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एक ओर चुनाव तो दूसरी ओर त्योहार, संदिग्ध मावे की सप्लाई रोकने में छूटेंगे पसीने

जागरण संवाददाता, अंबाला : एक ओर चुनावी शोर है, तो दूसरी ओर त्योहारों का जोर। उस पर मिलावटी खोये क

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 08:10 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 08:10 AM (IST)
एक ओर चुनाव तो दूसरी ओर त्योहार, संदिग्ध मावे की सप्लाई रोकने में छूटेंगे पसीने
एक ओर चुनाव तो दूसरी ओर त्योहार, संदिग्ध मावे की सप्लाई रोकने में छूटेंगे पसीने

जागरण संवाददाता, अंबाला : एक ओर चुनावी शोर है, तो दूसरी ओर त्योहारों का जोर। उस पर मिलावटी खोये की सप्लाई की पूरी आशंका भी है। इस सीजन में एक बार फिर से लोगों की सेहत पर यह मिलावटखोरी भारी पड़ सकती है। आंकड़े बताते हैं कि जिला अंबाला में डेढ़ साल में सिर्फ 254 खाद्य पदार्थों की सैंपलिग की गई, जिनकी चेकिग हुई है, जिनमें सबसे ज्यादा सैंपल दूध या दूध से बने प्रोडक्ट फेल पाए गए हैं। हालांकि इन पर कार्रवाई तो हुई, लेकिन जुर्माना देकर मामला खत्म कर दिया गया। अब त्योहारी सीजन में खाद्य सुरक्षा विभाग अपनी तैयारी तो पूरी बता रहा है, लेकिन अधिकारियों की कमी के कारण सभी दुकानों की सैंपलिग मुश्किल है।

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यह है स्थिति

अंबाला में जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पास अंबाला सहित पंचकूला का चार्ज है। त्योहारी दिनों में अंबाला में तो चेकिग की जाएगी लेकिन पंचकूला में भी खाद्य पदार्थों की सैंपलिग करनी होगी। त्योहारी सीजन का मात्र एक माह ही बचा है और इस दौरान दोनों जिलों में मिठाइयों की दुकानों, डेयरी, खाद्य पदार्थ बेचने वालों की सैंपलिग करना मुश्किल होगा। अंबाला में ही चार सौ से अधिक गांव हैं, जबकि शहरी इलाका अलग से है। इसी कमी का फायदा मिलावटखोर उठाने की फिराक में हैं। मिलावटी खोये की सप्लाई की सबसे ज्यादा आशंका है, जिसे रोक पाने में प्रशासन के पसीने छूटेंगे।

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नियम भी ऐसा तुरंत कार्रवाई संभव नहीं

त्योहारी दिनों में सैंपलिग तो तेज होगी लेकिन नियम ऐसा है कि तुरंत कार्रवाई या सैंपल चैक की रिपोर्ट मुश्किल है। हालांकि मोबाइल वैन भी साथ रहेगी, लेकिन अधिकतर मामलों में सैंपलिग की रिपोर्ट का इंतजार किया जाता है। इस दौरान जिस भी खाद्य पदार्थ की सैंपलिग की जाती है, वह पूरा सामान जब्त नहीं किया जाता। जब तक रिपोर्ट आती है तब तक संदिग्ध खाद्य पदार्थ बिक चुका होता है।

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इस तरह हो सकती है मिलावटी खोये की सप्लाई

अंबाला में मिलावटी खोये की सप्लाई रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड से हो सकती है। पूर्व में भी ऐसे मामले सामने आए हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के साथ लगते इलाकों से भी इसकी सप्लाई होती है, जिनका टारगेट ग्रामीण एरिया हैं। ऐसे में हर गांव में जाकर सैंपलिग करना मुश्किल भरा काम है।

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त्योहारी दिनों में सैंपलिग कार्य तेज किया जाएगा। इस में स्वास्थ्य विभाग भी अपना योगदान देता है। सैंपलिग के लिए पूरा जिला कवर कर लिया जाएगा और जहां पर भी संदिग्ध मिठाई दिखती है, दूषित खाद्य पदार्थ दिखा तो उसे पूरा नष्ट कर दिया जाएगा।

- सुभाष चंद्र, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी


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