ऑनलाइन ही भरनी होगी शिक्षकों और विद्यार्थियों की डिटेल
9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों के द्वार 21 सितंबर से खुलेंगे। यह तो तय है कि कक्षाएं नहीं लगेंगी जबकि विद्यार्थी अपना होम वर्क चेक करवा सकते हैं और यदि किसी विषय में दिक्कत आती है तो शिक्षकों से शंका का समाधान कराएंगे।
जागरण संवाददाता, अंबाला : 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों के द्वार 21 सितंबर से खुलेंगे। यह तो तय है कि कक्षाएं नहीं लगेंगी, जबकि विद्यार्थी अपना होम वर्क चेक करवा सकते हैं और यदि किसी विषय में दिक्कत आती है तो शिक्षकों से शंका का समाधान कराएंगे। स्कूल खोलने को लेकर शिक्षा विभाग ने अपनी तैयारी कर ली है जबकि स्कूल भी अपने स्तर पर तैयारी में जुटे हैं। 21 सितंबर को नियमों के तहत ही विद्यार्थियों को अटेंड किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के चलते अप्रैल माह से ही जिले के सभी स्कूल बंद हैं। हालांकि अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही स्कूलों में कुछ स्टाफ की हाजिरी होती रही, लेकिन विद्यार्थियों के आने की मनाही थी। इसी को लेकर कई बार अफवाहें भी उड़ीं कि स्कूलों को खोला जा सकता है। अब सरकार ने 21 सितंबर से स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को आने की इजाजत रहेगी। इसके लिए इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को अटेंड करने वाले टीचर्स का कोरोना टेस्ट भी हो चुका है। इसी को लेकर शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन लिक भेजा है, जिस पर विद्यार्थियों की डिटेल भरनी है। शिक्षक जहां विद्यार्थियों की डिटेल भरेंगे, वहीं मुख्याध्यापक इस फार्म में शिक्षकों की डिटेल भरेंगे। स्कूल में प्रवेश करने से पहले शिक्षकों और विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
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विद्यार्थियों की यह डिटेल भरनी है
स्कूल आने वाले विद्यार्थी के फार्म में जिला, खंड, स्कूल का नाम, कक्षा, तिथि, छात्र का एसआरएन नंबर, छात्र का नाम, छात्र का शारीरिक तापमान, के कॉलम भरने हैं। एक फार्म में 20 विद्यार्थियों का डाटा आएगा। यदि इससे अधिक आते हैं, तो फार्म दोबारा भरना होगा।
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अध्यापकों की यह डिटेल भरनी है
मुख्याध्यापक अपने स्कूल के शिक्षकों की डिटेल भी ऑनलाइन भरेंगे, जिसके लिए लिक भेजा गया है। इसके तहत जिला, खंड, स्कूल का नाम, तिथि, टीचर का एमआइएस आइडी, अध्यापक का नाम, अध्यापक का तापमान फार्म में भरना होगा। अभिभावकों की लिखित अनुमति होगी जरूरी
जो भी विद्यार्थी स्कूल आएंगे उन्हें अभिभावकों से इसके लिए लिखित अनुमति लेनी होगी। अगर अनुमति पत्र नहीं लाए तो ऐसे विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यहां कक्षाएं नहीं लगेंगी, लेकिन शिक्षक उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। इस दौरान शारीरिक दूरी के नियम का भी खास ख्याल रखा जाएगा।