फोम इंडस्ट्री में लगी आग पर 14 गाड़ियों ने छह घंटे में पाया काबू
अंबाला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर काकरू गांव स्थित विनक्रॉफ्ट फोम इंडस्ट्री आग की भेंट चढ़ गई। इस हादसे के बारे में सबसे पहले सिक्योरिटी गार्ड ने आफिस के ऊपरी तल पर मौजूद कर्मियों को सूचना दी। चंद मिनटों में ही फायर ब्रिगेड व पुलिस प्रशासन को सूचित कर दिया लेकिन दमकल गाड़ियों के आने तक आग बेकाबू हो गई। धुआं कई कई किलोमीटर दूर से नजर आने लगा। आग बुझाने के लिए एम्यूनेशन डिपो दप्पर(पंजाब) डेरा बस्सी (पंजाब) व कुरुक्षेत्र से भी दमकल की गाड़ियां मंगानी पड़ी। करीब 14 दमकल गाड़ियां इस काम में लगी होने के बावजूद जब आग काबू आती नजर नहीं आई तो केमिकल की इस आग पर काबू पाने के लिए इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आईओसी)से मदद मांगी गई।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: अंबाला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर काकरू गांव स्थित विनक्रॉफ्ट फोम इंडस्ट्री आग की भेंट चढ़ गई। इस हादसे के बारे में सबसे पहले सिक्योरिटी गार्ड ने आफिस के ऊपरी तल पर मौजूद कर्मियों को सूचना दी। चंद मिनटों में ही फायर ब्रिगेड व पुलिस प्रशासन को सूचित कर दिया लेकिन दमकल गाड़ियों के आने तक आग बेकाबू हो गई। धुआं कई कई किलोमीटर दूर से नजर आने लगा। आग बुझाने के लिए एम्यूनेशन डिपो दप्पर(पंजाब), डेरा बस्सी (पंजाब) व कुरुक्षेत्र से भी दमकल की गाड़ियां मंगानी पड़ी। करीब 14 दमकल गाड़ियां इस काम में लगी होने के बावजूद जब आग काबू आती नजर नहीं आई तो केमिकल की इस आग पर काबू पाने के लिए इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आईओसी)से मदद मांगी गई। आईओसी से एक टीम मौके पर केमिकल आग रोधक एटीसी व पेट्रो पदार्थों की आग बुझाने में प्रयुक्त होने वाले एएफएफएफ फोम स्प्रे के 20 कैन लेकर पहुंची। जिसे करीब सवा 9 बजे दमकल गाड़ियों में डाला गया तो फिर आग की लपटें शांत होने लगीं। आग पर पूरी तरह से काबू पाने में करीब छह घंटे लग गए। इस दौरान फैक्टरी में रखा सामान पूरी तरह से खाक हो गया। जिसकी कीमत फैक्टरी मालिक करोड़ों में बता रहे हैं।
अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे पर खन्ना फार्म के विपरीत दिशा में हाईवे से सटी इस इंडस्ट्री में गद्दों में उपयोग में आने वाली हर प्रकार की फोम तैयार की जाती थी। इसके अलावा यहां गद्दे भी बनाए जा रहे थे। इन गद्दों को चिपकाने वाले केमिकल की अंडरग्राउंड पाइप व अन्य प्रकार के केमिकल पाइप लाइन फैक्टरी में थीं। हालांकि, चिगारी कैसे भड़की इसके कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। वहीं, अपनी फैक्टरी में आग लगने की सूचना पाकर चंडीगढ़ निवासी विनय अग्रवाल मौके पर पहुंचे। परिवार की महिलाएं आग से हुए नुकसान को देख रो पड़ीं। अग्रवाल की एक यूनिट अंबाला के मंगलई गांव में भी है। फोटो- 48
जब आग लगी खाना बना रहे थे कर्मचारी
इंडस्ट्री के कर्मचारी शिव पूजन ने बताया कि कि सुबह करीब सात बजे खाना बना रहे थे तो सामने से सिक्योरिटी गार्ड ने आवाज लगाई कि पीछे आग लग गई। आनन-फानन में नीचे उतरे और सबसे पहले पुलिस व फायर ब्रिगेड को फोन किया और फिर मालिक को सूचित किया। पुलिस पहले पहुंच गई और दमकल की गाड़ी करीब आधा घंटा बाद पहुंची। इस दौरान उन्होंने कंपनी के अंदर लगे एक सबमर्सिबल से आग बुझाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। दमकल की गाड़ियों ने लगाए करीब 40 चक्कर
आग बुझाने के इस कार्य के दौरान पंचकूला से एक, दप्पर एम्यूनेशन डिपो से 2, डेरा बस्सी से एक, नारायणगढ़ से दो, कुरुक्षेत्र से एक, अंबाला छावनी से दो, अंबाला शहर से 4, एयरफोर्स स्टेशन से एक गाड़ी मंगाई। एयरफोर्स स्टेशन से आई गाड़ी में करीब छह एयरफोर्स कर्मी व एम्यूनेशन डिपो से करीब आधा दर्जन फौजी आग बुझाने में लगे रहे। आग बुझाने में लगी 14 गाड़ियों ने करीब 40 बार पानी भरा। आईओसी को सुबह 8 बजकर 55 मिनट पर मिली जानकारी
जब आग लगी तो डीआरओ कैप्टन विनोद, तहसीलदार विक्रम अग्रवाल, डीएसपी मनीष सहगल सहित पुलिस व प्रशासन के दर्जनों लोग मौके पर पहुंच गए थे। इसी दौरान आग को काबू न आता देख डीएसपी ने आईओसी डिपो अंबाला से मदद मांगी। आईओसी डिपो में 8 बजकर 55 मिनट पर रिसीव हुए फोन के बाद जीएम रवि सुरेश के निर्देशों पर गौरव देव प्रबंधक टर्मिनल, ऋृषभ कुमार व अन्य कर्मियों की टीम 20 केन एटीसी व एएफएफएफ लेकर रवाना हुई। जो कि जिले में कहीं और उपलब्ध नहीं था। यह टीम 9 बजकर 15 मिनट पर घटना स्थल पर पहुंची।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप