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अंबाला से नहीं हो रहा अफसरों का मोह भंग, विभाग बदल रहे चेहरे वही

पवन पासी : अंबाला शहर : राज्य सरकार की तबादला पॉलिसी अफसरशाही हावी हो रही रही है। अंबाला में अफसरों का मोह भंग नहीं हो पा रहा। जिसके चलते उनके विभाग तो बदल रहे हैं लेकिन वह अंबाला में ही जमे हुए हैं। यह

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 01:39 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 01:39 AM (IST)
अंबाला से नहीं हो रहा अफसरों का मोह भंग, विभाग बदल रहे चेहरे वही
अंबाला से नहीं हो रहा अफसरों का मोह भंग, विभाग बदल रहे चेहरे वही

पवन पासी : अंबाला शहर : राज्य सरकार की तबादला पॉलिसी अफसरशाही हावी हो रही रही है। अंबाला में अफसरों का मोह भंग नहीं हो पा रहा। जिसके चलते उनके विभाग तो बदल रहे हैं लेकिन वह अंबाला में ही जमे हुए हैं। यह सिलसिला 10 सालों से चल रहा है। आलम यह है कि अफसर तबादला होने के बाद कुछ दिनों बाद अंबाला पहुंच जाते हैं। इस मामले में एचसीएस अधिकारी प्रतिमा चौधरी का कार्यकाल सबसे लंबा रहा है। इनमें कई अधिकारी ऐसे हैं कि जो तबादला होने के बाद भी दूसरी जगह ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। भले ही एचसीएस अधिकारी का तबादला करने का अधिकार राज्य सरकार का है लेकिन ऐसे क्या कारण है कि अधिकारी घूम फिर कर फिर अंबाला ही पहुंच जाते हैं। अप्रैल और मई में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं जिसके चलते अब इन अफसरों को तबादले का डर सताने लगा है। लोकसभा चुनाव से पहले लंबे समय तक टिके अफसरों का तय माना जा रहा है। हालांकि, एक एचसीएस अधिकारी फिर से अंबाला के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं वह अंबाला में एडीसी की कुर्सी पर रह चुके हैं।

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मीनाक्षी दहिया को मिली निगम कमिश्नर की जिम्मेदरी, पहले जेसी का नहीं संभाला था पद

-एचसीएस अधिकारी के तौर पर मीनाक्षी दहिया के कार्यकाल का अंबाला से लंबा नाता रहा है। दहिया ने अंबाला सिटी मजिस्ट्रेट का पद 29 मई 2014 को संभाला था। जिसके बाद उनका तबादला 25 फरवरी 2015 को हो गया था। कुछ समय बाद फिर से वह जीएम अंबाला रोडवेज लगाई गई। यहां पर भले ही यूनियन ने अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया लेकिन सरकार मेहरबान रही और जीएम के साथ एसडीएम का कार्यभार भी दे दिया था। इसके बाद अधिकारी को नगर निगम में बतौर ज्वाइंट कमिश्नर लगाया गया लेकिन ज्वाइन ही नहीं किया। इसी बीच एचसीएस अधिकारी गगनदीप को जीएम रोडवेज लगा दिया गया। दहिया के पास एसडीएम का कार्यभार है। इसी बीच उन्हें कमिश्नर नगर निगम लगा दिया गया है।

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कभी एसडीएम तो ज्वाइंट कमिश्नर, अब हैं जीएम

- एचसीएस अधिकारी गगनदीप भी लंबे समय से अंबाला में डटे हुए हैं। भले ही विभाग बदल दिया गया लेकिन अंबाला में ही बने रहे। बराड़ा में एसडीएम रहे गगनदीप का तबादला रोडवेज में महाप्रबंधक पद पर किया गया। यहां से उनकी नियुक्ति नगर निगम में बतौर ज्वाइंट कमिश्नर कर दी गई। काफी लंबे समय तक बने रहने के बाद उन्हें फिर रोडवेज में महाप्रबंधक का जिम्मा मिला हुआ है।

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प्रतिमा चौधरी का रहा सबसे लंबा कार्यकाल

- एचसीएस अधिकारियों की बात करें तो अब तक सबसे अधिक कार्यकाल प्रतिमा चौधरी का रहा होगा। जिले में 10 नवंबर 2008 को बतौर सिटी मजिस्ट्रेट आई प्रतिमा चौधरी ने पहले 3 मार्च 2009 तक सेवाएं दी। इसके बाद फिर इसी पद पर 28 जुलाई 2010 को लौट आई व 21 मार्च 2011 तक बनी रही। एक बार फिर 17 नवंबर 2011 को सिटी मजिस्ट्रेट का पद संभाला व 5 मार्च 2014 तक बनी रही। इसके बाद इसी पद पर 10 फरवरी 2016 को लौटी व 6 नवंबर 2017 तक बनी रही। इस दौरान उनके पास शिवालिक बोर्ड का कार्यभार भी रहा। अभी भी वह शिवालिक बोर्ड में बनी हुई हैं।

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आरटीए ज्वाइन किया अब एडीसी

- एचसीएस अधिकारी शक्ति ¨सह का अंबाला में लंबा कार्यकाल रहा है। अंबाला में करीब छह साल पहले ¨सह ने आरटीए के तौर पर ज्वाइन किया था। इसके बाद अंबाला से इनका तबादला कर दिया गया लेकिन कुछ समय बाद फिर से अंबाला लौटे। अंबाला में ही उन्हें ज्वाइंट कमिश्नर नगर निगम लगा दिया गया। इसके बाद 20 फरवरी 2015 से लेकर 3 अप्रैल 2015 तक एसडीएम रहे। 20 सितंबर 2015 को फिर एसडीएम पद संभाला व 2 अगस्त 2016 तक एसडीएम रहे। अब मौजूदा दौर में वह अंबाला के एडीसी हैं। इसी तरह सतेंद्र सिवाच एसडीएम अंबाला रहे और कुछ दिनों के लिए जीएम रहे। अब निगम में ज्वाइंट कमिश्नर हैं। हालांकि, आयुक्त का तबादला होने के बाद उन्हें ही कार्यभार सौंप दिया गया था। जिसके बाद कमिश्नर की नेम प्लेट भी लगा ली थी। अब मीनाक्षी दहिया के आने से इनकी प्लेट उतर जाएगी।

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