप्त बेंच और न ही स्टाफ पूरा है।
जागरण संवाददाता, अंबाला: शहीद गुरसेवक ¨सह सीनियर सेकेंडरी स्कूल गरनाला। जिसमें इंटरलॉ¨कग टाइलों से बने रास्ते पर बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है यहां न पर्याप्त बेंच और न ही स्टाफ पूरा है। शुक्रवार को 12 बजे जब दैनिक जागरण टीम स्कूल में दाखिल हुई तो परिसर के अंदर ही बने शहीद गुरसेवक मेमोरियल हॉल में जाने के लिए इंटरलॉ¨कग टाइलों से बनाएं गए रास्ते पर ही विद्यार्थी अपने भविष्य की उधेड़बुन में जुटे थे। टीचर आपस में बातें करने में मशगूल थे। टीम को देखकर स्टाफ आनन-फानन में बच्चों को लेकर अपनी-अपनी क्लासों में चले गए। ¨प्रसिपल रूम की तरफ बढ़े तो दोनों तरफ मैदान के अंदर पानी जमा था। जिस कारण मैदान में खेलना तो दूर छात्र निकलने तक में परेशान थे। ¨प्रसिपल से मैदान के हालात बारे पूछा तो उन्होंने विभाग से बजट की डिमांड बोलकर पल्ला झाड़ लिया। स्कूल का एक मात्र जनरेटर भी कई सालों से खराब पड़ा था। जिस कमरे के अंदर विद्यार्थियों के लिए वाटर कूलर लगा हुआ था वहां लगा आरओ ही धूल फांक रहा था। पूछने पर पता चला कि वह खराब पड़ा है।
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चार स्टाफ के पद खाली
स्टाफ संबंधी जानकारी ली गई तो पता चला कि स्टाफ का ही टोटा है। संस्कृत, ड्राइंग, सामाजिक विज्ञान सहित फिजिक्स के पद खाली पड़े हैं। स्कूल में एक चौकीदार था उसकी भी रिटायरमेंट होने के कारण पद खाली पड़ा है। नौवीं कक्षा में विद्यार्थी जमीन पर टाट बिछाकर पढ़ाई कर रहे थे। बच्चों ने कहा कि अभी तक नौवीं, दसवीं कक्षा के अंदर बेंच की सुविधा ही नहीं मिल सकी है। बाकि क्लास में तो बेंच हैं। खिड़कियां की जालियां तक टूटी थी।
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कमरों में टूटे पड़े फर्श और दरवाजे
स्कूल के खस्ता हाल कमरों के लिए विभाग द्वारा कुछ समय पहले ही 50 हजार रुपये की ग्रांट भेजी गई थी। मगर उस ग्रांट से जिन कमरों की मरम्मत की गई है उनमें खिड़कियां जगह-जगह से टूटी पड़ी थी। टूटे पलस्टर के ऊपर सफेदी कर उसे चमकाया गया था। ग्यारहवीं कक्षा में पहुंचे तो वहां का फर्श टूटा पड़ा था। एक साल पहले बनी कमरों में घटिया निर्माण सामग्री के कारण दीवारों के कोने तक झड़ रहे थे।
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एक कमरे में ही सभी लैब, ट्यूबलाइट खराब
मेमोरियल हॉल के ठीक साथ बनी कलास में एक टयूबलाइट थी वो भी खराब। खिड़कियों खोलकर छात्र पढ़ाई कर रहे थे। अन्य कमरों में भी लाइट के लिए एक-एक टयूबलाइट ही थी। लैब के अंदर पहुंचे तो पता चला कि केवल ही कमरे में स्कूल की सभी लैब चल रही है। अलमारियों का टोटा होने के कारण उपकरणों को गत्ते की पेटी में रखा है जो धूल फांक रही है। एक मनुष्य के ¨पजर वाला मॉडल एक कोने में टूटा पड़ा था।
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कुछ समय पहले ही स्कूल ¨प्रसिपल का चार्ज संभाला है। बेंच से लेकर मैदान व बि¨ल्डग की मरम्मत के लिए विभाग को ग्रांट के लिए पत्र लिख चुके हैं। अभी तक कोई ग्रांट नहीं पहुंची हैं। जल्द ही सभी समस्याओं को दूर किया जाएगा।
सतीश कुमार ढुल, ¨प्रसिपल, शहीद गुरसेवक ¨सह सीनियर सेकेंडरी स्कूल