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सरसों के तेल से हो रहा सेहत से खिलवाड़, मिलावटखोर बेच रहे सस्ते दाम पर

क्षेत्र में क'ची घानी सरसों का तेल बड़े पैमाने पर बेचा जा रहा है। बाजार व सरकारी दुकान से सस्ते दाम पर उपलब्ध यह तेल लोगों के जीवन के साथ क्या खिलवाड़ कर रहा है यह तो स्वास्थ्य विभाग ही बता पाएगा, लेकिन सवाल यह है कि क्षेत्र में बड़ी तादाद में 80 से 85 रुपये में तेल कारोबारी बोतल व टीन पर रैपर लगाकर धड़ल्ले से बेच रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 10:14 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 10:14 AM (IST)
सरसों के तेल से हो रहा सेहत से खिलवाड़, मिलावटखोर बेच रहे सस्ते दाम पर
सरसों के तेल से हो रहा सेहत से खिलवाड़, मिलावटखोर बेच रहे सस्ते दाम पर

संवाद सहयोगी, नारायणगढ़ : क्षेत्र में कच्ची घानी सरसों का तेल बड़े पैमाने पर बेचा जा रहा है। बाजार व सरकारी दुकान से सस्ते दाम पर उपलब्ध यह तेल लोगों के जीवन के साथ क्या खिलवाड़ कर रहा है यह तो स्वास्थ्य विभाग ही बता पाएगा, लेकिन सवाल यह है कि क्षेत्र में बड़ी तादाद में 80 से 85 रुपये में तेल कारोबारी बोतल व टीन पर रैपर लगाकर धड़ल्ले से बेच रहे हैं। क्षेत्र में सरसों का तेल निकालने वाला भले ही एक भी कारखाना ना हो बावजूद इसके पाम ऑयल व राइस ब्रान (चावल की भूसी का तेल) में कलर मिलाकर सरसों के तेल को रंग देकर बेचा जा रहा है। यह मिलावटखोरों की करतूत है। नारायणगढ़ में तैयार कर इस तेल को काला आ?ब, साढ़ौरा, रायपुररानी और शहजादपुर आदि कस्बों में भी सप्लाई किया जा रहा है। क्षेत्र में सरसों की पैदावार बहुत कम होती है, जिसके चलते पूरे सीजन में एक हजार या 1500 ¨क्वटल सरसों ही मंडी में बिकती है। कम पैदावार के चलते यहां सरकारी खरीद नहीं हो पाती। इसलिए व्यापारी ही किसानों से सरसों खरीद करते हैं। हरियाणा में अहीरवाल सहित जहां भी सरसों की पैदावार होती है वहां सरकार खरीद कर रही है। जानकारी के मुताबिक सरसों का सरकारी रेट 4 हजार रुपये के करीब है और सरकारी एजेंसी हैफेड अपना तेल 105 रुपये प्रति लीटर बेचता है।

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ऐसे समझें मिलावट का गणित

सरसों का सरकारी मूल्य 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल, करीब 250 रुपये प्रति ¨क्वटल मि¨लग का खर्च। इस हिसाब से 4250 रुपये क्विंटल कुल मूल्य। एक ¨क्वटल सरसों में से 63 किलो खल निकली 1300 रुपये की और तेल निकला 35 किलो यानि 35 किलो तेल का लागत मूल्य 2950 रुपये। एक लीटर तेल पर खर्च करीब 100 रुपये और बाजार में मिल रहा 80 या 85 रुपये।

ऐसे करते हैं मिलावट

खाद्य तेलों के कारोबार से जुड़े जानकारों का कहना है कि शहर में बाहर से पाम ऑयल, राइस ब्रान और मलेशिया से देश में आने वाले वेस्टेज खाद्य तेल के टैंकर आते हैं। इन तेलों में किसी प्रकार की सुगंध नहीं है। मिलावटी तेल तैयार करने वाले इस खाद्य तेल को पीला रंग देने के लिए कैमिकल एंव सुगंध के साथ 10 से 20 फीसदी सरसों का तेल मिलाकर बाजार में बेच रहे हैं।

ऐसे करें पहचान

सरसों के तेल की बोतल को दो घंटे तक फ्रीज में रखें। यदि तेल जमने लगे या उसमें सफेद दाग बनने लगे तो मिलावट है। तेल से बने व्यंजन खाने पर एसीडिटी ज्यादा होती है तो इसमें रसायन की मिलावट है। यहीं नहीं तेल में मिलावट होने से इसको गर्म करने के दौरान सिर चकराने जैसी स्थिति हो सकती है।

क्या कहते है सीएमओ

सीएमओ संतलाल वर्मा का कहना था कि मामला अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा हो रहा है तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


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