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96 फीसद घरों से कूड़ा ने उठाने पर, 7.50 करोड़ के डिफाल्टर बने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन ठेकेदार

उमेश भार्गव, अंबाला शहर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन ठेकेदारों पर जांच कमेटी ने आर

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 01:16 AM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 01:16 AM (IST)
96 फीसद घरों से कूड़ा ने उठाने पर, 7.50 करोड़ के डिफाल्टर बने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन ठेकेदार
96 फीसद घरों से कूड़ा ने उठाने पर, 7.50 करोड़ के डिफाल्टर बने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन ठेकेदार

उमेश भार्गव, अंबाला शहर

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डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन ठेकेदारों पर जांच कमेटी ने आरोप तय कर दिए हैं। कमेटी ने दोनों ठेकेदारों को दोषी करार दिया है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार दोनों ठेकेदारों को नगर निगम ने 7 माह में कुल 55 लाख रुपये ठेकेदारों को दिए जबकि इस अवधि में ठेकेदार की कुल पेमेंट 7 करोड़ 93 लाख बनती थी। जांच पूरी हुई तो ठेकेदार पर कुल जुर्माना ही साढ़े 7 करोड़ के आसपास निकला। नियमानुसार यदि ठेकेदार काम सही तरीके से पूरा करता तो उसे 7.38 करोड़ ही नगर निगम को देने पड़ते। इस तरह दोनों ठेकेदारों की कुल पेमेंट में से जुर्माने की अदायगी करने पर भी ठेकेदारों को करीब 12 लाख रुपये देने बनते हैं। अलबत्ता अब निगम दोनों डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन ठेकेदारों का ठेका रद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चार बार नोटिस देने के बावजूद दोनों ठेकेदारों ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। दोनों ठेकेदार को अब निगम ब्लैक लिस्ट भी करेगा।

जांच कमेटी ने कहां-कहां पाई खामियां

ट्विनसिटी में 1.11 लाख घरों, दुकानों व संस्थानों से कूड़ा उठाना था। इसके लिए क्यू आर कोड स्कैन करने की शर्त थी। जहां से क्यू आर कोड स्कैन होंगे वहीं से कूड़ा उठा हुआ माना जाएगा लेकिन दोनों ठेकेदार महज 4 फीसद क्यू आर कोड ही स्कैन कर पाए यानी 96 फीसद घर, दुकानों व संस्थानों से कूड़ा नहीं उठाया गया। ठेकेदारों को गीला-सूखा कूड़ा भी अलग-अलग करना था लेकिन यह भी नहीं किया। इसके अलावा सभी 1.11 लाख उपभोक्ताओं से कूड़ा उठाने की राशि लेकर उसे नगर निगम में जमा कराना था ठेकेदार ने एक रुपये भी निगम में जमा नहीं कराया। 370 डोर टू डोर कर्मियों की ईपीएफ और ईएसआई की राशि भी ठेकदार ने जमा नहीं कराई। इसीलिए जांच कमेटी ने इन सभी में ठेकेदार को दोषी करार दे दिया।

ऐसे तय हुआ दोनों ठेकेदार पर जुर्माना

मई 2018 में शहर से डोर टू डोर कूड़ा उठाने के लिए 68.78 और छावनी से कूड़ा उठाने के लिए करीब 44.50 लाख प्रतिमाह की दर ठेका जारी किया था। दोनों ठेकेदारों को 20 ई-आटो व 5 रिफ्यूज क्लेक्टर दोनों ठेकेदार को दिए। ई-आटो के बदले प्रतिमाह 3300 व रिफ्यूज क्लेक्टर के लिए 33 हजार रुपये प्रति माह ठेकेदार ने निगम को देने थे। डोर टू डोर कूड़ा उठाने के लिए शहर से 34 लाख और छावनी से 25 लाख रुपये प्रति माह घरों व दुकानों से लेकर ठेकेदार को नगर निगम में जमा कराने थे। ठेकेदार ने इनमें से कोई भी ठेके की शर्त पूरी नहीं की। इसके अलावा 96 फीसद क्यू आर कोड भी स्कैन नहीं किए। इन सभी को मिलाकर जुर्माना तय किया गया।

आज से काम करेंगे निगम कर्मी

पिछले एक माह से घरों से कूड़ा नहीं उठ रहा लेकिन आज नगर निगम के कच्चे पक्के 1089 कर्मी डोर टू डोर कूड़ा उठाएंगे। इनमें शहर में 446 कच्चे, 134 पक्के, 14 ग्रामीण कर्मी अपनी सेवाएं जनता को देंगे। जबकि छावनी में 355 अस्थाई, 96 में स्थाई व 42 ग्रामीण कर्मी कूड़ा उठाएंगे।

ऐसे की नगर निगम आयुक्त ने कार्रवाई

नगर निगम आयुक्त जयबीर ¨सह आर्य ने 4 सितंबर को अपना कार्यभार संभाला, 13 सितंबर 2018 को डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की जांच बिठा दी। संयुक्त आयुक्त सतेंद्र सिवाच की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया और इस कमेटी ने 29 सितंबर को अपनी रिपोर्ट आयुक्त को पेश कर दी।

कूड़ा नहीं उठा तो अब फसेंगे दरोगा और सेनेटरी इंस्पेक्टर

निगम आयुक्त ने अब कूड़ा उठाने के लिए सभी वार्ड में एक-एक दरोगा और इनमें ऊपर तीन सेनेटरी इंस्पेक्टर व सभी के ऊपर चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर नियुक्त किया गया है। यदि मंगलवार से सफाई नहीं हुई और घरों से कूड़ा नहीं उठा तो दरोगा के साथ सेनेटरी इंस्पेक्टर पर कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए हैं। डोर टू डोर ठेकेदार को पहले 28 अगस्त, फिर 4 अक्टूबर, 17 व अंतिम नोटिस 25 अक्टूबर को दिया। लेकिन दोनों संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इसीलिए अब ठेका रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक सप्ताह को शार्ट टर्म टेंडर जल्द जारी होगा। दोनों ठेकेदार को हमने सात माह में केवल 55 लाख रुपये दिए हैं। इनके ठेके की जो राशि बनती थी उससे ज्यादा इनपर हर माह जुर्माना बनता है। अब नया ठेका जारी होने तक निगम के करीब 1050 कर्मी कूड़ा उठाएंगे। यदि कूड़ा नहीं उठा तो दरोगा और सेनेटरी इंस्पेक्टर इसके जिम्मेदार होंगे उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सफाई को लेकर अब कोई समझौता नहीं होगा।

जयबीर ¨सह आर्य, आयुक्त नगर निगम।


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