निगम में ड्यूटी पूरी कर सफाई निरीक्षक के खिलाफ दृष्टिबाधित छात्रों ने किया हंगामा
जागरण संवाददाता, अंबाला : मुझे आप 6 दिन का समय दे दो, आपकी समस्या हल जाएगी। नगर निगम स
जागरण संवाददाता, अंबाला : मुझे आप 6 दिन का समय दे दो, आपकी समस्या हल जाएगी। नगर निगम सदर जोन के सफाई निरीक्षक विनोद बेनिवाल के इस बात को सुनने के बाद दृष्टिबाधित मांगे राम ने पूछा कि हम आपको 5 नवंबर को लिखित में शिकायत देकर गए थे जिसे 10 दिन बीत गए है क्या इतना समय एक समस्या के समाधान के लिए पर्याप्त नहीं था या फिर लिखित में आने वाली शिकायत पर आप कार्रवाई नहीं करते सफाई निरीक्षक ने तर्क दिया कि त्योहारों में छुट्टियां थी और कार्यक्रम में व्यस्तता से समाधान नहीं हुआ। दृष्टिबाधित ने जवाब सुनने के बाद कहा कि आप कार्यक्रम में व्यस्त रहो और जनता गंदगी में सड़ती रहे, यह कहां का न्याय है। जनता निगम में आकर प्रदर्शन और नारेबाजी करें, क्या निगम प्रशासन को यह अच्छा लगता है? आप हमें लिख कर दो कि समाधान कब होगा। निरीक्षक ने लिखित में देने से मना किया तो दृष्टिबाधित छात्र फिर भड़क गए। उन्होंने संयुक्त आयुक्त सत्येंद्र सिवाच के चेंबर के साथ वाले कमरे के बारे खूब नारेबाजी की। मामला बिगड़ा तो निरीक्षक लिखित में जवाब देने के लिए राजी हुआ। बृहस्पतिवार शाम को 4 बजे तक गंदगी उठाने की बात कहीं। सफाई कर्मी जोनी की ड्यूटी लगाई कि वहां कोई कूड़ा न डाले।
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मैं चौकीदार नहीं हूं मेरी 5 बजे तक की ड्यूटी
असल में माजरा यह था कि छावनी के सुभाष पार्क से पहले खुखरैन भवन के साथ में शौचालय के पास में एक जगह खाली पड़ी है। यह निगम प्रापर्टी है जिसमें डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के ठेकेदार ने सफाई ब्रांच के साथ मिलीभगत करके उसे डं¨पग ग्राउंड बना दिया। अब ठेकेदार के कर्मी प्राइवेट काम कर रहे हैं और घरों से कूड़ा उठाकर यहीं गिरा रहे हैं। बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे जब आंधी तूफान आया तो यह गंदगी अंध महाविद्यालय के छात्रावास में उड़कर फैल गई। इसके अलावा सड़ांध से छात्रावास में रहने वाले दृष्टिबाधित छात्रों का जीना दुश्वार हो गया। सफाई ब्रांच में आकर 5 नवंबर को शिकायत दी थी कि यहां पर गिराई जा रही गंदगी को बंद कराया जाएं। इस पर सफाई निरीक्षक ने तर्क दिया कि गंदगी दोपहर 3 बजे तक उठ जाएगी और शाम के 5 बजे तक ही निगरानी वह रख सकता है। रात को कूड़ा कौन गिरा रहा है कौन नहीं। इसको रोकने के लिए वह कोई चौकीदार नहीं है। जब निरीक्षक से सवाल किया गया कि यदि पब्लिक प्रापर्टी में कोई गंदगी गिरा रहा है तो इसको रोकना किसकी जिम्मेवारी है तो निरीक्षक ने जवाब दिया कि मेरी जिम्मेवारी सुबह 9 से 5 बजे तक की है। इससे साफ जाहिर होता है कि आम जनता और सरकारी संपत्ति की देखरेख से उनको कोई सरोकार नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री के जिले में ऐसे इंस्पेक्टर सिर्फ ड्यूटी कर रहे हैं और काम से मुंह मोड़ रहे हैं। यहीं वजह है कि मंत्री का गृह जिला त्योहार में गंदगी झेलता रहा है।