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टीबी अस्पताल में ढाई साल से अटका नई बिल्डिग का निर्माण, मरीज परेशान

शहर के टीबी अस्पताल में बजट के अभाव में नई बिल्डिग का निर्माण कार्य ढाई साल से बंद है। यहां पर क्षय रोगियों के लिए दस बेड का वार्ड बनाया जाना है। लेकिन बजट की कमी होने से अभी तक अधूरा पड़ा है। इस वजह से एमडीआर के मरीजों को भर्ती करने में परेशानी होती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 07:50 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 07:50 AM (IST)
टीबी अस्पताल में ढाई साल से अटका नई बिल्डिग का निर्माण, मरीज परेशान
टीबी अस्पताल में ढाई साल से अटका नई बिल्डिग का निर्माण, मरीज परेशान

फोटो संख्या 27

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-टीबी अस्पताल में एमडीआर के मरीजों के लिए दस बेड का अलग वार्ड बनाया जा रहा है

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर:

शहर के टीबी अस्पताल में बजट के अभाव में नई बिल्डिग का निर्माण कार्य ढाई साल से बंद है। यहां पर क्षय रोगियों के लिए दस बेड का वार्ड बनाया जाना है। लेकिन बजट की कमी होने से अभी तक अधूरा पड़ा है। इस वजह से एमडीआर के मरीजों को भर्ती करने में परेशानी होती है।

टीबी अस्पताल में हर रोज करीब 150 से 200 मरीज इलाज के लिए आते हैं। यहां की ओपीडी में दिखाने के बाद मरीज दवा लेते हैं। इसमें टीबी के कुछ मरीज बार-बार दवा छोड़ देते हैं। इन मरीजों पर दवा काम कम करती है। ऐसे मरीजों को एमडीआर की श्रेणी में रखा जाता है। साथ ही मरीजों को अलग वार्ड में भर्ती किया जाता है। लेकिन टीबी अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए अलग वार्ड नहीं है। इसलिए एमडीआर मरीजों के लिए नई बिल्डिग में दस बेड का वार्ड बनाया जा रहा था। यहां पर ढाई साल पहले एमपी के मद से बिल्डिग का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन बजट के अभाव में निर्माण कार्य बंद पड़ा है। हालांकि मुख्यालय को बजट के लिए अवगत कराया जा चुका है। इसके बाद भी बिल्डिग के निर्माण के लिए बजट नहीं मिला है। मजबूरी में क्षय रोगियों के वार्ड में पार्टशिन लगाकर एमडीआर के मरीजों को भर्ती किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की माने तो लॉकडाउन से पहले मुख्यालय से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया था। इस दौरान अस्पताल को अपग्रेडशन का प्रस्ताव तैयार किया था। लेकिन कोरोना काल में अपग्रेडेशन के काम में प्रगति नहीं हो सकी। क्षय रोगियों के लिए एक्सरे मशीन भी नहीं

टीबी अस्पताल की ओपीडी में हर रोज करीब 150 से 200 मरीज इलाज के लिए आते हैं। इसमें ओपीडी में चिकित्सकों को दिखाने के बाद करीब आठ से दस मरीजों को एक्सरे के लिए लिखा जाता है। लेकिन टीबी अस्पताल में पिछले दो साल से एक्सरे मशीन बंद हैं। यहां पर रेडियोग्राफर नहीं होने से मशीन को नागरिक अस्पताल में शिफ्ट कर दिया है। अब मरीजों को एक्सरे के लिए नागरिक अस्पताल में जाना होता है। यहां पर पहले से मरीजों की लाइन लगी रहती है, तो क्षय रोगियों को एक्सरे के लिए घंटों इंतजार करना होता है। वहीं विभाग ने नई एक्सरे मशीन के लिए मुख्यालय से मांग की थी, जो अभी तक नहीं मिली है। टीबी अस्पताल में एमडीआर मरीजों के लिए नई बिल्डिग का निर्माण कार्य किया जा रहा था। लेकिन बजट के अभाव होने से निर्माण कार्य ढाई साल से बंद पड़ा है।

डा. पवन, डिप्टी सिविल सर्जन, टीबी अस्पताल


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