धूप निकली तो मंडी में धान को सूखाने में जुटे किसान, प्लेटफार्म से गेहूं उठाने लगा हैफेड
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर शनिवार से हो रही बरसात के बाद मंगलवार सुबह जब धूप शनिवार से हो रही बरसात के बाद मंगलवार सुबह जब धूप खिली तो जनजीवन ने राहत की सांस ली। दिन चढ़ता गया और रोजमर्रा के काम रफ्तार पकड़ने लगे। विशेषकर जिन किसानों का धान मंडी में आने के बाद भीग गया था वह उसे सूखाने के इंतजाम में लगे रहे। मंडी में लगभग हर प्लेटफार्म पर धान सुखाई जा रही थी। खेतों में फसल बिछ जाने से नई आवक बेहद कम थी। हालांकि, आगे मौसम साफ रहने पर आवक बढ़ना तय है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर
शनिवार से हो रही बरसात के बाद मंगलवार सुबह जब धूप खिली तो जनजीवन ने राहत की सांस ली। दिन चढ़ता गया और रोजमर्रा के काम रफ्तार पकड़ने लगे। विशेषकर जिन किसानों का धान मंडी में आने के बाद भीग गया था वह उसे सूखाने के इंतजाम में लगे रहे। मंडी में लगभग हर प्लेटफार्म पर धान सुखाई जा रही थी। खेतों में फसल बिछ जाने से नई आवक बेहद कम थी। हालांकि, आगे मौसम साफ रहने पर आवक बढ़ना तय है। वहीं, किसानों का धान पानी में बह जाने के बाद मंडी प्रशासन को शेड के नीचे व प्लेटफार्म लगे हैफेड के गेहूं को उठवाने की याद आई। रेलवे प्लेटफार्म के साथ लगे गेहूं को ट्रकों में लादा जा रहा था। हालांकि, मंडी शेड के नीचे अभी भी हजारों क्विंटल गेहूं जस का तस लगा हुआ है। वहीं, खेतों में अभी भी फसलें पानी में डूबी हुई हैं। जिनसे किसानों को उत्पादन का नुकसान तो हुआ ही है बल्कि अभी कई दिनों तक यहां से फसल की कटाई शुरू हो पान संभव नहीं है। यूं भी बिछी हुई फसलों की कटाई अब किसानों को महंगा पड़ने वाली है।
आगे मौसम साफ रहने से मंडी पर दिखेगा असर
मौसम विभाग ने आगे मौसम साफ रहने की संभावना व्यक्त की है जिससे धीरे धीरे मंडी में आवक रफ्तार पकड़ते हुए दिखेगी। हालांकि, सरकारी खरीद अभी भी 1 अक्टूबर से शुरू होनी है। इससे पहले ही मंडी में करीब 30 हजार क्विंटल माल पहुंच चुका है। जिसके सुरक्षित रखरखाव के इंतजाम नहीं होने के चलते ही किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। उम्मीद है मंडी प्रशासन अब कुछ सबक लेगा।