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जिला शिक्षुता कमेटी की बैठक में हंगामा, एडीसी तक पहुंचा विवाद

फोटो: 12 700 पद हुए अप्रेंटिसशिप एक्ट के तहत जनरेट 200 पर ही करा पाए अधिकारी नियुक्ति

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Feb 2018 02:59 AM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2018 02:59 AM (IST)
जिला शिक्षुता कमेटी की बैठक में हंगामा, एडीसी तक पहुंचा विवाद
जिला शिक्षुता कमेटी की बैठक में हंगामा, एडीसी तक पहुंचा विवाद

फोटो: 12

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700 पद हुए अप्रेंटिसशिप एक्ट के तहत जनरेट

200 पर ही करा पाए अधिकारी नियुक्ति

05 खंड शिक्षा अधिकारियों को जारी किया था नोटिस

500 रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान है एक्ट में

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फ्लैग-डीईओ समेत पांच बीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने से भड़के ¨प्रसिपल व डिप्टी सुपरिटेंडेंट

-बोले, डीईओ मैडम को नोटिस जारी करोगे तो नहीं करेंगे बर्दाश्त

-नोडल अधिकारी बोले, जो काम नहीं करेगा उसे देंगे नोटिस

-एडीसी ने 15 तक सभी लक्ष्य पूरा करने के दिए निर्देश

उमेश भार्गव, अंबाला शहर अप्रेंटिसशिप एक्ट के तहत जिला शिक्षुता कमेटी की बैठक में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। पांच खंड शिक्षा अधिकारियों और जिला शिक्षा अधिकारी को अप्रेंटिसशिप एक्ट के तहत नोडल अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किए जाने को बैठक में पहुंचे विभिन्न स्कूलों के पांच ¨प्रसिपल व डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने जमकर बवाल काटा और जिला नोडल अधिकारी शिक्षुता कम ¨प्रसिपल आइटीआइ को इसके लिए गलत ठहराया। इसी विवाद की भेंट यह बैठक चढ़ गई।

दरअसल, आइटीआइ अंबाला में पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने के लिए और अपने-अपने विभागों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए मंगलवार को राजकीय आइटीआइ में अंबाला शहर में बैठक बुलाई गई। सुबह के सत्र में अंबाला शहर और दोपहर बाद के सत्र में अंबाला छावनी खंड के सभी ब्लॉकों के ¨प्रसिपलों या बीईओ के प्रतिनिधियों को बैठक में बुलाया था। आइटीआइ के स्मार्ट क्लास रूम में सुबह साढ़े 10 बजे बैठक शुरू हुई, लेकिन कुछ ही देर में इस बैठक में शिक्षा विभाग से आए ¨प्रसिपल सहित डीईओ के प्रतिनिधि के रूप में बैठक में पहुंचे डिप्टी सुपरिटेंडेंट प्रमोद गुप्ता ने हंगामा कर दिया। मामला इतना बढ़ गया कि ¨प्रसिपल बैठक को छोड़कर बाहर निकल गए, इसके बाद आइटीआइ के ¨प्रसिपल कम जिला शिक्षुता कमेटी के अध्यक्ष भूपेंद्र ¨सह भी बैठक से निकल गए। जिले में विभिन्न सरकारी विभागों में एक्ट के तहत करीब 700 पद जनरेट हुए हैं लेकिन इनमें 200 पर ही भर्ती हो पाई है। 100 फार्म पाइप लाइन में हैं।

क्यों भड़के स्कूलों के ¨प्रसिपल और डिप्टी सुपरिटेंडेंट

दरअसल, जिला शिक्षुता अधिकारी ने चीफ सेक्रेटरी के आदेश की अनुपालना करते हुए सभी सरकारी विभागों में कुल पदों के 10 फीसदी पदों पर पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं को नियुक्ति दिलानी है, लेकिन जिला शिक्षा विभाग अभी तक इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा था। नियमानुसार ¨प्रसिपल आइटीआइ कम जिला शिक्षुता कमेटी के नोडल अधिकारी भूपेंद्र ¨सह सांगवान ने जिला शिक्षा अधिकारी व पांच खंडों के शिक्षा अधिकारियों को गत सप्ताह सो काज नोटिस जारी कर दिए। बैठक में पहुंचे डिप्टी सुपरिटेंडेंट प्रमोद गुप्ता, दुराना स्कूल के ¨प्रसिपल मदन लाल, ¨प्रसिपल कृष्ण कौशल सहित दो अन्य ¨प्रसिपल ने बैठक में कहा कि वह अपनी डीईओ की बेइज्जती बर्दाश्त नहीं करेंगे। शिक्षुता कमेटी के अध्यक्ष बोले कि उन्हें सरकार के आदेश हैं। उन्हीं आदेशों की अनुपालना हर हाल में कराई जाएगी। यदि कोई आगे भी काम नहीं करेगा तो उसे भविष्य में भी नोटिस जारी किया जाएगा। विवाद तूल पकड़ा और मामला डीसी तक पहुंच गया।

एडीसी ने पूछा क्या जारी कर सकते हैं आप नोटिस

डीसी की अनुपस्थिति में यह विवाद एडीसी के पास पहुंचा। एडीसी ने जिला शिक्षुता अधिकारी को अपने कार्यालय में बुला लिया। इस दौरान उनके कार्यालय में सक्षम हरियाणा, मिड डे मिल और सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिलास्तरीय बैठक चल रही थी। बैठक में एडीसी ने पूछा कि आपने इन्हें कैसे नोटिस जारी कर दिया। इस पर जिला शिक्षुता अधिकारी ने कहा कि अप्रेंटिसशिप एक्ट के तहत वह ऐसा कर सकते हैं। सीटीएम अंबाला ने भी उनकी बात का समर्थन किया। इस पर एडीसी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सरकार के काम में कोताही बरतने पर फटकार लगाई और 15 दिनों के भीतर अपने-अपने कार्यालयों में युवाओं को इस एक्ट के तहत नियुक्त करने के निर्देश दिए।

लगा सकते हैं 500 रुपये जुर्माना

एक्ट के तहत यदि कोई सरकारी या प्राइवेट विभाग का अधिकारी अप्रेंटिसशिप एक्ट की अनुपालना नहीं करता तो तीन बार नोटिस देने के साथ-साथ शिक्षुता अधिकारी 500 रुपये का जुर्माना भी लापरवाह अधिकारियों पर लगा सकता है।

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बैठक में नोटिस देने को लेकर कुछ लोगों ने विरोध किया था लेकिन इसके बाद की बैठक शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई। सरकार के आदेश की अनुपालना के तहत कार्य नहीं करने के कारण ही नोटिस दिए गए थे।

भूपेंद्र ¨सह सांगवान, जिला शिक्षुता नोडल अधिकारी।

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जिला शिक्षुता कमेटी कम ¨प्रसिपल आइटीआइ का रवैया सही नहीं था। वह सही तरीके से बातचीत नहीं कर रहे थे। हमने यही कहा था कि डीईओ को आप कैसे नोटिस जारी कर सकते हैं। हम काम करने में जुटे हैं लेकिन किसी को घर से उठाकर तो नौकरी पर नहीं रख सकते। नौकरी के लिए आवेदक नहीं आ रहे हैं इसमें हम क्या करें। हमारी रजिस्ट्रेशन भी पूरी हो चुकी है।

प्रमोद गुप्ता, डिप्टी सुपरिटेंडेंट, शिक्षा विभाग।


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