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सवा 21 लाख की ठगी में कंपनी के डायरेक्टर समेत पांच फंसे, सब्जी बेच जोड़ी थी पूंजी

सब्जी बेच पूंजी जुटाने वाले रामकुमार निवासी सरगोधा कालोनी नारायणगढ़ को एक निजी कंपनी के निदेशक समेत पांच लोगों ने 21 लाख 25 हजार रुपये की ठगी कर ली।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 05:42 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 05:42 AM (IST)
सवा 21 लाख की ठगी में कंपनी के डायरेक्टर समेत पांच फंसे, सब्जी बेच जोड़ी थी पूंजी
सवा 21 लाख की ठगी में कंपनी के डायरेक्टर समेत पांच फंसे, सब्जी बेच जोड़ी थी पूंजी

संवाद सहयोगी, नारायणगढ़ : सब्जी बेच पूंजी जुटाने वाले रामकुमार निवासी सरगोधा कालोनी नारायणगढ़ को एक निजी कंपनी के निदेशक समेत पांच लोगों ने 21 लाख 25 हजार रुपये की ठगी कर ली। शिकायतकर्ता ने जब अपने रुपये मांगे तो जान से मारने की धमकी दी। रामकुमार की शिकायत पर थाना नारायणगढ़ पुलिस ने क्रैडेस बिल्डटेक इंडिया लिमिटेड के निदेशक संजीव सत्या विहार, नजदीक जैन ईएनटी अस्पताल, लाल कोठी, जयपुर राजस्थान सहित भीम निवासी नवीन कलोनी, नारायणगढ़ (डाकखाना कर्मचारी), प्रदीप निवासी कपाल मोचन रोड सढौरा जिला यमुनानगर (कंपनी मेनेजर क्रैडेस बिल्डटेक इंडिया लिमिटेड), ओम प्रकाश निवासी गांव रठाली तहसील बिलासपुर जिला यमुनानगर (डाकखाना नारायणगढ़ कर्मचारी) व सुनील भट्ट के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। खास है कि आरोपितों में भीम शिकायतकर्ता का रिश्तेदार है।

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इस तरह से लिया झांसे में रामकुमार ने बताया कि वह सब्जी आदि बेचने का काम करता है। उसने साल 2015-16 में अपना एक प्लाट बेचा था, जिसकी रकम उसके पास थी। वह अपनी रिश्तेदारी में सलाह लेने लगा कि यह रुपया वह कहां पर जमा करवाए। आरोपितों को इसका पता चला कि तो वे उनके घर पर आए। आरोपितों ने कहा कि वह डाकखाने में अपना रुपया जमा करवा सकता है। इस पर उन्होंने कहा कि वह डाकखाना में रुपया जमा करवा देता है और जब मकान बनाने की जरूरत पड़ेगी तो वह निकलवा लेगा। आरोपितों ने फार्म भरा और उनको पूरा विश्वास में ले लिया कि उनका रुपया डाकखाना में जमा होगा। कुछ दिन के बाद आरोपित फिर आए और कहा कि वह उनको रुपये दे दे ताकि इनको जमा करवा दें। आरोपितों ने कहा कि रुपये की जिम्मेदारी उनकी है और उनके रुपये नहीं आए तो वे ब्याज सहित लौटा देंगे। भीम उनका रिश्तेदार है, जबकि सरकारी कर्मचारी होने के नाते विश्वास कर दस लाख रुपये दे दिए। इसे अलावा ढाई सौ रुपये प्रतिमाह लेने भी शुरू कर दिए।

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रसीदें मांगी तो खुला फर्जीवाड़ा करीब तीन माह के बाद जब रामकुमार ने जमा कराए रुपयों की रसीदें मांगी, तो आरोपितों ने यह उनको उपलब्ध करवा दीं। रामकुमार के बेटे ने जब इन रसीदों को चैक किया, तो पता चला कि यह रसीदें डाकखाने की न होकर क्रैडेंस बिल्डटैक इंडिया लिमिटेड की हैं। आरोपितों से बात की, तो आश्वासन दिया कि उनके रुपये सुरक्षित हैं और यदि रुपये लौटाने पड़े तो वे दे देंगे।

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चैक बाउंस हो गए रामकुमार ने जब आरोपितों से अपने रुपये वापस मांगे, तो दस लाख रुपये व सवा पांच लाख रुपये के दो अलग-अलग चैक थमा दिए और कहा कि बाकी का हिसाब भी जल्द कर दिया जाएगा। जब चैक बैंक में लगाए तो यह बाउंस हो गए। आरोपितों से संपर्क किया, तो उन्होंने पंचायती तौर पर आश्वासन दिया कि चैक जल्द ही पास हो जाएंगे। इसी के चलते जब चैक दोबारा लगाए, तो यह फिर से बाउंस हो गए।

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आरोपितों ने धमकियां देनी शुरू कीं

रामकुमार ने कहा कि जब उन्होंने अपने रुपये वापस मांगे, तो आरोपितों ने उनको जान से मारने की धमकियां देने लगे।कुल मिलाकर आरोपितों ने उनसे 21 लाख 25 हजार रुपये की ठगी की है ।


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