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कोर्ट के आदेश, अग्रसेन चौक नहीं, बस स्टैंड ही लेकर जानी होंगी बसें

रोडवेज के चालकों को अब बसें बस स्टैंड के अंदर ही लेकर जानी होंगी। मामले में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। जबकि इससे पहले रोडवेज के बस चालक बसों को अग्रसेन चौक से ही लेकर निकल लेते थे। इस पर लगाम कसने के लिए रोडवेज को अपने सात कर्मियों की अग्रसेन चौक पर ड्यूटी भी लगानी होगी जो बसों पर अपनी नजरें बनाये रखेंगे। यदि कोई बस चालक नियमों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ रोडवेज कार्रवाई भी कर सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 10:30 AM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 06:27 AM (IST)
कोर्ट के आदेश, अग्रसेन चौक नहीं, बस स्टैंड ही लेकर जानी होंगी बसें
कोर्ट के आदेश, अग्रसेन चौक नहीं, बस स्टैंड ही लेकर जानी होंगी बसें

अवतार चहल, अंबाला शहर

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रोडवेज के चालकों को अब बसें बस स्टैंड के अंदर ही लेकर जानी होंगी। मामले में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। जबकि इससे पहले रोडवेज के बस चालक बसों को अग्रसेन चौक से ही लेकर निकल लेते थे। इस पर लगाम कसने के लिए रोडवेज को अपने सात कर्मियों की अग्रसेन चौक पर ड्यूटी भी लगानी होगी जो बसों पर अपनी नजरें बनाये रखेंगे। यदि कोई बस चालक नियमों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ रोडवेज कार्रवाई भी कर सकता है।

बता दें कि बस स्टैंड के टूटने के बाद रोडवेज की बसें शहर के अग्रसेन चौक से ही सवारियां भर अपने अगले रूट की ओर रवाना हो जाती थी। बस स्टैंड में बस का इंतजार कर रही सवारियों को घंटों इंतजार करना पड़ता था। फिर भी बसें नहीं पहुंचती थी। मजबूरी में सवारियों को या तो अग्रसेन चौक आना पड़ता था या फिर प्राइवेट वाहनों को सहारा लेना पड़ता था।

पहले लोक अदालत से डिग्री हुआ था मामला

मामले में वादी ने लोक अदालत में बसों बस अड्डा में न पहुंचने का मामला उठाया था। 12 जुलाई 2016 को मामला लोक अदालत से डिग्री हो गया था। इसमें आदेश दिये गए थे कि बसें अग्रसेन चौक पर खड़ी नहीं होने दें। परंतु रोडवेज की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया और जाम की स्थिति बनी रही। इसके बाद 5 मई 2017 को मामले में जनउपयोगिता अदालत में याचिका लगायी गई। इसमें कहा गया कि बसें बस स्टैंड पर नहीं पहुंचती, बल्कि अग्रसेन चौक पर ही खड़ी होने के बाद आगे निकल जाती हैं। हालात खराब बने हुए हैं।

बस इंचार्ज ने दिये थे अदालत में बयान

मामला सिविल कोर्ट में भेज दिया गया था। जहां कोर्ट ने 31 अक्टूबर 2019 को फैसला सुना दिया। कोर्ट में रोडवेज शहर बस स्टैंड इंचार्ज राजकिशन पेश हुए थे, जहां उन्होंने अदालत में बयान दिया था कि निर्माणाधीन बस स्टैंड में बसें आएंगी। इसके बाद से बसों को बस स्टैंड से सवारियां बैठाने के आदेश 18 सितंबर 2019 को दे दिए गए हैं। रोडवेज लागू नहीं करेगी तो वादी करेंगे दोबारा फाइल

जीएम रोडवेज ने 15 सितंबर 2017 के आदेश क्रमांक व क्रमांक 25 सितंबर 2019 के द्वारा 7 कर्मियों की ड्यूटी अग्रसेन चौक पर लगा दी गई है। जिसमें हरियाणा रोडवेज की बस को खड़ा नहीं होने दिया जाएगा। अगर रोडवेज इसे लागू नहीं करती तो वादी दोबारा से कोर्ट में फाइल कर करेंगे। महेश नगर क्यू शेल्टर पर भी लगाना पड़ा था कर्मचारी

छावनी में लोकल बस सवारियों को ढोती थी। इसी दौरान बस महेशनगर भी पहुंचती थी, लेकिन इसके बाद चालकों ने महेश नगर में बस को ले जाना बंद कर दिया था। ऐसे में सवारियों को परेशानी खड़ी होने लगी थी। इसके बाद सवारियों ने मामले में रोडवेज को शिकायत दी थी। फिर कहीं जाकर अधिकारियों ने महेश नगर क्यू शेल्टर पर एक कर्मचारी की ड्यूटी लगायी थी, जो रोडवेज बस के चालकों को नजर रखने लगे थे। जाम से मिलेगी बड़ी राहत

शहर के अग्रसेन चौक पर बसें सवारियों उतारने और चढ़ाने लग जाती हैं। इस कारण उनके पीछे आ रहे वाहनों के पहिये भी थम जाते हैं। ऐसे में अंबाला-हिसार हाईवे पर वाहनों के रूकने से जाम की स्थिति बन जाती थी। इतना ही नहीं पास पड़ने वाले दोनों पुलों और कपड़ा मार्केट रोड पर भी वाहन की कतारें लग जाती थी। बसों के बस अड्डा में जाने पर जाम से निजात मिलेगी।


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