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दिल्ली हिसा के बाद लौटने लगे किसान, आठ घंटे में 5 हजार वाहन पहुंचे पंजाब सीमा

दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे पर बुधवार को दिनभर किसानों के वाहनों की कतारें नजर आई। आठ घंटे में 5 हजार 48 ऐसे वाहन थे जो दिल्ली में ट्रैक्टर परेड से वापस हो रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 06:55 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 06:55 AM (IST)
दिल्ली हिसा के बाद लौटने लगे किसान, आठ घंटे में 5 हजार वाहन पहुंचे पंजाब सीमा
दिल्ली हिसा के बाद लौटने लगे किसान, आठ घंटे में 5 हजार वाहन पहुंचे पंजाब सीमा

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे पर बुधवार को दिनभर किसानों के वाहनों की कतारें नजर आई। आठ घंटे में 5 हजार 48 ऐसे वाहन थे जो दिल्ली में ट्रैक्टर परेड से वापस हो रहे थे। वाहनों में सबसे ज्यादा तादाद ट्रैक्टरों की रही। आंकड़ों पर नजर डालें तो इनमें 3 हजार 292 ट्रैक्टर, 1 हजार 226 कार और 530 मोटरसाइकिल थे। इन सभी वाहनों पर झंडियां लगी थीं।

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वहीं शंभू बार्डर पर बुधवार को दिनभर किसानों का धरना जारी रहा। जहां पर दिल्ली से लौट रहे किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था की गई। किसानों ने कहा कि ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्वक निकाली गई है। इस दौरान उन्होंने लाल किला पर हुई घटना की निदा भी की। किसानों ने शांतिपूर्ण ढंग से किया आंदोलन

नवांशहर (शहीद भगत सिंह नगर) से 200 से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉली पर सवार होकर किसानों का दल दिल्ली बार्डर पर डटा रहा। बुधवार को दिल्ली से लौटते समय किसान जोरावर सिंह, अमनदीप, अलविदर, मनिदर सिंह, हन्नी, सुज्जो, चरनजीत उसमानपर, करनवीर ने बताया कि हम सभी 350 किलोमीटर का सफर तय करके आंदोलन का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि लालकिला पर किसानों के बीच का कोई नहीं था। हम किसानों ने तो 2 महीने से ठंड और बरसात में ठिठुरते हुए शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन किया।

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शांतिपूर्ण ढंग से किसानों ने किया ट्रैक्टर परेड

दिल्ली किसान आंदोलन से लौट रहे पंजाब के लुधियाना जगरांव के किसान जितेंद्रपाल की टीम छावनी के शास्त्री कालोनी ट्रैफिक लाइट के निकट रुकी। यहां किसानों ने बताया कि सभी किसान शांतिपूर्ण ढंग से ट्रैक्टर परेड कर रहे थे। इस दौरान अफवाह फैली कि किसानों ने लाल किला पर झंडा फहराया, जबकि हमारे किसान साथी शांतिपूर्ण ढंग से कृषि कानून को निरस्त करने की मांग महीनों से कर रहे थे। ऐसे में सरकार की तरफ से हुई कार्रवाई की हम सभी किसान निदा करते हैं।

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-कृषि कानून को निरस्त करने की मांग

पंजाब के फतेहगढ़ साहिब निवासी किसान सर्वजीत सिंह ने कहा कि किसान मध्यमवर्गीय श्रेणी में शामिल है। सरकार का कृषि कानून किसानों को तोड़ने और पूंजीपतियों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है। हम सभी किसान सरकार के कृषि कानून को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।

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हिसा करने वाले किसान नहीं थे

भूपिद्र सिंह ने कहा कि लालकिला पर हुई घटना की निदा करते हैं, लेकिन यह भी कहते हैं कि इसमें कोई किसान नहीं था। यह एक साजिश थी। सरकार के नुमाइंदों ने किसानों को बदनाम करने के लिए कदम उठाया है। ताकि किसानों के आंदोलन को कमजोर किया जा सके।

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पुलिस ने आठ बजे ही खोल दिए थे रास्ते

बजिद्र सिंह ने बताया कि किसान परेड दस बजे शुरू होनी थी, लेकिन पुलिस ने आठ बजे ही रास्ते खोल दिए। जबकि वह रास्ते खोल दिए गए जहां से किसानों की परेड निकलनी ही नहीं थी। किसान दिल्ली के रास्तों से वाकिफ नहीं थी। इसी कारण उन्हें भटका दिया गया।

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आंदोलन तोड़ने को दिया जा रहा धार्मिक रंग

जय सिंह ने कहा कि किसानों ने लाल किला पर तिरंगा का कोई अपमान नहीं किया है। यह सिर्फ अफवाह फैलाकर भ्रमित किया जा रहा है। कुछ ने निशान साहब लगाया है जिसको सभी प्रणाम करते हैं और नतमस्तक होते हैं। यह किसी गलत मंशा से नहीं लगाया गया। किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए धार्मिक रंग दिया जा रहा है। ------

किस समय और कितने वाहन लौटे सुबह 9 से 10 बजे तक : ट्रैक्टर ट्राली 250, कार 125, बाइक 35

सुबह 10 से 11 बजे तक : ट्रैक्टर ट्राली 411, कार 131, बाइक 53

दिन के 11 से 12 बजे तक : ट्रैक्टर ट्राली 376, कार 113 , बाइक 39

दोपहर 12 से 01 बजे तक: ट्रैक्टर ट्राली 281 , कार 138, बाइक 57

दोपहर 01 से 02 बजे तक : ट्रैक्टर ट्राली 557, कार 169, बाइक 69

दोपहर 02 से 03 बजे तक: ट्रैक्टर ट्राली 542, कार 175, बाइक 76

दोपहर 03 से 04 बजे तक : ट्रैक्टर ट्राली 560, कार 190, बाइक 105

दोपहर 04 से 05 बजे तक : ट्रैक्टर ट्राली 540, कार 185, बाइक 96

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-लौट रहे किसानों की निगरानी शुरू

दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिसा के बाद वापस लौट रहे किसानों की निगरानी पुलिस विभाग ने शुरू कर दी है। छावनी के शास्त्री कट पर ट्रैफिक लाइट के साथ पुलिस पंजाब की तरफ लौट रहे किसानी झंडे लगे ट्रैक्टर ट्राली, बाइक और कारों की संख्या का आंकलन करती नजर आयी। जिसकी जानकारी आला अधिकारियों के पास जाएगी।


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