सफाईकर्मियों की कमी, गंदगी का बोलबाला
रेलवे कॉलोनी से सटी हिम्मतपुरा में तो सफाई व्यवस्था का जनाजा निकला हुआ है। कई ऐसे नाले हैं जो पूरी तरह से गंदगी से अटे पड़े हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला : कैंटोनमेंट बोर्ड के आठ वार्ड की आबादी करीब एक लाख के आसपास पहुंच चुकी है जिसके चलते सफाई नहीं होने से जनता कई तरह की समस्याओं से जूझ रही है। करीब 365 सफाईकर्मियों को अनुबंध के आधार रखने की बोर्ड की योजना भी सिरे नहीं चढ़ पाई है। इसी वजह से बोर्ड के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां एक सप्ताह बाद सफाई होती है और दो माह बाद नाले-नालियों से गंदगी उठती है।
रेलवे कॉलोनी से सटी हिम्मतपुरा में तो सफाई व्यवस्था का जनाजा निकला हुआ है। कई ऐसे नाले हैं जो पूरी तरह से गंदगी से अटे पड़े हैं। नालों की हालात देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां पर कितने साल पहले साफ-सफाई हुई होगी। बोर्ड ने सफाई कर्मियों की कमी को देखते हुए कुछ माह पहले अनुबंध के आधार पर सफाई कर्मियों को रखने की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ पाई है। बोर्ड की ओर से अब सफाई कर्मियों को अनुबंध के आधार पर रखने का टेंडर भी अलॉट कर दिया गया है। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रक्रिया में अभी 10 से 15 दिन और लगेगा। 405 लोगों पर एक कर्मचारी
कैंटोनमेंट बोर्ड में आठ वार्ड हैं और एक वार्ड की आबादी करीब 12 हजार है। बोर्ड के पास नियमित करीब 170 सफाई कर्मचारी हैं। यानि 405 लोगों पर एक कर्मचारी है। हालांकि, बोर्ड ने अनुबंध के आधार पर कुछ सफाई कर्मी भी रखे हुए हैं लेकिन इनकी संख्या जरूरत से कम है। ऐसे में दूधला, गुलाब मंडी, हिम्मतपुरा, रेलवे कॉलोनी, परेड समेत कुछ अन्य जगहों पर गंदगी का बुरा हाल है।