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ठगी प्रकरण : पुलिस की वर्दी में की ठगी, चौकी में हुआ था समझौता

रेलवे में टीटीई के पद पर सात लोगों से ठगी के मामले की परतें खुलने लगी तो महेश नगर पुलिस भी इस में उलझती नजर आ रही है। यह मामला मई 2019 में पुलिस के पास पहुंच गया था लेकिन ठगी का मामला दर्ज करने के बजाय पुलिस ने रफा दफा कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 08:40 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 08:40 AM (IST)
ठगी प्रकरण : पुलिस की वर्दी में की ठगी, चौकी में हुआ था समझौता
ठगी प्रकरण : पुलिस की वर्दी में की ठगी, चौकी में हुआ था समझौता

जागरण संवाददाता अंबाला : रेलवे में टीटीई के पद पर सात लोगों से ठगी के मामले की परतें खुलने लगी तो महेश नगर पुलिस भी इस में उलझती नजर आ रही है। यह मामला मई, 2019 में पुलिस के पास पहुंच गया था, लेकिन ठगी का मामला दर्ज करने के बजाय पुलिस ने रफा दफा कर दिया। दोनों पक्षों की सहमति पर मामला दर्ज नहीं किया गया। आरोपित के भाई ने गारंटी ली और डेढ़ और तीन लाख रुपये के दो चेक काटकर दे दिए। बाद में चैक बाउंस हो गए तो पीड़ितों ने फिर से पुलिस को शिकायत दी। पीड़ितों के पास आरोपितों से मोबाइल पर हुई चेटिग, कॉल रिकॉर्डिंग, ब्लैंक शपथ पत्र और बाउंस हुए चेक हैं, जिसके आधार पर अंबाला छावनी की महेश नगर थाना पुलिस ने प्रेम स्याल, हरगोपाल और सुशील कुमार पर मामला दर्ज किया है। इन में से प्रेम स्याल पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों को अपने झांसे में लेता था।

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सेना से रिटायर्ड जवान हरगोपाल ने खुद के नाम से साढ़े चार लाख के दो चैक थमा दिए और कहा कि प्रेम स्याल और सुशील मुझे किस्तों में पैसा दें देंगे। हरगोपाल ने कहा कि मेरे अकाउंट में पीएफ का पैसा आने वाला है। चैक को कुछ समय बाद लगाना। लेकिन जब पीड़ितों ने इन चेक से भुगतान करने के लिए बैंक गए तो वह बाउंस हो गए। बाद में शिकायतकर्ताओं ने हरगोपाल को फोन किया तो कहा कि सुशील और प्रेम स्याल ने मुझे पैसे नहीं दिए है। अगर पुलिस ठगों पर सख्ती करती तो शायद पीड़ितों के पैसे मिल जाते और दूसरा ठगी का शिकार होने से बच जाते, लेकिन आरोपित आसानी से पुलिस और शिकायतकर्ता को चकमा देकर आसानी से चले गए। पुलिस भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकी। अब रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपितों को ढूंढ़ने में लगी है। लेकिन आरोपितों को कोई सुराग तक नहीं मिला।

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आरोपितों के ठिकानों पर पुलिस की दबिश

आरोपितों को पड़ने के लिए पुलिस उनके ठिकानों पर दबिश दे रही है। मगर पुलिस के हाथ आरोपितों का कोई सुराग तक नहीं लगा। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों को भी ढूंढ़ने में लगी है। लेकिन पुलिस के सारे पैतरे फेल साबित हो रहे है। उधर, आरोपित खुलेआम लोगों को ठगी का शिकार बना रहे है।

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30 लोगों ठगने के लिए बनाया बैज

प्रेम स्याल, हरगोपाल और सुशील बड़े ही शातिर है। दिल्ली एनसीआर में भी इनके तार जुडे़ हैं। ये 30 लोगों को रेलवे में टीटीई की नौकरी के लिए टारगेट मिला था। 30 लोगों से अपने झांसे में फंसाकर पैसे लेने थे। सात लोगों से पैसा ले चुके थे। बाकी की तालाश में लगे थे, लेकिन शिकायतकर्ताओं ने मामला खोल दिया।

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इन लोगों से हुई ठगी

न्यू मिलाप नगर निवासी दिनेश कुमार से 80 हजार, हरीश कुमार से 50 हजार, इंद्रजीत से 80 हजार, तरसेम कुमार से 80 हजार, ललीत से 80 हजार, अनील कुमार से 30 हजार और हरीश (हैप्पी) से 30 हजार रुपये लिए गए। इन्होंने अपनी पहली किस्त 10 अप्रैल 2018 और अंतिम किस्त 1 नवंबर, 2018 को दी थी । इस घटना को दो साल बीतने के बाद भी न नौकरी मिली और न ही इन आरोपित सुशील कुमार और प्रेम स्याल ने पैसा वापस किया।

मामले की तफ्तीश की जा रही है। आरोपितों की तलाश के लिए टीमें बनाई हैं। सारा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।

- सतीश कुमार, एसएचओ, अंबाला कैंट, सदर थाना।


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