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काली दिवाली : मंडी में धान सड़क पर किसान

इस बार किसानों की काली दिवाली मनेगी क्योंकि धान की सरकारी खरीद बंद कर दी गई है। धान की खरीद बंद होने के दूसरे दिन किसान सड़क पर उतर गए। अंबाला-हिसार हाईवे पर मंडी के पास दोपहर को 2.30 बजे किसान सड़क पर बैठ गए। इसी दौरान आजाद प्रत्याशी रहे निर्मल सिंह भी किसानों को देने पहुंच गए और उनके साथ ही सड़क पर बैठ गए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 09:54 AM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 06:33 AM (IST)
काली दिवाली : मंडी में धान सड़क पर किसान
काली दिवाली : मंडी में धान सड़क पर किसान

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: इस बार किसानों की काली दिवाली मनेगी, क्योंकि धान की सरकारी खरीद बंद कर दी गई है। धान की खरीद बंद होने के दूसरे दिन किसान सड़क पर उतर गए। अंबाला-हिसार हाईवे पर मंडी के पास दोपहर को 2.30 बजे किसान सड़क पर बैठ गए। इसी दौरान आजाद प्रत्याशी रहे निर्मल सिंह भी किसानों को देने पहुंच गए और उनके साथ ही सड़क पर बैठ गए। किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को सड़क पर खड़ा कर दिया जिससे हाईवे पूरी तरह से जाम हो गया। जाम खुलवाने के लिए एसडीएम गौरी मिड्डा और डीएसपी सुलतान सिंह पहुंचे। लेकिन किसानों ने एक नहीं सुनी। अधिकारी मौखिक आश्वासन देने लगे तो मंडी प्रधान दूनीचंद ने कहा लिखकर दे तो खोल देंगे जाम। इससे अधिकारी कन्नी काट गए। जाम लगने से अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए वाहन चालकों और राहगीरों ने दूसरा रास्ता चुना। शाम 6.30 बजे किसानों ने अधिकारियों द्वारा मंडी में पहुंचे धान की खरीदारी का आश्वासन देने पर जाम खोल दिया। इसके बाद प्रशासन ने किसानों के ट्रैक्ट्रर और ट्राली को मंडी के अंदर करवा दिया। अबतक जितने धान मंडी में पहुंचा है, उसे सरकार खरीदेगी। अंबाला शहर अनाज मंडी में इस समय लाखों क्विंटल धान का पड़ा है। मंडी में तीनों एंजेसियों ने अपना कोटा पूरा होने के बाद धान की खरीद शुक्रवार को बंद कर दी थी।

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सूखा धान में 50 का और नमी वाली में लग रहा ढाई सौ रुपये का कट

मंडी में शेलर संचालकों की भी खूब मौज हो रही है। हो भी क्यों न मंडी के अधिकारियों की पूरे सीजन में नींद ही नहीं खुली। कट के नाम पर किसानों के साथ खिलवाड़ होता रहा और बिल तय रेट के बनते रहे। अभी जो धान पहले मंडी में पहुंच चुकी है और जिसके बिल तक बन चुके हैं। बिल्कुल सूखा धान होने के बावजूद शेलर संचालक 50 रुपये तक का कट लगा रहे हैं। जिन किसानों की धान में कुछ हद तक नमी है उसका शेलर संचालक दो से लेकर ढाई सौ रुपये तक का कट लगा रहे हैं। फंसे हुए किसानों की मजबूरी का मंडी में नाजायज फायदा उठाया जा रहा है। जबकि सरकारी भाव 1835 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।

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पिछले साल से साढ़े पांच लाख क्विंटल धान अधिक पहुंचा

अनाज मंडी अंबाला शहर में इस साल 28 लाख 35 हजार क्विटल धान पहुंचा। जबकि पिछले साल 22 लाख 92 हजार क्विंटल धान पहुंचा था। करीब साढ़े पांच लाख क्विटल धान अधिक पहुंच गया। अंबाला शहर मंडी में प्रदेश की सीमा के साथ लगते पंजाब से अनाज पहले भी लाया जाता रहा है। लेकिन इससे पहले कभी भी मंडी के हालात नहीं बिगड़े। ऐसे में मंडी प्रशासन पर सवाल खड़ा होता है कि इस साल इतना अधिक अनाज कहां से पहुंच गया।

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सरकार को धान खरीदनी पड़ेगी। सरकार की तरफ से एसडीएम और डीएसपी आये हैं, लेकिन अभी हल नहीं निकला। यह कह कर धान की खरीद बंद कर देना गलत है कि टारगेट पूरा हो गया। पहले 15 नवंबर तक धान की खरीद चलती थी अभी 20 दिन पड़े हैं। धान नहीं बिकती तो यह किसानों की काली दिवाली होगी।

-निर्मल सिंह मोहड़ा, पूर्व राजस्व मंत्री हरियाणा


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