एचआइवी पीड़ित की नहीं हुई डायलिसिस, पीजीआइ रेफर
नागरिक अस्पताल से डायलेसिस के लिए आए एचआइवी पीड़ित मरीज की डायलिसिस नहीं हो सकी। सोमवार की दोपहर में परिजन मरीज को लेकर पहुंच गए थे। लेकिन जांच में एचआइवी पॉजीटिव मिलने पर डायलिसिस नहीं हो सकी।
जागरण संवाददाता, अंबाला:
छावनी नागरिक अस्पताल से डायलेसिस के लिए आए एचआइवी पीड़ित मरीज की डायलिसिस नहीं हो सकी। सोमवार की दोपहर में परिजन मरीज को लेकर पहुंच गए थे। लेकिन जांच में एचआइवी पॉजीटिव मिलने पर डायलिसिस नहीं हो सकी। वहीं देर रात में मरीज को पीजीआइ चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया। परिजनों का कहना था कि यदि रेफर ही करना था, तो देर रात तक इंतजार क्यों कराया।
नारायणगढ़ के रज्जू माजरा निवासी एक युवक के दोनों किडनी खराब हो चुकी है। इस वजह से मरीज के शरीर पर सूजन आ गई है। मरीज की हर महीने डायलिसिस की जाती है। सोमवार की दोपहर में परिजन एंबुलेंस से छावनी नागरिक अस्पताल पहुंच गए। यहां पर पहले परिजनों ने शाम तक डायलिसिस विभाग में डायलिसिस के लिए इंतजार किया। लेकिन बाद में डायलिसिस करने से मना कर दिया। इस वजह से परिजन मरीज को लेकर भटकते नजर आए। यहां तक परिजनों की आंखों में आंसू भी टपकने लगे थे। ऐसे में परिजनों को समझ नहीं आ रहा था कि मरीज को लेकर कहां जाए। परिजन वीरेन्द्र ने बताया कि वे लोग पहले भी दिसंबर में डायलिसिस कराकर गए थे। वहीं 31 जनवरी में एचआईवी पॉजीटिव की रिपोर्ट मिल थी। इसके बाद मरीज की डायलिसिस नहीं की गई। इसके बाद वे दिल्ली, चडीगढ़ और अन्य अस्पताल में गए थे। लेकिन एचआइवी की रिपोर्ट देखने के बाद डायलेसिस करने से मना कर दिया। वहीं एक अस्पताल में डायलिसिस के लिए करीब 80 हजार रुपये मांगे थे, लेकिन पैसे के अभाव में डायलिसिस नहीं हो सकी। अब समझ में नहीं आ रहा कि मरीज को कहां लेकर जाए। सोमवार की दोपहर में छावनी अस्पताल में डायलिसिस के लिए आए थे। यहां पर शाम तक डायलिसिस नहीं की गई। वहीं शाम में जांच में एचआइवी पॉजीटिव आने पर डायलिसिस करने से मना कर दिया। परिजनों का आरोप है कि मरीज को पहले एचआईवी नहीं था, लेकिन यहां पर डायलिसिस होने के बाद ही मरीज को एचआईवी पॉजिटीव हो गया है।