अफसर की पत्नी के लिए फर्जीवाड़ा, 1500 करोड़ से पहले 40 करोड़ के टेंडर भी किए गए थे अलॉट
गाजियाबाद-मुरादाबाद रेल सेक्शन के विद्युतीकरण में भी फर्जी बैंक गारंटी पर करीब 40 करोड़ का टेंडर अलॉट करने का पर्दाफाश हुआ है।
अंबाला [दीपक बहल]। Rail India Technical and Economic Services Limited (राइट्स) ने गाजियाबाद-मुरादाबाद रेल सेक्शन के विद्युतीकरण में भी फर्जी बैंक गारंटी पर करीब 40 करोड़ का टेंडर अलॉट करने का पर्दाफाश हुआ है। यह प्रकरण 2011 का है। इसके पहले फर्जी बैंक गारंटी पर लगभग 1500 करोड़ रुपये का टेंडर जारी करने के तथ्य सामने आ चुके हैं और इस पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी विचाराधीन है।
राइट्स ने जिस कंपनी को लगभग 1500 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी पर टेंडर दिए थे, उसकी निदेशक एक रेलवे अधिकारी की पत्नी थीं और वह रेलवे अधिकारी उस समय डेपुटेशन पर राइट्स के ग्रुप जनरल मैनेजर के रूप में नियुक्त थे।
जहां तक फर्जी बैंक गारंटी पर 40 करोड़ का टेंडर अलॉट किए जाने की बात है तो उसमें फरीदाबाद के देना बैंक के अधिकारी भी शामिल थे। गाजियाबाद-मुरादाबाद सेक्शन के विद्युतीकरण का टेंडर अंबाला स्थित विद्युतीकरण कार्यालय से सन् 2011 में जारी किया गया था। फर्जीवाड़ा उजागर होने पर जांच विजिलेंस को सौंपी गई, लेकिन जब बड़े अधिकारी फंसते दिखे तो फाइल बंद कर दी गई। न तो कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया गया था और न ही किसी अफसर पर कार्रवाई हुई। 40 करोड़ के इस टेंडर के लिए 10 फीसद सिक्योरिटी राशि बतौर बैंक गारंटी बैंक में जमा कराई जानी चाहिए थी।
बैंक गारंटी चेक करने जब रेलवे अधिकारी अंबाला से फरीदाबाद पहुंचे तो बैंक मैनेजर की ओर से वेरीफाई कर दिया गया कि बैंक गारंटी जमा है, लेकिन हकीकत यह थी कि कंपनी को टेंडर दिलाने के लिए बैंक ने चार फर्जी गारंटी पर मुहर लगा दी थी, जिसके आधार पर कंपनी को विद्युतीकरण का टेंडर अलॉट कर दिया गया। फर्जीवाड़े का पर्दाफाश होने के नौ माह बाद अंबाला छावनी के पड़ाव थाना में रेल अफसरों ने मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने बैंक मैनेजर को गिरफ्तार किया, लेकिन किसी भी रेल अफसरों तक पुलिस नहीं पहुंची।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप