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बाप की हत्या का बदला लेने के लिए पूर्व सब-इंस्पेक्टर को गोलियां से भूना

1999 में रियल इस्टेट का कारोबारी जोगिदर सिंह हीरा की हत्या के बाद शुरू हुआ खूनी खेल अभी थमा नहीं है। हीरा हत्याकांड का बदला लेने के लिए 2013 में सरसेहड़ी गांव के पूर्व सरपंच गुरपाल सिंह पाला की हत्या कर दी गई थी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 10:24 AM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 06:40 AM (IST)
बाप की हत्या का बदला लेने के लिए पूर्व सब-इंस्पेक्टर को गोलियां से भूना
बाप की हत्या का बदला लेने के लिए पूर्व सब-इंस्पेक्टर को गोलियां से भूना

जागरण संवाददाता, अंबाला: 1999 में रियल इस्टेट का कारोबारी जोगिदर सिंह हीरा की हत्या के बाद शुरू हुआ खूनी खेल अभी थमा नहीं है। हीरा हत्याकांड का बदला लेने के लिए 2013 में सरसेहड़ी गांव के पूर्व सरपंच गुरपाल सिंह पाला की हत्या कर दी गई थी। बुधवार जगप्रीत ने अपने पिता गुरपाल सिंह की हत्या का बदला लेने के लिए सब-इंस्पेक्टर रहे सतविदर सिंह उर्फ काका की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। इस जमीनी विवाद की नींव 29 साल पहले पड़ी थी। उम्रकैद की सजा पा चुके जगप्रीत सिंह पंजाब एवं हाईकोर्ट से जमानत पर आया था। सतविदर सिंह हत्यांकाड के बाद पुलिस दोनों परिवारों के बीच पहले दर्ज हुए मुकदमों और कोर्ट के फैसलों की प्रतिलिपियां खंगालने में जुट गई है।

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चाय पीने आएं सतविदर को उतारा मौत के घाट

अंबाला छावनी की गांधी मार्केट में हुई सब इंस्पेक्टर रहे सतविदर सिंह उर्फ काका की हत्या ने 29 साल पहले शुरू हुए जमीनी विवाद को फिर से हवा दे दी है। वर्ष 1990 में जमीन के टुकड़े को लेकर विवाद शुरू हुआ था, जिसमें तीन लोगों की हत्या हो चुकी हैं। वर्ष 1990 में अंबाला-जगाधरी हाईवे के निकट करीब एक हजार गज जमीन के टुकड़े को लेकर विवाद पैदा हुआ था। इस जमीन पर गुरपाल सिंह पाला पूर्व सरपंच व जोगिद्र सिंह हीरा अपना-अपना दावा जताते रहे। सूत्रों की मानें, तो इस जमीन का सौदा भी कोई एक पक्ष करने लगता, तो दूसरा पक्ष सामने खड़ा हो जाता है। यह विवाद अदालत में करीब 9 साल तक चलता रहा।

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20 साल पहले जोगिद्र सिंह हीरा की हुई थी हत्या

वर्ष 1999 में जोगिद्र सिंह हीरा की जघन्य तरीके से हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में पूर्व सरपंच गुरपाल सिंह पाला और अन्य लोगों पर आरोप लगाया गया था। इस हत्याकांड का बदला लेने के लिए जुलाई 2013 में गुरपाल सिंह पाला का अपहरण कर लिया गया। अपहरण के तीन दिन बाद उनका शव नरवाना ब्रांच से मिला, जिसका सिर गायब था। गुरपाल की हत्या के आरोप में सब-इंस्पेक्टर रहे सतविदर सिंह और उसके बेटे रणदीप राणा, राजेश उर्फ डॉन, प्रवीण उर्फ काला, विवेक उर्फ काली, प्रभजीत, काका गांठ, मोहित उर्फ कागा, चमनलाल को अदालत ने उम्रकैद सुनाई थी। अब बुधवार को इसी विवाद की रंजिश के चलते सतविदर सिंह उर्फ काका की भी हत्या कर दी गई।

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प्रैक्टिस करने नहीं गए और सीधे चाय पीने आ गए

परिजनों के मुताबिक सतविदर सिंह वेट लिफ्टिग व रेसलिग के कोच थे। उनका बेटा राणा रणदीप अंबाला जेल में बंद है। उसके ऊपर कई आरोप हैं। सतविदर सिंह हर रोज ग्राउंड में प्रैक्टिस के बाद गांधी मार्केट में चाय पीने के लिए आते थे। बुधवार को बारिश की वजह से वे प्रैक्टिस करने नहीं गए और सीधे चाय पीने आ गए।


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