आवारा कुत्तों पर नकेल कसने के मामले में कोर्ट में पेश हुए कमिश्नर
कुत्तों पर नकेल कसने के मामले में मंगलवार अदालत में नगर निगम कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी के सुपरिटेंडेट सुबे सिंह अदालत में पेश हुए। जहां मामले में गवाहियां हुई। अदालत ने मामले में चीफ सेक्रेटरी और डायरेक्टर अर्बन लोकल बॉडी के वारंट जारी किए हुए थे।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : कुत्तों पर नकेल कसने के मामले में मंगलवार अदालत में नगर निगम कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी के सुपरिटेंडेट सुबे सिंह अदालत में पेश हुए। जहां मामले में गवाहियां हुई। अदालत ने मामले में चीफ सेक्रेटरी और डायरेक्टर अर्बन लोकल बॉडी के वारंट जारी किए हुए थे। इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 जनवरी की तारीख निर्धारित कर दी। मामले की पैरवी के लिए चीफ सेक्रेटरी ने कमिश्नर को नियुक्ति कर दिया था।
एडवोकेट गौरव राजपूत ने बताया कि 2015 में सीएम विडो पर अर्जी लगाई थी। इसमें कुत्तों पर नकेल कसने के लिए गुहार लगाई गई थी। साथ ही जानकारी लेनी चाही थी कि जिले में कितने आवारा कुत्ते हैं और उन पर क्या कार्रवाई की जा रही है। इसमें जानकारी मिली थी कि गिनती में 17 हजार जिले में कुत्ते हैं। इसमें नगर निगम की ओर से सरकार को लिखा गया था कि इन पर नकेल कसने के लिए प्रति कुत्ता एक हजार रुपये खर्च है। ऐसे में एक करोड़ 70 लाख रुपये का बजट बनाया गया था। मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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याची ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
याचिकाकर्ता जंडली के राजकुमार शर्मा ने नवंबर 2015 में डायरेक्टर अर्बन लोकल बॉडी, सीएम विडो, सिविल अस्पताल को पार्टी बनाया गया था। जिसमें इन्हें समन भी भेजे गए थे। इसके बाद कोर्ट ने मामले में रिपोर्ट मांगी थी।
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नसबंदी दूर इंजेक्शन भी नहीं लगवाए
नसबंदी करने के लिए सीजीरियन करना पड़ता है। जबकि विदेशों में यह तरीका नहीं अपनाया जाता। वहां केवल कुत्तों को इंजेक्शन लगा दिये जाते हैं। इसी प्रक्रिया पर यहां पर भी विचार रखा गया। कोर्ट ने कमिश्नर अंबाला से स्टेट्स रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन इसके लिए भी निगम को फंड नसीब नहीं हो पाया। इसके बाद मामला गवाही पर आ गया। जिसमें कोर्ट ने नगर निगम कमिश्नर अंबाला, कैंटोनमेंट बोर्ड, डायरेक्टर अर्बन लोकल बॉडी, चीफ सेक्रेटरी को समन भेज गया था।
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कैंटोनमेंट बोर्ड ने निकाल दिया था टेंडर
मामले में कैंटोनमेंट बोर्ड को भी पार्टी बनाया गया था। जिसके बाद कैंटोनमेंट बोर्ड ने 2500 कुत्तों की नसबंदी का टेंडर निकाल दिया था। समन के बाद कैंटोनमेंट बोर्ड की ओर से कोर्ट को नसबंदी से अवगत करा दिया गया था।
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कोर्ट ने जारी कर दिए थे वारंट
निगम की ओर से कोई पेश न होने पर कोर्ट ने वारंट जारी कर दिये थे। इसके बाद मामले में 27 सितंबर को विनोद बैनीवाल पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि नगर निगम सरकार से पत्राचार कर चुका है, लेकिन कोई फंड नहीं मिल पाया। इसके बाद कोर्ट ने मामले में चीफ सेक्रेटरी और डायरेक्टर अर्बन लोकल बॉडी के वारंट जारी कर दिये थे और 15 अक्टूबर को पेश होना था।
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-मामले में याचिकाकर्ता ने मांगा था रिकॉर्ड
वादी - आवारा कुत्तों की समस्या खत्म करने के लिए क्या नियम या नोटिफिकेशन जारी किए गए।
प्रतिवादी - मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसमें न कोई आर्डर किया और न ही नोटिफिकेशन जारी किया गया।
वादी - नगर निगम की ओर से जो फंड को लेकर पत्राचार किए गए उसमें क्या कार्रवाई की गई।
प्रतिवादी - हमें कोई पत्र नहीं मिला।
वादी - अंबाला में आवारा कुत्तों के काटने से कितने लोगों की मौत हुई और कितने लोग घायल हुए हैं।
प्रतिवादी - ऐसा कोई रिकॉर्ड उनके पास नहीं है। संबंधित विभाग पशुपालन इस पर कार्रवाई करेगा।