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पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की जेल में विपक्षी नेता से मुलाकात करानी पड़ी महंगी, डीएसपी सस्पेंड

यमुनानगर जेल में पूर्व मंत्री चौधरी निर्मल सिंह की विपक्ष के बड़े नेता से गैरकानूनी ढंग से मुलाकात करवाना डीएसपी जेल को महंगा पड़ गया। मामला राज्य सरकार तक पहुंचा जिसके बाद जेल महानिदेशक ने डीएसपी को सस्पेंड कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 11:00 AM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 06:20 AM (IST)
पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की जेल में विपक्षी नेता से मुलाकात करानी पड़ी महंगी, डीएसपी सस्पेंड
पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की जेल में विपक्षी नेता से मुलाकात करानी पड़ी महंगी, डीएसपी सस्पेंड

दीपक बहल, अंबाला

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यमुनानगर जेल में पूर्व मंत्री चौधरी निर्मल सिंह की विपक्ष के बड़े नेता से गैरकानूनी ढंग से मुलाकात करवाना डीएसपी जेल को महंगा पड़ गया। मामला राज्य सरकार तक पहुंचा, जिसके बाद जेल महानिदेशक ने डीएसपी को सस्पेंड कर दिया। डीएसपी का तबादला अंबाला कर दिया गया। इसी बीच उन पर लगे आरोप पुख्ता होते गए तो अंबाला तैनाती के दौरान डीएसपी को सस्पेंड किया गया। डीएसपी पर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल निर्मल सिंह जमानत पर बाहर हैं। नेता की जेल में मुलाकात कराने वाले मामले की जांच अभी चल रही है। जांच अधिकारी ने यमुनानगर जेल जाकर कर्मचारियों के बयान दर्ज किए और जांच में पाया कि नेताजी जेल में बिना किसी अनुमति आए थे।

उल्लेखनीय है कि यमुनानगर के बेलगढ़ में 24 अप्रैल 2018 को रास्ते को लेकर विवाद हो गया था। खिजराबाद पुलिस ने 25 अप्रैल को पूर्व मंत्री निर्मल सिंह सहित अन्य को नामजद कर मामला दर्ज किया था। उन पर जानलेवा हमला, लूट, मारपीट, जान से मारने की धमकी देने व आ‌र्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। इसके लगभग दो दिनों के बाद निर्मल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में निर्मल सिंह को 21 दिनों के बाद जमानत मिली थी। निर्मल सिंह के बेटे का दावा था कि उनकी जमीन में घुसकर अवैध खनन किया जा रहा था। उस समय निर्मल सिंह कांग्रेस में शामिल थे।

सूत्रों के मुताबिक यमुनानगर जेल में बंद निर्मल सिंह से कांग्रेस के बड़े नेता मिलने आए। जेल मैनुअल के मुताबिक किसी भी कैदी या बंदी को मुलाकात कराने का नियम बना हुआ है और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही मुलाकात हो सकती है। लेकिन जब विपक्षी नेता यमुनानगर जेल पहुंचे, तो उन्होंने किसी भी तरह की कोई औपचारिकता पूरी नहीं की। यह मामला आला अधिकारियों तक पहुंच गया, जिसके बाद जेल प्रशासन ने आंतरिक तौर पर छानबीन शुरू कर दी। इसमें पाया गया कि डीएसपी जेल के आदेश पर ही मुलाकात हो पाई। जेल महानिदेशक ने मामले की जांच का जिम्मा आईजी जेल को दिया। उनकी जांच में यह आरोप सही पाए गए। आईजी ने यमुनानगर जेल जाकर सभी पहलुओं पर जांच की।

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जेल अधीक्षक छुट्टी पर, पीछे से हुआ खेल

यमुनानगर जेल अधीक्षक उस दौरान छुट्टी पर गए हुए थे। जेल का अतिरिक्त कार्यभार करनाल के जेल अधीक्षक के पास था। इसी बीच डीएसपी ने बड़े नेता की मुलाकात चौधरी निर्मल सिंह से करवा दी गई।

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सस्पेंड कर दिया गया : डीजी जेल

जेल महानिदेशक के सेल्वराज ने कहा कि डीएसपी जेल विवेक सांगवान को सस्पेंड किया गया है। उन्होंने कहा कि विभागीय जांच के चलते यह कार्रवाई की गई है।


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