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बरसात के बाद लघु सचिवालय में एंट्री नहीं आसान, जलभराव

दिन बुधवार समय 10.45 बजे लघु सचिवालय। कार्यालय परिसर के बाहर सदर थाना प्रभारी कर्मियों के साथ सड़क से वाहनों को हटवाते हुए नजर आए। पूछने पर पता चला कि लोग अदालत परिसर और लघु सचिवालय के रास्ते पर ही गाड़ियों को खड़ी कर देते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 07:00 AM (IST)
बरसात के बाद लघु सचिवालय में एंट्री नहीं आसान, जलभराव
बरसात के बाद लघु सचिवालय में एंट्री नहीं आसान, जलभराव

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : दिन बुधवार, समय 10.45 बजे, लघु सचिवालय। कार्यालय परिसर के बाहर सदर थाना प्रभारी कर्मियों के साथ सड़क से वाहनों को हटवाते हुए नजर आए। पूछने पर पता चला कि लोग अदालत परिसर और लघु सचिवालय के रास्ते पर ही गाड़ियों को खड़ी कर देते हैं। उनके अभियान से पहले कुछ खड़ी भी कर चुके थे। इसके बाद परिसर में जाने के लिए कदम आगे बढ़ाया तो एंट्री के आगे जलभराव। बरसात के बाद की वही पुरानी समस्या। उसका समाधान नहीं हो रहा। खैर अधिकारी तो गाड़ियों में निकल जाते हैं, लेकिन लोगों को जरूर छलांग लगानी पड़ रही है।

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एसडीएम कार्यालय में नहीं थीं। पता चला कि रोडवेजकर्मियों की हड़ताल का मुद्दा चल रहा है। उनके पास रोडवेज जीएम का भी कार्यभार है। इस कारण वे रोडवेज में व्यस्त हैं। परिसर स्थित तहसील में कुछ रौनक नजर आई। उसमें कर्मचारी और लोग व्यस्त नजर आए। इसके बाद लेखा-जोखा ब्रांच में तहसीलदार खुद निरीक्षण करते दिखे, लेकिन यह सिर्फ एक कर्मचारी ही सीट पर था। बरसात के कारण सरल केंद्र भी ठंडा रहा। सरल केंद्र में इक्का-दुक्का लोग ही अपने काम कराते हुए दिखे। कर्मचारी भी काम में राहत होने पर चाय की चुस्की भरते रहे।

-रेडक्रॉस भी पानी-पानी

बरसात के बाद रेड क्रॉस में भी एंट्री आसान नहीं है। रेडक्रॉस के एंट्री गेट पर ही जलभराव बना हुआ था। कर्मचारियों को अंदर जाने के लिए इंटों तक को रखना पड़ा। इसके बाद रेडक्रॉस के कर्मी अंदर पहुंचे। रेडक्रॉस में कोई कर्मचारी अपनी सीट पर नहीं मिला। पूछने पर पता चला दोनों किसी काम से गए हुए हैं।

समझौता में हुआ तलाक, राशन कार्ड से नाम निकलवाना हुआ मुश्किल

फोटो - 46

सारंगपुर के बलविद्र कुमार ने बताया कि उसकी शादी हुई थी, लेकिन बाद में कुछ कारण के बाद पंचायती समझौता हो गया। जिसमें दोनों पक्षों में तलाक हो गया। अब उन्हें राशन कार्ड से महिला का नाम निकलवाना है, लेकिन जब वह खाद्य आपूर्ति विभाग में पहुंचे तो वहां से उन्हें तहसील का रास्ता दिखा दिया गया। इसके बाद से वह तहसील के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन यहां उनकी सुनवाई नहीं हो रही। यहां तक कि लड़की का पिता भी साथ था। इसके बाद भी उन्हें टाल-मटोल की जा रही है।


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