हुडा ग्राउंड में किसानों के लिए शौचालय न पानी
गेहूं की आवक शुरू हुए बामुश्किल दस दिन हुए है और गेहूं हुडा ग्राउंड में पहुंच चुका है। रिहायशी इलाके के मध्य बने इस ग्राउंड के अलावा सेक्टर-
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: गेहूं की आवक शुरू हुए बामुश्किल दस दिन हुए है और गेहूं हुडा ग्राउंड में पहुंच चुका है। रिहायशी इलाके के मध्य बने इस ग्राउंड के अलावा सेक्टर-8 में चौकी नंबर पांच के आगे की तरफ सेक्टर की मार्केट में भी गेहूं पहुंचा हुआ है। तुलाई होने से पहले कहीं किसान धूप में ही अपने अनाज की रखवाली कर रहे हैं तो कई पेड़ों की छाया के सहारा ले रहे हैं। रोजाना सैकड़ों किसान अपना गेहूं उतार रहे हैं लेकिन इन किसानों के लिए यहां न पीने के पानी की उचित व्यवस्था है और न ही शौचालय का वैकल्पिक इंतजाम है। जो किसान ट्रैक्टर ट्राली लेकर अकेला ही यहां पहुंच गया वह फिर चोरी के भय में अनाज के पास ही डटा है और पीने के पानी को भी तरस गया है। किसानों में इस बात को लेकर रोष है कि हर सीजन में उनके साथ ऐसा ही होता है। वहीं, अनाज रिहायशी इलाके में होने से किसानों के साथ साथ यहां सेक्टरवासियों व सुबह पार्क में सैर करने वाले लोगों की परेशानी भी कम नहीं है। इस इलाके में धूल का सघन गुबार सा बना हुआ है। जो आने वाले दिनों में सेहत पर भारी पड़ने वाला है।
इस साल मंडी में अनाज 10 अप्रैल के बाद ही पहुंचना शुरू हुआ। इसके बावजूद किसानों के लिए इंतजाम अधूरे ही रहे हैं। नई अनाज मंडी के पास झुग्गियों से जो करीब 14 एकड़ भूमि हुडा प्रशासन ने खाली कराई थी। इस बार भी वैकल्पिक इंतजाम के तौर पर उपयोग नहीं किया जा सका। हुडा ग्राउंड में कहीं भी मोबाइल टॉयलेट नहीं रखा गया। आलम यह है कि यहां जो लेबर काम कर रही है वह सुबह सेक्टरों के आसपास खुले में शौच जाने को मजबूर है।
------------------------------- धूप में बैठने को मजबूर है किसान
सादोपुर के किसान तरविद्र सिंह के मुताबिक मंडी में जगह नहीं होने से किसान गेहूं को हुडा ग्राउंड व आसपास गेहूं उतारना पड़ रहा है। वह खुद यहां तड़के अपनी गेहूं लेकर आया था। चूंकि, वह अपने अनाज को छोड़कर कहीं न जा सकता तो धूप में बैठकर ही रखवाली करनी पड़ रही है। किसान के लिए कोई प्रबंध नहीं है।
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हर सीजन में यही हाल होता है
गांव चमारू निवासी किसान सुखविद्र सिंह के मुताबिक हर सीजन में किसान के लिए यही परेशानी है। किसान को हुडा ग्राउंड व आसपास कहीं पीने का पानी तक नहीं मिलता है। एक मंडी बलाना के पास बाईपास पर बनाई जाए जिससे इस क्षेत्र के लोगों को शहर तक न आना पड़े। इससे शहर के लोगों को भी फायदा होगा।
------------------ किसान का तो भगवान ही रखवाला
बाड़ा गांव के किसान निर्मल सिंह के मुताबिक वह तड़के अपना गेहूं मंडी लेकर आया था। दोपहर तक तुलाई नहीं हुई है। हुडा ग्राउंड में पीने के पानी व शौचालय का कोई प्रबंध नहीं है। आढ़ती व प्रशासन का इस तरफ ध्यान नहीं है। जाहिर है कि किसान का तो भगवान ही रखवाला है। उन्हें हर बार ऐसी ही समस्या झेलनी पड़ती है।
------------------------ पानी व शौचालय का इंतजाम कराया जाए
बलाना गांव निवासी किसान जसवंत सिंह ने बताया कि हुडा ग्राउंड के आसपास प्रशासन द्वारा पानी व शौचालय के इंतजाम कराए जाएं। गर्मी में तो पानी की हर समय जरूरत रहती है। जो किसान अकेला आता है उसके लिए तो बहुत मुश्किल है। प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।