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पहले एवरेज बेस से हो रही लूट फिर पुरानी सारी री¨डग के बिल देकर की जा रही जेब खाली

शिकायत निवारण समिति की बैठक में उपभोक्ताओं ने बताया कि 8-9 महीने उनके बिल न्यूनतम बेस पर बिना री¨डग के भेजे गए। इसके बाद किसी को 20 हजार तो किसी को 25 हजार बिल दे दिया गया। दरअसल पहले किसी ने री¨डग नहीं ली।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 12:33 AM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 12:33 AM (IST)
पहले एवरेज बेस से हो रही लूट फिर पुरानी सारी री¨डग के बिल देकर की जा रही जेब खाली
पहले एवरेज बेस से हो रही लूट फिर पुरानी सारी री¨डग के बिल देकर की जा रही जेब खाली

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर

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शिकायत निवारण समिति की बैठक में उपभोक्ताओं ने बताया कि 8-9 महीने उनके बिल न्यूनतम बेस पर बिना री¨डग के भेजे गए। इसके बाद किसी को 20 हजार तो किसी को 25 हजार बिल दे दिया गया। दरअसल पहले किसी ने री¨डग नहीं ली। इसीलिए न्यूनतम बेस पर किसी को 700 तो किसी को एक हजार रुपये का बिल उसके लोड के हिसाब से भेजा जाता रहा। जब री¨डग हुई तो शुरू से आखिरी तक की री¨डग का बिल भेज दिया गया। इस तरह पहले न्यूनतम बेस पर बिल तैयार हुआ तब उपभोक्ता को चपत लगी और उसके बाद जब पूरी यूनिट का शुरू से लेकर बिल बना तब उपभोक्ता को चपत लगी। सेक्टर 9 निवासी अशोक गुप्ता, कैलाश नगर निवासी रजत व बाजार बस्ती निवासी मनोहर तीनों की ऐसी ही शिकायतें थी। सेक्टर नौ में 8 महीने से तो कैलाश नगर में 10 और मनोहर बस्ती में 6 माह बाद री¨डग ली गई।

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अभी भी घरों के भीतर लगे मीटर एक्सइएन बेखबर

ठेकेदार को बिजली निगम ने न केवल शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घरों से लगे मीटर को पोल पर लगाने का ठेका देकर उसे पूरी पेमेंट भी दे दी लेकिन एक साल बाद भी लोगों के घरों के भीतर आज भी मीटर लगे हुए हैं। बैठक में यह खुलासा हुआ। एक्सएइन के सामने यह मामला उस वक्त आया जब जग्गी कालोनी फेस टू निवासी वेद प्रकाश ने बताया कि उसके घर छह माह से री¨डग लेने कोई नहीं आ रहा। इस पर उपभोक्ता फोरम के सदस्य ने सवाल किया आपको कैसे पता? उन्होंने जवाब दिया कि आते तो उन्हें जरूर पता चलता क्योंकि मीटर तो घर ही लगा है। इस पर एक्सइएन बीके कंबोज चौक गए, पूछा क्या आपका ही मीटर घर में है। इस पर वेद ने बताया कि सारी कालोनी में घरों के भीतर ही हैं। इस पर आदेश जारी हुए कि पहले तो सारी कालोनी के मीटर घर से बाहर निकलवाएं जाएं। साथ ही निर्देश दिए कि वेद प्रकाश के मीटर की री¨डग दोबारा लेकर बिल ठीक किया जाए।

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मैं 21 हजार कैसे भरूं बिल

जंडली निवासी मांगे राम ने बताया कि वह हर समय अपना बिल भरता रहा लेकिन अब उसका बिल 21 हजार रुपये भेज दिया गया। जब उसका बिल चेक हुआ तो वह 40 हजार का था। इस पर मांगे राम ने बताया कि 19 हजार का मामला तो कोर्ट में चल रहा है। दरअसल उसने पैसे जमा कराए थे और ईपे कंपनी के कर्मी बिल लेकर फरार हो गए। इस पर मांगे राम का बिल दो किश्तों में कर दिया गया।

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नहीं मिल रहा स्लैब का लाभ

जंडली निवासी देसराज ने बताया कि उसे बिल में स्लैब का लाभ नहीं मिला। पूरा बिला 7.10 रुपये की दर से बनाकर भेज दिया गया। लेकिन जब रिकार्ड चेक हुआ तो अधिकारियों ने बताया कि उसकी खप्त ज्यादा है। इसी कारण लाभ नहीं मिलेगा।

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यह शिकायतें भी रही प्रमुख

जंडली निवासी मनोज की शिकायत थी कि एक साल से बिल गलत आ रहा है, म¨हद्र ¨सह प्रीत कालोनी ने बताया कि बिल नहीं पहुंचते, री¨डग भी गलत तरीके से भेजी जा रही है। सुरेश कुमार गोयल ने बताया कि वह 70 हजार रुपये भर चुका है लेकिन फिर भी बिजली निगम की देनदारी नहीं उतर रही। शिकायतकर्ता से सीजीआरएफ में शिकायत का फार्म भरवाया गया। मिलाप नगर निवासी राजकुमार का 65 हजार बिल था क्योंकि उसने एक साल से बिल नहीं भरा। अब मीटर काटने की बात आई तो वह किश्तों में बिल भरवाने की सिफारिश करने पहुंचा। सेठी नगर से लवलीन कुमार का मीटर लैब में भी तेज चलता पाया गया लेकिन बिल ठीक नहीं हो रहा। छावनी के प्रवीण चंद्र कोड़ा ने बताया कि वह जून में आया था उसके बाद खंभे भी लगाए तारें भी बिछाई लेकिन लो वोल्टेज की समस्या खत्म नहीं हुई।

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प्रीत कालोनी पर मंडरा रही मौत

प्रीत कालोनी के ऊपर से हाई वोल्टेज तारें गुजरने का मामला बैठक में आया। शिकायतकर्ता गुरप्रीत ने बताया कि विधायक असीम गोयल ने समस्या के समाधान के लिए बोला है। इस पर एसई ने बताया कि यह मामला केंद्र ने देखना है। टेंडर लगा हुआ है। एक-दो महीने का समय लगेगा। ऐसे में तब तक इस पूरी कालोनी पर मौत मंडराती रहेगी।


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