हर्षोल्लास व भाईचारे की भावना के साथ मनाया ईद उल फितर
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : ईद-उल-फितर का त्यौहार बड़े हर्ष व उल्लास के साथ मनाया गया
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : ईद-उल-फितर का त्यौहार बड़े हर्ष व उल्लास के साथ मनाया गया। सछ्वावना व भाईचारे का संदेश लेकर आए इस पर्व शहर की विभिन्न मस्जिदों में नमाजी उमड़े। शहर की सभी प्रमुख मस्जिद साईं तवक्कल शाह मे मुफ्ती मोहम्मद शहबाज, मस्जिद लक्खी शाह में कारी मो. राशिद, मस्जिद मदीना मे कारी अजैर अहमद, मस्जिद नसीर-उल-ओलिया (नसीरपुर वाली) में कारी मो. तालिब की देखरेख में नमाज अदा कराई गई। इसके अलावा मस्जिद मक्का, मस्जिद बादशाही व मस्जिद जंडली में भी नमाजी उमड़े। जंडली मस्जिद में जिप सदस्य मक्खन ¨सह लबाना व पूर्व सैनिक कमेटी के प्रधान अतर ¨सह मुलतानी कार्यक्रम में शामिल हुए।
नमाज अदा करने के बाद अंजुमन इस्लाहुल मुस्लिमीन (मुस्लिम कमेटी) के जिला सदर सैयद अहमद खान ने बताया ईद-उल-फितर अरबी का शब्द है जिसका मतलब होता है फितरा अदा करना। इसे ईद की नमाज पढ़ने से पहले अदा करना होता है फितरा हर मुस्लमान पर वाजिब है और इसे अदा नहीं किया गया तो ईद नहीं मनाई जा सकती। रोजा सब्र सिखाता है और रमजान के पूरे महीने रोजे रखने के बाद ईद मनाई जाती है। ईद का दिन मुसलमानों के लिए ईनाम का दिन है और इस दिन को बड़ी सादगी से मनाना चाहिए। सैयद अहमद खान ने कहा कि सही मायनों में ईद का त्यौहार तभी सार्थक होगा जब आपसी रंजिश को भूला कर ऊंच-नीच, अमीरी-गरीबी का भेद मिटा कर सभी को अपने गले से लगाएं। मौके तरमीम आलम, मो. इस्लाहुल, हाफि•ा जमीर आलम, अब्दुल कादिर, मो. असद अहमद, सलीम अहमद, मैराज आलम, शमशेर, वकील अहमद, परवेज आलम, सुफी मो. इकबाल साबरी, मोहम्मद अजीम, गुलाम अब्बास, अब्दुल वली मौजूद रहे।
ईद पर आपसी भाईचारा बना रहे : लबाना : मक्खन ¨सह लबाना ने कहा कि पर्व देश में एकता व भाईचारे का संदेश लेकर आते हैं। इन पर्व को मिल जुल कर मनाना चाहिए।