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14 घंटे मतदाताओं से मुलाकात और चार घंटे प्लानिग, पूरा परिवार जुटा है चुनाव प्रचार में

अंबाला शहर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी जसबीर मलौर का चुनाव प्रचार अभियान सुबह साढ़े आठ बजे शुरू हो जाता है। एक दिन पहले ही रात में प्लानिग बन जाती है कि कौन अगले दिन कहां पर प्रचार करेगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 08:28 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 08:28 AM (IST)
14 घंटे मतदाताओं से मुलाकात और चार घंटे प्लानिग, पूरा परिवार जुटा है चुनाव प्रचार में
14 घंटे मतदाताओं से मुलाकात और चार घंटे प्लानिग, पूरा परिवार जुटा है चुनाव प्रचार में

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : अंबाला शहर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी जसबीर मलौर का चुनाव प्रचार अभियान सुबह साढ़े आठ बजे शुरू हो जाता है। एक दिन पहले ही रात में प्लानिग बन जाती है कि कौन अगले दिन कहां पर प्रचार करेगा। पूरा परिवार इस अभियान में जुटा है। इन दिनों प्रचार अभियान पूरे जोरों पर है तो आइटी टीम भी साथ चलती है। जहां पर भी सभा हो वहां की फोटो मौके से ही अपलोड होती हैं, जबकि लाइव भी फेसबुक पर सभा का संबोधन दिखाया जाता है। हालांकि आराम करने का समय कम ही मिलता है, लेकिन सभा समाप्त होने के बाद जो थोड़ा बहुत समय मिलता है, वहां पर थकान जरूर दूर कर लेते हैं। रात दस बजे तक चलने वाला प्रचार अभियान निपटाने के बाद रात को अपने साथियों के साथ बैठकर अगले दिन की प्लानिग की जाती है। इस में कई बार तो रात के एक भी बज जाते हैं। पूरी प्लानिग करने के बाद ही आराम किया जाता है।

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घर का बना खाना लेकर चलते हैं साथ

सुबह जब प्रचार अभियान के लिए घर से निकलते हैं, तो घर का बना खाना साथ लेकर चलते हैं। बाहर का खाना ज्यादा पसंद नहीं है, इसलिए सुबह ही नाश्ते के बाद दोपहर का खाना साथ ले लेते हैं। इसके बाद शुरु हुआ चुनावी सभाओं का दौर। एक के बाद दूसरी सभा करते-करते दोपहर के खाने का वक्त हो जाता है। सभा समाप्त करने के बाद दोपहर का खाना खाने का मौका मिला और खाना खा लिया। इसके बाद फिर से सभाओं का संबोधन शुरू हो जाता है। कई बार थकान ज्यादा हो जाए तो एक-आध झपकी जरूर ले लेते हैं।

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पूरा परिवार प्रचार अभियान में जुटा

शहर से कांग्रेस प्रत्याशी जसबीर मलौर का पूरा परिवार चुनाव प्रचार अभियान में जुटा है। उल्लेखनीय है कि उनकी पत्नी चरणजीत कौर भी साल 2009 का चुनाव शहर से लड़ चुकी हैं। वे भी राजनीति के दांव पेच समझती हैं। इस अभियान में उनकी पत्नी, भाभी, भाई सभी प्रचार कर हैं। हर किसी की एक-एक टीम बनाई है, जो गांवों में जाकर चुनाव प्रचार करती हैं। प्रचार अभियान के बाद सभी इकट्ठा होते हैं और फिर तय होता है कि परिवार के किस सदस्य की टीम अगले दिन किस क्षेत्र में जाकर प्रचार करेगी।


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