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रोडवेज हड़ताल के समर्थन में कर्मचारी संगठन लामबंद, प्रदर्शन करते विधायक आवास पहुंचे

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन में मंगलवार को दू

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 07:16 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 07:16 PM (IST)
रोडवेज हड़ताल के समर्थन में कर्मचारी संगठन लामबंद, प्रदर्शन करते विधायक आवास पहुंचे
रोडवेज हड़ताल के समर्थन में कर्मचारी संगठन लामबंद, प्रदर्शन करते विधायक आवास पहुंचे

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन में मंगलवार को दूसरे कर्मचारी संगठन भी लामबंद रहे। डिपो के बाहर धरना स्थल पर जुटे कर्मियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। दोपहर में अग्रसेन चौक व पॉलीटेक्निक चौक से प्रदर्शन करते हुए विधायक आवास पर नारेबाजी की। हालांकि, विधायक आवास पर मौजूद नहीं थे। प्रदर्शन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा, सीटू व कर्मचारी महासंघ संयुक्त मंच सहित संगठन शामिल हुए।

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कर्मचारी संगठनों ने सरकार पर दमनकारी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए निजीकरण लागू करने की बात कही। इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान रामगोपाल के मुताबिक बुधवार को भी कर्मचारी महकमों में कामकाज ठप रखेंगे।

मंगलवार को सुबह से रोडवेज डिपो स्थित धरना स्थल पर आशा वर्कर्स, मिड डे मील, आंगनबाड़ी, ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशन एचएसईबी, हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन, नगर पालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा डिप्लोमा इंजीनियर संघ, हरियाणा अग्निश्मन कर्मचारी संघ हरियाणा, हरियाणा राजकीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ आदि संगठन जुटना शुरू हो गए थे।

इस मौके एसकेएस के जिला प्रधान रामगोपाल, कर्मचारी महासंघ के प्रधान सरदारा राम आदि ने कहा कि सरकार 720 बसों को ठेके पर लेकर विभाग में शामिल करने की नीति को रद्द करे। एक तरफ तो रोडवेज में कई दौरे के लंबे प्रशिक्षण व टेस्ट के बाद बसें चालकों को थमाई जाती हैं जबकि हड़ताल में लाइसेंस देखकर बसें चालकों के हवाले कर रहे हैं। जिससे प्रदेश में रोडवेज बसों की दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है।

संगठनों के मुताबिक नहीं दिख रही कर्मियों की भीड़

सर्व कर्मचारी संघ के नेताओं के मुताबिक जिले में संघ से जुड़े कर्मियों की संख्या करीब 15 हजार है। इसके अतिरिक्त कर्मचारी महासंघ का भी समर्थन है। ऐसे में धरना स्थल पर कर्मियों की संख्या हजारों में होनी चाहिए थी। हालांकि, धरना स्थल पर ज्यादा कर्मचारी नहीं जुट रहे हैं। जाहिर है कि कहीं न कहीं संगठनों के पदाधिकारी ही आगे आ रहे हैं और कर्मचारी सरकार के सख्त रवैये से घबराए हुए हैं। यही वजह है कि कार्यालयों में कामकाज पर ज्यादा असर नहीं दिख रहा है। जानकारी अनुसार मंगलवार को पशुपालन विभाग के 11, शिक्षा विभाग के 34, आशा वर्कर 412, पावर कर्मी 120, टूरिज्म विभाग के 6 कर्मियों के अनुपस्थित रहने व हड़ताल में शामिल होने का डाटा डीसी ऑफिस में पहुंचा है।


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