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फर्जी दुकान-मोबाइल नंबर पर जीएसटी नंबर से 12.99 लाख की चपत

जीएसटी नंबर से फर्जीवाड़ा करने का नया मामला सामने आया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Aug 2019 08:29 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 08:10 AM (IST)
फर्जी दुकान-मोबाइल नंबर पर जीएसटी नंबर से 12.99 लाख की चपत
फर्जी दुकान-मोबाइल नंबर पर जीएसटी नंबर से 12.99 लाख की चपत

जागरण संवाददाता, अंबाला : जीएसटी नंबर से फर्जीवाड़ा करने का नया मामला सामने आया है। फर्जी दस्तावेज से ये नंबर लिया गया था। इससे 44.43 लाख रुपये के बिक्री बिल और ई-वे बिल जारी किए गए। इससे सरकार को 12.99 लाख रुपये की चपत लगी। सिटी थाना पुलिस ने ईटीओ पूनम की शिकायत पर सुखविद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया।

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सुखविद्र सिंह ने स्टेट टैक्स वार्ड आठ शहर से हरियाणा वस्तु और सेवा कर अधिनियम 2017 के तहत जीएसटी के लिए आवेदन किया। आरोपित ने विभाग से फर्जी दस्तावेज के जरिये मैसर्ज दिशा इंटरप्राइजेज नाहन हाउस शहर के नाम से 20 दिसंबर 2018 को अपना जीएसटी नंबर भी पंजीकृत करा लिया, जबकि उसका वास्तविक पता पंजाब के एसएएस नगर में नया शहर नजदीक सिंह सभा गुरुद्वारा का था। इसके बाद आरोपित ने फर्जीवाड़े का खेल शुरू कर दिया। जीएसटी नंबर लेने के बाद आरोपित ने अप्रैल से जून 2019 तक 44 लाख 43 हजार रुपये के बिक्री बिल और ई-वे बिल जारी कर दिए। आरोपित से खरीदार ने बिक्री बिल और ई-वे बिल के जरिये दो लाख 51 हजार रुपये का इनपुट क्रेडिट लाभ भी लिया। इस तरह से उसने राज्य सरकार को 12.99 लाख का रुपये फर्जीवाड़ा किया और सरकार के राजस्व को चपत लगाई है। ऐसे किया फर्जीवाड़ा

टैक्स जमा नहीं होने पर ईटीओ पूनम फर्म पर जांच करने के लिए पहुंची। मौके पर जो पता दिया गया था कि वहां पर इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चल रही थी। दुकान मालिक रंजीत सिंह ने बताया कि वह तो काफी समय से यहां पर शिव इलेक्ट्रॉनिक्स के नाम से दुकान चल रहे हैं। कागजों में उसकी माता जोगिद्र कौर के नाम से प्रॉपर्टी है और जगह उन्होंने किसी दीक्षा इंटरप्राइजिज फर्म को किराये पर नहीं दी है। इसके बाद फर्म के पंजीकरण के लिए भरे फार्म में दिए मोबाइल पर काल करने पर यह भी फर्जी मिला। पंजाब की फर्मों से हुआ कारोबार

ईटीओ ने जब ई-वे बिल पोर्टल से फर्म के कारोबार से जुड़ा रिकॉर्ड खंगाला तो सामने आया कि फर्जी फर्म बनाकर पंजाब की दो बड़ी फर्मो के साथ कारोबार किया था। पीवी स्टील और शंकर इंटरप्राइजेज से अप्रैल से जून 2019 तक कारोबार का रिकॉर्ड मिला, जिससे 44.43 लाख का कारोबार हुआ। मिला। आरोपित से राजस्व की भरपाई के लिए विभाग ने जीएसटी नंबर, बिजली के बिल समेत अन्य दस्तावेज पुलिस को सौंपे हैं। पुलिस दस्तावेजों के आधार पर आगामी जांच में जुट गई है।


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