जांच में सच दफन, कांस्टेबल पर गिरी गाज दोषियों को सीधे जिम्मेदार ठहराने से बची सीडब्ल्यूसी
अंबाला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर सद्दोपुर के नजदीक स्थित डे-बॉर्डिंग स्प्रिंग फिल्ड पब्लिक स्कूल में मासूमों से यौन शोषण के मामले में पांचवें दिन भी जिला प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि सीडब्ल्यूसी की जांच रिपोर्ट में लापरवाही से पर्दा तो उठ गया लेकिन इस मामले में सीधे तौर पर किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया।
फोटो 13 से 15--स्प्रिंग फील्ड पब्लिक स्कूल में बच्चों से यौन शोषण की घटना के 5वें दिन भी जिला प्रशासन के बंधे रहे हाथ
-राज्य बाल संरक्षण आयोग की चेयरमैन बोली, नहीं किया जा सकता किसी भी बच्चे को सस्पेंड, होगी कार्रवाई जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : अंबाला-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे पर सद्दोपुर के नजदीक स्थित डे-बॉर्डिंग स्प्रिंग फिल्ड पब्लिक स्कूल में मासूमों से यौन शोषण के मामले में पांचवें दिन भी जिला प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि सीडब्ल्यूसी की जांच रिपोर्ट में लापरवाही से पर्दा तो उठ गया लेकिन इस मामले में सीधे तौर पर किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया। यह जांच रिपोर्ट उन आरोपितों के लिए वरदान साबित होगी जो सीधे पर पर जिम्मेदार हैं। उधर, पुलिस प्रशासन ने खानापूर्ति के लिए ईएचसी सुरेंद्र को लाइन हाजिर कर विभागीय जांच तो बिठा दी लेकिन जीरकपुर निवासी आरोपित वार्डन पीटर का आज तक सुराग नहीं लगा। पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर के पीछे कारण भले ही कुछ ओर हो लेकिन पुलिस प्रशासन का तर्क है कि स्कूल द्वारा सौंपी शिकायत को एसएचओ के सामने पेश नहीं किया गया।
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नहीं कर सकते बच्चे को सस्पेंड
स्कूल प्रबंधन किसी भी कारण से बच्चे को सस्पेंड नहीं कर सकता। ऐसा करने पर जिला शिक्षा अधिकारी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई कर सकती हैं। लेकिन मामला उजागर होने के बावजूद डीईओ ने कोई कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई तो दूर की बात अपनी रिपोर्ट तक नहीं सौंपी।
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डीसी और स्टेट कमीशन के पाले में फेंकी सीडब्ल्यूसी ने गेंद
जिला बाल कल्याण समिति ने अपनी रिपोर्ट डीसी, डीजीपी, एसपी और राज्य बाल संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन को सौंप दी है। सीडब्ल्यूसी ने इस मामले में पूरी लापरवाही तो उजागर कर दी है हालांकि सीधे तौर पर कार्रवाई की सिफारिश सीडब्ल्यूसी ने अपनी रिपोर्ट में नहीं की। सीडब्ल्यूसी ने अपनी रिपोर्ट में स्कूल प्रबंधन, चेयरमैन और ¨प्रसिपल की लापरवाही, बच्चों से मारपीट और एसएचओ की भूमिका पर सवाल ही उठाए हैं। लेकिन कार्रवाई के नाम पर टीम ने खानापूर्ति कर दी। अब ऐसी ही खानापूर्ति डीसी, स्टेट कमीशन और डीजीपी की ओर से भी कर इस मामले को रफा-दफा करने की तैयारी शुरू कर दी गई हैं।
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स्कूल ¨प्रसिपल से मांगी रिपोर्ट, बच्चे को कक्षाएं लगाने के जारी हुए आदेश
दैनिक जागरण द्वारा बच्चे को सस्पेंड करने के मामले को उजागर करने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी उमा शर्मा ने स्कूल ¨प्रसिपल से इस बारे में रिपोर्ट तलब की। साथ ही निर्देश दिए कि बच्चे को शनिवार से ही कक्षा में बिठाया जाए। बता दें कि 12वीं कक्षा के अभिमन्यु को स्कूल ने सस्पेंड कर दिया था। दैनिक जागरण ने इस मामले को डीसी शरणदीप कौर और राज्य बाल संरक्षण आयोग की चेयरमैन के समक्ष रखा तो इसके बाद शिक्षा विभाग ने इस मामले पर शाम के समय संज्ञान लिया। हालांकि 10 तारीख से अब तक शिक्षा विभाग स्कूल प्रबंधन की रिपोर्ट नहीं सौंप सका।
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बच्चे बोले, हमारे प्रेक्टिकल में नंबर लगाएंगे कम
वहीं दूसरी ओर स्कूल की पोल खोलने से खफा प्रबंधन ने बच्चों पर प्रताड़ना बढ़ा दी हैं। खुद बच्चों ने यह बात टीम के समक्ष बताई थी। इतना ही नहीं बच्चों ने यह तक कह दिया कि उनके 10वीं और 12वीं के प्रेक्टिकल के नंबर उनके टीचर ने ही लगाने होते हैं। इसीलिए अब उन्हें डर सता रहा है कि कहीं प्रेक्टिकल में उन्हें फेल न कर दिया जाए।
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फोटो: 14
बच्चे को किसी भी कारण वश सस्पेंड नहीं किया जा सकता। यदि ऐसा किया गया है तो यह सीबीएसई के नार्म्स के खिलाफ है। स्कूल प्रबंधन पर निश्चित तौर पर हम कार्रवाई करेंगे। सीडब्ल्यूसी ने भी रिपोर्ट सौंप दी है।
ज्योति बैंदा, राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग, चेयरमैन।
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फोटो: 15
बच्चे को सस्पेंड करने के मामले में डीईओ मैडम को कार्रवाई के लिए बोला जाएगा। सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट आ चुकी है। निश्चित तौर पर इस मामले में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
शरणदीप कौर बराड़, डीसी अंबाला।