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लुट रहा सरकारी खजाना, कृषि के लिए खरीदे गए ट्रैक्टर-ट्रॉली का हो रहा कॉमर्शियल प्रयोग

कृषि कार्यो के लिए खरीदे गए 500 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का धड़ल्ले से कॉमर्शियल प्रयोग हो रहा है। इनपर लगाम कसने में अब तक ट्रैफिक पुलिस व आरटीए विभाग पूरी तरह से विफल साबित हुए है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 07:25 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 07:25 AM (IST)
लुट रहा सरकारी खजाना, कृषि के लिए खरीदे गए ट्रैक्टर-ट्रॉली का हो रहा कॉमर्शियल प्रयोग
लुट रहा सरकारी खजाना, कृषि के लिए खरीदे गए ट्रैक्टर-ट्रॉली का हो रहा कॉमर्शियल प्रयोग

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : कृषि कार्यो के लिए खरीदे गए 500 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का धड़ल्ले से कॉमर्शियल प्रयोग हो रहा है। इनपर लगाम कसने में अब तक ट्रैफिक पुलिस व आरटीए विभाग पूरी तरह से विफल साबित हुए है। वहीं रही सही कसर को ओवरलोडेड, बिना रिफ्लेक्टर एवं खनन में प्रयोग होने वाले वाहनों ने पूरी कर दी। कुल मिलाकर पूरा सिस्टम बिगड़ चुका है।

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विभागों की लापरवाही से बेखौफ सड़कों पर फर्राटा भरने वाले वाहनों का स्पीड पर जोर है लेकिन इनसे होने वाले हादसों का इन्हें कोई अंदेशा नहीं है। साल 2018-19 में कुल 1011 सड़क हादसे हुए हैं जिनमें 25 फीसदी दुर्घटनाएं ऐसी रहीं जिनमें बिना रिफ्लेक्टर लगे वाहनों के कारण मौत हुई है। कोहरे के कारण होते हैं भीषण हादसे

अगर किसी वाहन चालक के पास चेकिग के दौरान एक भी कागज कम मिलता है तो उसका चालान कर दिया जाता है लेकिन बैगर रिफ्लेक्टर फॉग लाइटों के अनेक लोडिग वाहन बेखौफ सड़कों पर हादसों को निमंत्रण देने को दौड़ रहे हैं। ऐसे वाहनों और उनके चालकों पर किसी प्रकार का शिकंजा नहीं कसा जा रहा। रिफ्लेक्टर लगे होने से पीछे से रहे वाहन परेशानी उठानी पड़ती है। वहीं वीरवार को गांव पटवी के पास बीचोंबीच खड़ी ओवरलोडेड ट्रैक्टर-ट्रॉली पर रिफ्लेक्टर न लगा होने के कारण पटवी निवासी विकास कुमार उर्फ विक्की पीछे से बाइक टकरा जाने पर मौके पर ही मौत हो गई थी। जुगाड़ी वाहन भी पीछे नहीं

ट्विन सिटी में जुगाड़ी वाहनों की भी कमी नहीं है। बहुत से लोगों ने कम पैसे में अधिक पैसा कमाने के चक्कर में कई जुगाड़ी वाहन बनाए हुए हैं। हालात ये है लोगों ने बाइक को रेहड़ी के साथ लगाकर ठेलानुमा वाहन बना दिया है। लेकिन इस तरह के वाहनों पर भी कोई रिफ्लेक्टर या रेडियम टेप नहीं मिलेगी। ये भी बेखौफ सड़कों पर दौड़ रहे हैं। लेकिन पुलिस इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती, इसी लापरवाही का अब इन वाहनों को फायदा हो रहा। रोड सेफ्टी की मीटिग में बनाया जाता है एजेंडा

बता दें हर माह होने वाली रोड सेफ्टी की मीटिग में सड़क सुरक्षा को लेकर एजेंडा बनाया जाता है। जिसमें संबंधित विभागों के कर्मचारी व अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए जाते हैं। लेकिन मीटिग में जो नियम बनाए जाते हैं उनपर कोई अमल नहीं होता। हालात ये है सड़कों पर लगे बैरीकेट्स पर रिफ्लेक्टर टेप या तो उतर चुकी हैं या फिर उतर कर लटक गई हैं। जो वाहन चालक यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं उन्हें किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाता। उनके चालान किए जाते हैं। बकायदा उन्हें चेतावनी के साथ-साथ भारी जुर्माना भी लगाया जाता है। इसके अलावा जिन वाहनों पर रिफ्लेक्टर नहीं लगे उनपर भी नजर रखी जा रही।

- मनीष सहगल, डीएसपी, ट्रैफिक पुलिस ट्रैक्टर-ट्रॉली को कॉमर्शियल प्रयोग कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उसे वाहन का रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। इसके अलावा जो बिना रिफ्लेक्टर के वाहन घूम रहे हैं कर्मचारी उनके चालान काट रहे हैं। यदि फिर भी कोई इस तरह के वाहन दौड़ रहे उनपर कार्रवाई तेज कर दी जाएगी।

- जगदीप ढांडा, सचिव, आरटीए


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