एसडीओ सीट पर नहीं, हीटर से चिपके रहे कर्मचारी, बाहर जनता परेशान
छावनी का क्वालिटी सब डिवीजन नंबर दो। जिससे करीब 19 हजार बिजली के उपभोक्ता जुड़े हैं। दिन मंगलवार और समय साढ़े 11 बजे थे। यहां पर बिजली का बिल भरने के लिए चार कैश काउंटर बने हुए है। लेकिन जहां लाइनें लगती है वहां पर बेतरतीब वाहन खड़े थे।
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी का क्वालिटी सब डिवीजन नंबर दो। जिससे करीब 19 हजार बिजली के उपभोक्ता जुड़े हैं। दिन मंगलवार और समय साढ़े 11 बजे थे। यहां पर बिजली का बिल भरने के लिए चार कैश काउंटर बने हुए है। लेकिन जहां लाइनें लगती है वहां पर बेतरतीब वाहन खड़े थे। इसीलिए उपभोक्ताओं को एक लाइन से दूसरी लाइन में जाने के लिए लोहे के पाइप के नीचे से होकर गुजरना पड़ा। चार काउंटर में से एक काउंटर मौके पर चल रहा था जब दैनिक जागरण की टीम को कर्मचारियों ने मौके पर देखा तो दूसरा काउंटर भी आनन-फानन में खोल दिया गया।
बिल भरने के बाद कुछ बिजली उपभोक्ताओं से बातचीत की गई। वो सब डिवीजन में फैली अव्यवस्था पर तो खुल कर बोले। लेकिन मीडिया के सामने आने से बचते नजर आएं। उपभोक्ताओं का डर था कि कहीं बिजली निगम बिजली से संबंधित कोई केस न बना दें। दो उपभोक्ताओं ने बिना नाम बताए ही कहा कि काउंटर हर बार एक या दो ही खुलता है। इसीलिए लंबी-लंबी लाइनों में लग कर बिल जमा कराना पड़ता है। एसडीओ से शिकायत करो तो वह हाथ खड़े कर देते हैं। समस्या का समाधान करने की बजाए आन लाइन बिजली का बिल अदा करने की बात बोलते हैं। आनलाइन फ्रॉड के चलते वह सीधे यहां बिल जमा कराने आते हैं लेकिन यहां किसी को कोई परवाह नहीं है।
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हीटर से सर्दी दूर करते मिले कर्मी
सब डिवीजन नंबर दो में कर्मचारी कामकाज छोड़कर हीटर सेकते हुए मिले। जागरण की टीम ने जब हीटर के साथ कर्मी की फोटो खींची तो आनन-फानन में उसने हीटर की तारें निकाल दी गई। इसके बाद अपनी सीट पर पहुंच गया है जहां से कामकाज बंद करके सर्दी दूर कर रहा था।
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एसडीओ सीट से गायब
जागरण टीम कैश काउंटर के बाद जब क्वालिटी सब डिवीजन के अंदर पहुंची तो मीटर रीडर एसडीओ चेंबर के सामने बरामदे में कुछ उपभोक्ताओं के साथ खड़े थे। इसके अलावा एसडीओ अपनी सीट से नदारद थे। बिजली उपभोक्ता उनके चेंबर की खाली कुर्सी देख कर कर्मियों से पूछ कर क्लर्क के पास पहुंचे। जहां पर कंज्यूमर क्लर्क और कंप्यूटर आपरेटर के पास बैठे हुए थे।
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चार महीने से नहीं चढ़ा एमसीओ
कृष्णा नगर निवासी प्रवीण कुमार ने बताया कि घर पर जगदीश कुमार के नाम से बिजली का मीटर लगा हुआ है। गर्मियों में उसका 5 हजार तक बिजली का बिल आता है तो सर्दियों में बिल आधा रह जाता है। उनका मीटर बीच में जंप कर गया है और बिल गर्मियों जितनी बिजली यूनिट खपत कर दी। दूसरा उनके घर पर कोई भी कर्मी मीटर री¨डग लेने नहीं जाता है। इसीलिए बिजली का ज्यादा बिल देख कर वह हैरान थे। अब मीटर नया लग गया है जेई मीटर चेंज आर्डर को नहीं चढ़ा रहे हैं। इसीलिए उसका बिल बढ़ रहा है। बीते तीन दिन से अपना कामकाज छोड़ कर सब डिवीजन में चक्कर काट रहा हूं। अब बुधवार को फिर बुलाया है।
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बंद मीटर का बिल भेजा जा रहा
सब्जी मंडी के दुकानदार सोनू ने बताया कि चार महीने से उसका बिजली का मीटर बंद पड़ा है जिसका बिजली निगम ने 14 हजार का बिल भेज दिया है। इसका पता भी डिवीजन में आकर पता चला है जब पुराना बिल दिखा कर डुप्लीकेट बिल निकलवाया तो इसका पता चला। जागरण टीम के सामने उपभोक्ता सोनू ने मौके पर जाने का आग्रह मीटर रीडर के सामने करता रहा लेकिन रीडर को अपना निजी काम जरूरी था। इसीलिए उपभोक्ता को छोड़कर अपने काम करने के चला गया।
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वोल्टेज री¨डग बनाकर भेजा बिल
प्रभजोत ¨सह ने बताया कि एजेंसी के कर्मियों ने उसके मीटर की री¨डग को नोट नहीं किया बल्कि वोल्टेज री¨डग दर्ज कर हजारों रुपये का बिल भेज दिया। पुराना बिजली का बिल वह भरता आ रहा है। अब 80 यूनिट का बिल बनता है जिसे बिजली निगम ने 502 यूनिट का बना दिया है। यहां पर जनता दुखी है और एजेंसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।