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मुख्यमंत्री की घोषणा : अस्पताल का दर्जा बढ़ा न बनी मल्टी लेवल पार्किंग

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान जिले में कई प्रोजेक्ट लगाने को लेकर घोषणाएं हुई। कई घोषणाएं तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की हैं। शहर के लिए सबसे बड़ी घोषणा जिला अस्पताल का दर्जा बढ़ाने की थी। भाजपा सरकार बनने के बाद ही अस्पताल का दर्जा बढ़ाने को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी लेकिन आज तक यह नहीं बढ़ पाया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 07:35 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 07:35 PM (IST)
मुख्यमंत्री की घोषणा : अस्पताल का दर्जा बढ़ा न बनी मल्टी लेवल पार्किंग
मुख्यमंत्री की घोषणा : अस्पताल का दर्जा बढ़ा न बनी मल्टी लेवल पार्किंग

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान जिले में कई प्रोजेक्ट लगाने को लेकर घोषणाएं हुई। कई घोषणाएं तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की हैं। शहर के लिए सबसे बड़ी घोषणा जिला अस्पताल का दर्जा बढ़ाने की थी। भाजपा सरकार बनने के बाद ही अस्पताल का दर्जा बढ़ाने को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी लेकिन आज तक यह नहीं बढ़ पाया। इसी प्रकार शहर में दो स्थानों पर मल्टी लेवल पार्किंग बनाने की घोषणा पर भी काम नहीं हो पाया। जबकि छावनी में इस पर काम शुरू हो चुका है। इसी तरह शहर में कई घोषणाएं हुई हैं लेकिन बड़ी योजनाओं पर धरातल पर काम ही शुरू हो पाया। स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज के महकमों से जुड़ी जो घोषणाएं तो छावनी के लिए हुई वह अब रफ्तार पकड़ती नजर आ रही हैं।

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स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री के विधानसभा क्षेत्र छावनी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का फुटबाल स्टेडियम, 100 बेड का अस्पताल, मल्टी लेवल पार्किंग, अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बैड¨मटन कोर्ट, छावनी को उपमंडल का दर्जा, 56 करोड़ से कैंसर अस्पताल आदि घोषणाएं धरातल पर नजर आ रही हैं। जबकि शहर में दूसरी बड़ी घोषणा 78 करोड़ की लागत से बनाए जाने वाले लघु सचिवालय पर भी काम अभी शुरू नहीं हो पाया है।

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अतिरिक्त भवन पर शुरू नहीं हुआ काम

जिला नागरिक अस्पताल को 300 बेड बनाए जाने की कड़ी में 100 बेड का अतिरिक्त भवन बनाया जाना है। इस भवन के निर्माण के बाद ही अस्पताल 300 बेड हो पाएगा। इस भवन के लिए 64 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी जरूर मिल चुकी है। इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू होनी है, लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया। हालांकि, जबकि छावनी के 100 बेड अस्पताल की कहीं बाद में प्रक्रिया शुरू हुई और करीब एक साल से यहां ओपीडी व इमरजेंसी सेवाएं चल रही हैं।

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अभी पार्किंग की कमी से जूझ रहा है शहर

शहर में वाहनों की भीड़भाड़ बढ़ती जा रही है। वाहन पंजीकरण शाखा के आंकड़ों के मुताबिक प्रति माह करीब 2500 वाहन नए जुड़ जाते हैं। इस लिहाज से पार्किंग उपलब्ध नहीं हैं। शहर में अभी प्राइवेट बस स्टैंड के स्थान पर पार्किंग की जा रही है जबकि यह पूरी तरह अवैध है। इसी प्रकार रेलवे स्टेशन व सामान्य अस्पताल में पार्किंग है। हालांकि, ऐसी कोई मल्टी लेवल पार्किंग नहीं है जिससे शहर को निजात मिलती। मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद इन पर कहीं काम शुरू नहीं हुआ।


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