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अस्पताल में केमिस्ट शॉप देने के नाम पर ठगे चार लाख रुपये

अस्पताल में केमिस्ट शॉप देने के नाम पर शातिरों ने कपिल नरुला (केमिस्ट शॉप संचालक) से सवा चार लाख रुपये की ठगी कर ली है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 07:58 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 07:58 AM (IST)
अस्पताल में केमिस्ट शॉप देने के नाम पर ठगे चार लाख रुपये
अस्पताल में केमिस्ट शॉप देने के नाम पर ठगे चार लाख रुपये

जागरण संवाददाता, अंबाला : अस्पताल में केमिस्ट शॉप देने के नाम पर शातिरों ने कपिल नरुला (केमिस्ट शॉप संचालक) से सवा चार लाख रुपये की ठगी कर ली है। शातिरों ने इस तरह से अपना विश्वास जमाया कि शिकायतकर्ता को विश्वास हो गया था। अस्पताल के लिए बिल्डिग को किराये पर लिया, वहां पर ताला लटका है, जबकि अंबाला कैंट पुलिस ने कपिल की शिकायत पर केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है।

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पुलिस को दी शिकायत में बताया गया कि उसकी सब्जी मंडी अंबाला कैंट में केमिस्ट शॉप है। कुछ दिन पहले रोहित नाम का एक युवक आया, जिसने एक विज्ञापन दिखाया। विज्ञापन में लिखा था कि बिशप फाउंडेशन उनकी (शिकायतकर्ता) दुकान के पास अस्पताल खोल रहे हैं। अस्पताल में ही केमिस्ट की शॉप खोल रहे हैं। यदि वह दुकान लेने के इच्छुक हैं, तो वे संपर्क करें। विज्ञापन में दिए गए फोन नंबर पर कॉल किया तो जेसी पारकर से बात हुई। उन्होंने बताया कि हमारी बिशप फाउंडेशन पूरे क्षेत्र में 43 अस्पताल बना रही है और इसका ब्रांच आफिस प्रेम नगर अंबाला शहर में है। उन्होंने बताया कि कैंट में हिल रोड पर एक बिल्डिग में अस्पताल बना रहे हैं। कपिल ने बताया कि जेसी पारकर उनकी दुकान पर आए कि दस जून को इस क्षेत्र में अस्पताल का मुहूर्त करेंगे। यदि केमिस्ट शॉप लेना चाहते हैं, तो दो साल का करार करना होगा। इसके लिए सवा चार लाख रुपये देने होंगे। दो साल बाद चार लाख रुपये रिफंड कर दिए जाएंगे, जबकि पच्चीस हजार रुपये फाउंडेशन रखेगी।

इस पर उन्होंने अपने स्तर पर छानबीन की तो पाया कि कृष्णा टावर, जिसके मालिक डीएस माथुर हैं, से तीन मंजिला बिल्डिग किराये पर ही है। मौके पर कारपेंटर तेजी से डाक्टरों के लिए केबिन बना रहे थे, जबकि अन्य काम भी चल रहा था। करीब पांच लड़कियों का स्टाफ भी मौजूद था। उन्होंने बताया कि बिल्डिग पर बिशन अस्पताल का बोर्ड भी लगा था। इस पर उन्होंने फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध करवाई गई बैंक डिटेल के आधार पर किस्तों में सवा चार लाख रुपये जमा करवा दिए। इसके कुछ दिनों के बादजेसी पारकर का फोन आया। उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण अस्पताल अभी शुरू नहीं कर सकते। काम बंद करवा दिया है। इसके बाद बार-बार अस्पताल खुलने की तारीख को बढ़ाते रहे। अब तक यहां कोई अस्पताल नहीं बना, जबकि बिल्डिग मालिक ने भी किराया न मिलने के कारण अपना ताला लगा दिया है।


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